21 मार्च 2018

मुंडेर से टूट गया गौरैया का नाता - वर्ल्ड स्पैरो डे :)

विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च पर कुछ ........कभी खुले आंगन में फुदकने वाली गौरैया, छप्परों में घोसले बनाने वाली, फुदक-फुदक कर चहचहाने वाली गौरैया अब बन्द जाली, बंद दरवाजे, घरों से मुंडेर खत्म कर दिये गए के  कारण हमसे दूर चली गई है। बड़े बड़े जंगल में तब्दील होता शहर और असंवेदनशील होता यहां का निवासी गौरैया को अपने से दूर कर दिया है बड़े शहरों का विकास भले ही हो रहा हो लेकिन पशु पक्षियों के पर्यावास के लिए स्थान सिमटते जा रहे हैं। यही कारण है की गौरैया हर शहर में अपना अस्तित्व तलाश रही है। अब तो बड़े विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े शहरों के घर और जंगल दोनों गोरैया के रहने के लिए अब  अनुकूल नहीं हैं। हम यह नहीं कह सकते कि गौरैया खत्म हो गई है। लेकिन शहरी क्षेत्रों में उनके रहने की जगह कम हो गई है।
एक वक्त था जब सुबह की पहली किरण के साथ ही हमारे कानों में बहुत मीठी आवाजें पड़ती थीं। ये चिड़ियों की आवाज थी जिसे गौरैया के नाम से जाना जाता है। वक्त बदला और तेज रफ्तार देश-दुनिया में गौरैया की आबादी कम होती चली गई। एक अनुमान के मुताबिक, शहरों में तो इनकी तादाद महज 20 फीसदी रह गई है। गांवों में हालात बहुत ज्यादा जुदा नहीं हैं। यहां जानते हैं कि आखिर किन वजहों से ये हमसे दूर हुईं....लेकिन अगर हम सब मिलकर प्रयास करे तो शायद कुछ हद तक हम गौरैयों की चहचहाट फिर पा सकते हैं। और हमारी सुबह फिर खूबसूरत हो सकती है
खिड़कियों या घरों के कोनों मे दाना और पानी से भरी कटोरियाों लटकाएं। छत पर कुछ बोंसाई गमले लगा सकते हैं। इनको दाना और पानी मिलेगा तो ये जरूर आएंगी चाहें तो कुछ घोंसले भी बना सकते हैं !!

विश्व गौरैया दिवस
- संजय भास्कर

07 मार्च 2018

.....शादी की सालगिरह और तुम :)

नमस्कार दोस्तो कैसे हैं आप सब? उम्मीद है, स्वस्थ-प्रसन्न होंगे सभी मित्रो को मेरा प्यार भरा नमस्कार शब्दों से यूँ ही मुस्कुराहट बाँटने की कोशिश में कल कुछ पीछे छूट गया कल मेरी शादी की सालगिरह थी हमेशा ही आप सभी का स्नेह और आशीर्वाद मुझे मिलता रहा है आज फिर इस अवसर पर आप सभी का प्रेम और आशीर्वाद चाहिए आज ब्लॉग पर वापसी एक पुरानी कविता के साथ जो शादी से पहले की है उम्मीद है पसंद आये ....!!
आज के ही दिन हम हुए थे एक कुछ खट्टी मीठी यादें 
ढेर सारा प्यार लगता है 
कल की ही बात है स्वर्ग में तय होते हैं रिश्ते 
सुना है ऐसा सब कहते हैं,
( चित्र:- प्रीती भास्कर और मैं )

तेरे लायक नहीं,जानता हूँ मैं 
जो कभी नही हुआ
वो आज हो गया
जो मेरे पास था
वो दिल खो गया
तुम जानती हो या पता नहीं
पर जो खोया है मैंने
वो है तेरे पास कहीं
मिल जाये तो लौटा देना
तेरे लायक नहीं वो
जानता हूँ मैं 
ले लूँगा, समझाकर रख लूँगा पास अपने ही !!


- संजय भास्कर