10 अक्टूबर 2010

.................अपना घर

 जवान बेटी को बाप ने कहा 
जाना होगा अब तुम्हे अपने घर ,
बी. ए  की करनी वही पढाई 
ढूंढ़ लिया तेरे लायक वर ,
अब तक तुम हमारी थी 
पर अब यहाँ से जाना होगा 
जुदा होकर हमसे 
नया घर बसाना होगा ,
बेटी ने बहु बनकर बी. वाली बात दोहरायी
सुनकर उसकी बातें सास गुर्राई 
अगर आगे ही पढना था 
तो पढ़ती ' अपने घर '
बहु है हमारी अब सेवा कर ,
बेटी ने सोचा और समझा 
कौन सा है मेरा घर 
या फिर बेटिया दुनिया में 
होती है ........बे घर  | 

........संजय