24 जनवरी 2020

उस कील का धन्यवाद :(

( चित्र गूगल से साभार  )

उस कील का धन्यवाद
जिसने संभाले रखा
पुरे वर्ष उस कैलेंडर को
जिसमे हंसी ख़ुशी की
तारीखे दर्ज थी
साल बदलते रहे
हर नए साल पर  ,
नये कैलेंडर चढ़ते रहे
दीवार पर टंगा हर वर्ष का
पुराना कैलेंडर ,
फड़फड़ाता रहता है
अपने आखरी दिनों में
क्योंकि उसको पता होता है 
जल्दी ही उसको ये जगह
खाली करनी है
और नए,कलेवर में आ जायेगा
नया कैलेंडर
पर कील हमेशा अपनी जगह
जमी रही पूरी मजबूती से
हमारी हंसी ख़ुशी की
की तारीखों को थामे
इसलिए कील के हौसले
पर उस कील का धन्यवाद

- संजय भास्कर