20 अक्तूबर 2021

......तुम कभी नही आओगी माँ :)


ये मैं अच्छी तरह से 
जानता हूँ माँ
तुम कभी नही आओगी 
फिर भी 
मैं तुम्हारी प्रतिक्षा करता 
रहूँगा 
कि तुम मेरी दुनिया मे कब 
वापस लौट कर आओगी
और मुझे सोते देख 
अपना हाथों से 
प्यार भरा स्पर्श कर जाओगी
मुझे उठा कर अपनी बातों से 
मेरी हिम्मत बढ़ाओगी
जिसे खो चुका हूँ मैं
माँ तुम्हारे जाने के बाद !!

- संजय भास्कर

21 टिप्‍पणियां:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

नमन मां के लिए

Sudha Devrani ने कहा…

माँ जाने बाद भी सदा साथ होती है हमारी यादों में
बहुत ही हृदयस्पर्शी सृजन।

अनीता सैनी ने कहा…

जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(२१-१०-२०२१) को
'गिलहरी का पुल'(चर्चा अंक-४२२४)
पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर

Manisha Goswami ने कहा…

मां तो आखिर मां होती है
बच्चों की जां होती है!
मां के बिना यह दुनिया सुनी लगती है
नमन मां को🙏🙏
बहुत ही मार्मिक और हृदय स्पर्शी सृजन!

Onkar ने कहा…

बहुत ही सुन्दर

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

मैं अच्छी तरह से जानता हूँ माँ, तुम कभी नही आओगी ! फिर भी मैं तुम्हारी प्रतिक्षा करता रहूँगा''
बेहद मार्मिक ! नहीं भूलती माँ जिंदगी भर

MANOJ KAYAL ने कहा…

बहुत सुंदर

Meena Bhardwaj ने कहा…

माँ सदा बच्चों के साथ रहती है आशीर्वाद के रूप में । बेहद मर्मस्पर्शी सृजन ।

Madhulika Patel ने कहा…

ये मैं अच्छी तरह से
जानता हूँ माँ
तुम कभी नही आओगी
फिर भी
मैं तुम्हारी प्रतिक्षा करता
रहूँगा ,,,,,,, बहुत मार्मिक रचना मैंने भी कोविड की वजह से मॉं को खोया है,हर जगह मॉं ही नज़र आती है ।मुझे मेरी अपनी सी लगी ये रचना,मॉं जी को सादर प्रणाम ।

जितेन्द्र माथुर ने कहा…

श्रद्धांजलि

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

बहुत सुंदर भावनात्मक लेखन....नमन |

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

मन को छू गई आपकी रचना संजय जी । और मां के बारे में जानकर अपार दुख हुआ, उन्हें मेरी विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏

दिगम्बर नासवा ने कहा…

माँ की यादों में डूबी कलम बहुत कुछ कह रही है ...
माँ वैसे तो आस पास ही रहती है बच्चों के .... अपनी यादों से ही कमाल कर जाती है ...

Bharti Das ने कहा…

मां शब्द नाजुक कोमल ममता से ओतप्रोत करने वाली प्रवाह जिसे सिर्फ महसूस कर सकते हैं
बेहतरीन अभिव्यक्ति

Rupa Singh ने कहा…

मां को श्रद्धांजलि 🙏🙏

जाने वाले कभी लौट कर नहीं आते। मां का रिश्ता तो ऐसा होता है जिसकी कमी पूरी नहीं की जा सकती। पर मां का आशीर्वाद सदैव बच्चों पर बना रहता है।

मार्मिक चित्रण

नूपुरं noopuram ने कहा…

माँ की मधुर स्मृति
आपको दे शक्ति

सरल शब्दों में सहज अभिव्यक्ति.

Anuradha chauhan ने कहा…

माता जी को नमन 🙏
बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति।

रेणु ने कहा…

बहुत दुखद समाचार है प्रिय संजय और उससे भी अधिक दुखद है कि इतने दिन बाद मैं यहां आई हूं। मां को खोना जीवन की सबसे बड़ी क्षति है। मार्मिक रचना में मां को खोने की पीड़ा छुपी है। कितना भी समझाओ मन को सुकून नहीं आता। मां की पुण्य स्मृति को सादर नमन। यही कहना चाहूंगी कि मां हमारे संस्कारों और विचारों में सदैव रहती है।

नूपुरं noopuram ने कहा…

रेणु जी, बहुत सच्ची और अच्छी बात कही आपने.
माँ हमारे विचारों और संस्कारों में जीवित रहती हैं.

Amrita Tanmay ने कहा…

हार्दिक संवेदना।

आलोक सिन्हा ने कहा…

बहुत सुन्दर