16 जनवरी 2013

ऐसी खुशी नहीं चाहता -- -- संजय भास्कर

 
ऐसी खुशी नहीं चाहता
जो किसी का दिल दुखाने से मिले,
हंसी ऐसी नहीं चाहता जो किसी को रुलाने से मिले
उस दौलत का क्या करना जो अपनों से कर दे दूर,
जो जाने-अंजाने पैदा कर देती दिल में गुरूर |
सर ढकने को छत हो
खाने को रोटी हो भूखे पेट कोई सोये ना ,
नहीं चाहिए वो राम जो इंसानों में फर्क करे
आपस में बैर व धरती को नरक करे
कब आएगा वो दिन
जब उंच- नीच ख़तम होगा मानव सभी की जात होगी,
मानवता ही धरम होगा रोते हुये को हँसाना सबसे बड़ा करम होगा
मिलेगी ख़ुशी इस मन को तभी जब सारी दुनिया एक समान होगी..............!!!!
 
चित्र - गूगल से साभार

@ संजय भास्कर 
 
 

01 जनवरी 2013

सारी घड़ियाँ बीत गई -- संजय भास्कर


सारी घड़ियाँ बीत गई
अब हर रोज होगी मुलाकातें
कुछ तुम कहना
कुछ हम कहेंगे
अपने दिल की बातें
कैसे कैसे सपने देखे
कैसे बीती रातें
बीता वर्ष 2012 चला गया
नया दिन 2013 के साथ
इंतज़ार की घड़िया ख़त्म
हो गई
रूबरू हुये हम 2013 में
आपके साथ
लेकर खुशियों की बरसात .........!!!

Happy  New Year 2013

चित्र - गूगल से साभार



@ संजय भास्कर