24 जून 2012

........मैं लिखता हूँ--संजय भास्कर



इस भाग दौड़ भरी दुनिया में
जब भी समय मिलता है
मैं लिखता हूँ ।
जब समय नहीं कटता मेरा
समय काटने के लिए
मैं लिखता हूँ ।
जब भी लिखता हूँ,
बहुत ध्यान और
शांत मन से लिखता हूँ ,
लिखने से पहले
अपने मन को भेजता हूँ ,
उन गलियारों में
जहाँ से मेरा मन
शब्द इकठ्ठा करता है ,
जिसे मैं कलम के जरिये

अपनी डायरी में सजा सकूं ,
और दुनिया के सामने
अपने मन की बातें 
कह सकूं
कुछ अपने दिल की
सुना सकूँ.... !
आप सबको
अपने शब्‍द संसार से
परिचित करा
सकूँ.............!!

( चित्र गूगल से साभार  )

@ संजय भास्कर