21 नवंबर 2012

दुआ फलती नहीं तो क्या हुआ-- राजेश कुमारी ( ह्रदय के उदगार )

उसकी दुआ तुझ पे फलती नहीं तो क्या हुआ
वक्त के साथ घडी चलती नहीं तो क्या हुआ !!

बाजुओ में तेरे ताकत आज भी है बहुत
रहम की भीख तुझे नहीं मिलती तो क्या हुआ !!

पेट की आग तो वो भी बुझा लेते है
अब चूल्हे में लकड़ी जलती नहीं तो क्या हुआ !!

कूद जाते है फल खुद ही दरख्त से
डाली अब नरमी से झुकती नहीं तो क्या हुआ !!

तर जाते है सागर भी हिम्मत वाले
पहुचने की कश्ती नहीं मिलती तो क्या हुआ !!

उस रब की इबादत पे भरोसा रख तू
अब के किस्मत तेरी चमकी नहीं तो क्या हुआ !!

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 आदरणीय राजेश कुमारी ब्लॉगजगत की जानी मानी शक्सियत है
जिन्हें ब्लॉगजगत में -- हिंदी कविताये आपके विचार -- ब्लॉग के माध्यम से जाना जाता है और चर्चा मंच की एक उम्दा चर्चाकार है !
ब्लॉग के माध्यम से तो राजेश कुमारी जी बहुत समय से पढता आ रहा हूँ पर मेरी मुलाकात राजेश कुमारी जी से परिकल्पना समारोह में लखनऊ में हुई वहाँ से लौटने के बात उनकी कविता संग्रह ( ह्रदय के उदगार ) को  पढने का मुका मिला .......... उसी से जुड़े कुछ विचार आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ !

राजेश कुमारी जी का ब्लागर बनने का सफ़र --
नेट पर सर्च करते करते ब्लोगिंग का पता चला और ब्लॉग शुरू कर दिया पर वास्तविकता कुछ और है बहुत रोचक घटना है मेरी ब्लोगिंग के पीछे बहुत दिनों से आप सब से शेयर करना चाहती थी सो आज आज सोचा कुछ अलग लिखूं |
ब्लोगर से पहले मैं ओर्कुटर थी ऑरकुट एक फेस बुक की तरह की वेब साईट शायद अधिकतर लोग जानते होंगे ,खूब मजे से ओर्कुटियाते थे एक से बढ़कर एक चित्र चिपकाते थे ,लोग टिपियाते थे|एक बार मेरे एक ऑरकुट मित्र मुकन्दा/आक्रोशित मन (आजकल कवी विद्रोही रवि भी लिखते हैं)ने एक फोटो पोस्ट की भैंस  पर  खड़ा  हुआ लड़का ,फिर क्या था टिप्पणियों की बौछार हो गई|मुझे भी उस चित्र  ने आकर्षित किया जैसे ही मैं टिपण्णी करने लगी तो मुझे सबसे ऊपर एक टिपण्णी दिखाई दी जो किसी दीनदयाल शर्मा जी की थी लिखा  था ---फोटो मेरा और वाह वाही पाओ तुम कम से कम मेरा नाम तो लिख दिया होता पहले तो मैंने सोचा शायद भैंस के ऊपर जो लड़का है उसका कमेन्ट है किन्तु अगली टिपण्णी में बात साफ़ हो गई जिसमे लिखा था फोटो खींचूँ मैं और टिप्पणियाँ बटोरो तुम ---सच मानिए ये टिप्पणी का मजेदार सिलसिला काफी लम्बा चला फिर मैंने उत्सुकता वश दीनदयाल जी की प्रोफाइल को खोलकर देखा वहां उनके ब्लॉग का लिंक पाया दीनदयाल शर्मा उसपर क्लिक किया तो देखा वो एक बहुत जाने माने राष्ट्रपतिके हाथों से सम्मानित एक बाल साहित्यकार  हैं उनकी बहुत सी बुक प्रकाशित हो चुकी हैं |बस वहां से आइडिया मिला और अपना ब्लॉग क्रियेट किया ,इस तरह मेरे ब्लॉग का जन्म हुआ !


.........................मेरी और से राजेश कुमारी जी को काव्य - संग्रह " ह्रदय के उदगार " के लिए हार्दिक बधाई और ढेरो शुभकामनायें ।

पुस्तक का नाम –  ह्रदय के उदगार

रचना कार --    राजेश कुमारी

पुस्तक का मूल्य – 299/

आई एस बी एन – 978-93-82009-20-7

प्रकाशक - ज्योतिपर्व प्रकाशन 99,ज्ञान खंड -3 इंदिरापुरम गाजियाबाद -201012



@ संजय भास्कर

03 नवंबर 2012

........कहीं तुम वो तो नहीं -- संजय भास्कर

 सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ  पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ !

.........मेरी कविता .....कुछ खो जाना के लिए प्रतुल वशिष्ठ ने कुछ लाइन लिखी है उम्मीद है आप सभी को पसंद आयेगी...........!!




@  रोज़ सुबह उठते हुए

अकसर कुछ खो जाता है ...

कभी अधूरे सपने तो कभी उनका मज़मून.

'क्या देखा था.. कौन-कौन मिले थे' ....प्रश्न थोड़ी-थोड़ी देर में कौंधते हैं.


वैसे ही बचपन में साथ पढ़े

जब चेहरा बदलकर बीस-तीस वर्ष बाद मिलते हैं.

तो कुछ खो सा जाता हूँ...

'कहीं तुम वो तो नहीं', 'तुम्हें कहाँ देखा है' जैसे प्रश्न मन में अनायास घुस आते हैं.


संजय भास्कर ,

आपके मनोभावों की यही खासियत है कि वह सहज गति से प्रवाहित हैं.

मुझे बहुत आनंद आया इस मंथर गति (अंदाज़) में अपनी कुछ बातें कहने में.

इसलिये कह सकता हूँ - ये उम्दा रचना है........ !



.......................बहुत - बहुत शुक्रिया  प्रतुल वशिष्ठ ज़ी 


@ संजय भास्कर