20 जून 2014

....... दिन में फैली ख़ामोशी :))

चित्र - ( गूगल से साभार )

जब कोई इस दुनिया से
चला जाता है
वह दिन उस इलाके के लिए
बहुत अजीब हो जाता है
चारों दिशओं में जैसे
एक ख़ामोशी सी छा जाती है
दिन में फैली ख़ामोशी
वहां के लोगो को सुन्न कर देती है
क्योंकि कोई शक्श
इस दुनिया से
रुखसत हो चुका होता है........!!


(C) संजय भास्कर 

09 जून 2014

........ तेरे डिब्बे की वो दो रोटियाँ :)

( चित्र - गूगल से साभार ) 

तेरे डिब्बे की वो दो रोटियाँ..
कहीं बिकती नहीं..
माँ, महंगे होटलों में आज भी..
भूख मिटती नहीं...!

ये पंक्तियाँ मझे Mother's Day पर SMS में मिली, काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत से दूर था आज समय मिला तो आप सब से साँझा कर लीं !


-- संजय  भास्कर