12 जनवरी 2011

किस बात का गुनाहगार हूँ मैं....संजय भास्कर


किस बात का गुनाहगार हूँ मैं,
खुशिया भरता हूँ  सबकी जिंदगी में ,
टूटे दिलो को दुआ देता हूँ ,
दुश्मन का भी भला करता हूँ |
क्या इसी बात का गुनाहगार हूँ ,
मेरी जिंदगी में कांटे डाले सबने
मैंने फूलों की बहार दे डाली
बचाता हूँ दोस्तों को हर इलज़ाम से
कहीं दोस्त बदनाम न हो जाये
मेरे लिए यही जिंदगी का दस्तूर है |
क्या इसीलिए मैं गुनाहगार हूँ ,
साथ निभाता हूँ सभी अपनों का
जिंदगी की हर राह पर
क्या यही है कसूर मेरा ,
हाँ हाँ .......यही है कसूर मेरा
जो अपने दिल के गमो को छुपाता रहा हूँ मैं
ज़माने को हसाता रहा हूँ मैं,
और तन्हाई में आंसू  बहाता  रहा हूँ मैं 
' भास्कर ' पूछता है क्या यही जिंदगी का दस्तूर है
कोई बता दे कसूर मे
किस बात का.................... गुनाहगार हूँ  मैं  !
चित्र :- ( गूगल से साभार  )
 

..................... संजय कुमार भास्कर