18 जून 2020

फ्लाईओवर शहरों के लोगों की लाइफ लाइन :(


फ्लाईओवर पर कविता लिखना 
आसान नही है
फ्लाईओवर पर कविता लिखने से पहले
शहर के लोगो के विचार जान लेना 
जरूरी है 
जो हर रोज या अक्सर फ्लाईओवर
के ऊपर से गुजरते है
क्योंकि वही लोग बात सकते है 
शहर मे फ्लाईओवर होने के फायदे 
वो फ्लाईओवर ही है 
जो शहर के बड़े वाहनो की भीड़ से 
बचाता है 
और लोगो का सफर आसान बनाता है
फ्लाईओवर बनाये ही जाते है 
कई वर्षो तक शहर को 
भारी भीड़ से बचाने के लिए 
और वर्षों तक लोगो का बोझ उठाने के लिए 
वरना साधारण आदमी की तो उम्र बीत 
जाती है 
फ्लाईओवर् का महत्व जानने मे !!

- संजय भास्कर

15 मई 2020

घोसले पर लौटती चिड़ियाँ :(


रोज देखता हूँ घर की छत से
एक बड़ा सा झुण्ड
चिड़ियों का
जो शाम को लौटती है
अपने घोसलों पर
कई बार सोचा लिखू कुछ चिड़ियों
के लिए
जो सारा दिन जंगलों , शहर की इमारतों
के इर्द- गिर्द 
घर के रोशन दानों
से चुनती है दाना
अपने परिवार के लिए
और शाम होते ही लौटती है
अपने घोसलों पर
एक बड़ा झुंड बना कर
पूरे हौसले के साथ  ....!!

- संजय भास्कर 

01 अप्रैल 2020

अलमारी में पड़ी कुछ पुरानी किताबें :)


अलमारी में पड़ी कुछ
पुरानी किताबें
जिन्हे काफी आरसे से
नहीं पढ़ पाया हूँ मैं
जो अलमारी में
पड़े - पड़े अक्सर देखती है मुझे
और देती है आमंत्रण
मुझे पढ़ने के लिए
पर यह सच है
कि इन किताबो को बरसो पहले
मैं खरीद लाया था
बड़े ही शौक से बाजार से
पर उन्हें लाने के बाद नहीं लगा
पाया हाथ उन्हें बरसो से
जीवन की उलझती व्यस्ताओ ने
दूर कर दिया मुझे इन
किताबो से
चाह कर भी नहीं पढ़
पाया हूँ
इन किताबो को बरसो से .... !!

- संजय भास्कर 

05 मार्च 2020

.... ज़िंदगी का तजुर्बा :)


घर के बड़े - बूढ़े 
जिन्हे नहीं चाहिए ज्यादा कुछ, 
चाहिए तो बस 
थोड़ी इज्जत और सम्मान, 
बदले में ये आपको दे 
सकते है , 
ज़िंदगी जीने का वो तजुर्बा 
जो शायद कही किसी 
किताब में 
लिखा ही नहीं 
ऐसा बिलकुल भी नहीं हैं 
ये कुछ नहीं जानते 
ये सब जानते है , 
नए जमाने की बातें  
पर ये 
उन पेड़ो की तरह
है  
जो हर मौसम और समय 
के हिसाब से 
ढलते रहे है   
तभी तो वे किसी भी परेशानी में , 
जल्दी कराहते नहीं
नई पीढ़ी की तरह 

- संजय भास्कर 

21 फ़रवरी 2020

... हर हर महादेव :)


शिव की बनी रहे हमेशा
सभी पर छाया,
पलट दे जो कभी भी सब की
किस्मत की काया;
मिले वो सब
जिसे सब ने अपनी
ज़िन्दगी में,
में कभी न पाया
काल का भी उस पर क्या
आघात हो
जिस बंदे पर महाकाल का हाथ हो !


सभी मित्रों को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !!
हर हर महादेव

24 जनवरी 2020

उस कील का धन्यवाद :(

( चित्र गूगल से साभार  )

उस कील का धन्यवाद
जिसने संभाले रखा
पुरे वर्ष उस कैलेंडर को
जिसमे हंसी ख़ुशी की
तारीखे दर्ज थी
साल बदलते रहे
हर नए साल पर  ,
नये कैलेंडर चढ़ते रहे
दीवार पर टंगा हर वर्ष का
पुराना कैलेंडर ,
फड़फड़ाता रहता है
अपने आखरी दिनों में
क्योंकि उसको पता होता है 
जल्दी ही उसको ये जगह
खाली करनी है
और नए,कलेवर में आ जायेगा
नया कैलेंडर
पर कील हमेशा अपनी जगह
जमी रही पूरी मजबूती से
हमारी हंसी ख़ुशी की
की तारीखों को थामे
इसलिए कील के हौसले
पर उस कील का धन्यवाद

- संजय भास्कर 

08 जनवरी 2020

... मेरा मफलर :)

नववर्ष 2020 की मंगलकानाओं के साथ सभी साथियों को मेरा नमस्कार कई दिनों के बाद आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई रचना के साथ उम्मीद है आपको पसंद आये......!! 


सर्दी के मौसम में
मैं और मेरा मफलर
बन जाते है 
गहरे दोस्त
मफलर की गर्म बाहें देती है
मुझको एक 
गर्म एहसास हमेशा
जो लिपट कर मेरी
गर्दन से
झूलता रहता है मेरे कांधों पर।
और हमेशा देता है एक गर्म एहसास
पर जब कभी ठिठुरन से
ऐठ जाते है
मेरे कान तो घुमा लेता हूँ
सर के ऊपर से
एक बार
लम्बी बाहों की तरह
क्योंकि मफलर
भी लगता है मुझे मेरा अपना
जो रहता है तैयार
हमेशा बाहें फैलाये .......!!

- संजय भास्कर