11 जनवरी 2014

......... खामोश रही तू :))

                    ( चित्र - गूगल से साभार )

खामोश रही तू,
न तूने कुछ कहा 
न मैंने कुछ कहा,
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रह गया
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
सोचता हू 
मैं अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !!

@ संजय भास्कर 


44 टिप्‍पणियां:

सूबेदार ने कहा…

वाह बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति-------!
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
लेकिन धड़कनों ने आवाज दी-----.

आशीष अवस्थी ने कहा…

बढ़िया , बहुत बढ़िया संजय भाई , धन्यवाद
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मेरा मन पंछी सा ने कहा…

दिल कि बात दिल तक पहुँच जाये तो
दो दिल एक हो जाये .....
बहुत ही भावपूर्ण रचना...
:-)

Ankur Jain ने कहा…

जब सच्चे और गहरे अहसास हो तो कुछ कहने की ज़रूरत कहाँ होती है...बहुत ही सुंदर रचना लिखी है।।।

सदा ने कहा…

भावमय करते शब्‍द ....बेहतरीन अभिव्‍यक्ति

ज्योति सिंह ने कहा…

sundar rachna ,nav varsh ki badhaiyaan

शिवनाथ कुमार ने कहा…

कभी कभी बिना कुछ कहे बहुत कुछ बयां हो जाता है
प्रेम की भाषा ही कुछ ऐसी होती है
बहुत ही सुन्दर, भावपूर्ण !

Ravi Rajbhar ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!

कौशल लाल ने कहा…

वाह बहुत सुन्दर ......

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना...

संध्या शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर....

vikram7 ने कहा…

वाह,सुन्दर प्रस्तुति

Aditya Tikku ने कहा…

utam

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सोच के इस दिया से बाहर आ कर ... शब्दों का सहारा लेना चाहिए ... कह देना चाहिए जो दिल में है बात ...लाजवाब संजय जी ...

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर ....

अंजना ने कहा…

बहुत बढ़िया ...

Himkar Shyam ने कहा…

वाह! बहुत खूब... संजय भास्कर जी. प्रतिक्रिया के लिए सहृदय आभार. ब्लॉग नया है. आपकी प्रतिक्रियाओं और सुझावों का स्वागत है.
अब तो यहाँ आना जाना लगा रहेगा. मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ.
हिमकर श्याम
http://himkarshyam.blogspot.in

Asha Joglekar ने कहा…

बात जब लबों से नही हो पाती आँखों से हो जाती है
सुंदर कविता।

Asha Joglekar ने कहा…

बात जब लबों से नही हो पाती आँखों से हो जाती है
सुंदर कविता।

सुधीर राघव ने कहा…

क्रांत‌ि से रोमांस की ओर। अच्छा सफर। अच्छी कव‌िता।
http://blog.amarujala.com/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%89%E0%A4%97-%E0%A4%9F%E0%A5%89%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%95/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF/aap-bjp-jhaadu/

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

सुन्दर कविता भाई संजय जी |

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति

बेनामी ने कहा…

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...

•٠• Education Portal •٠•

It happens... (Lalit Chahar)

बेनामी ने कहा…

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...

•٠• Education Portal •٠•

It happens... (Lalit Chahar)

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

अब भी कुछ ना कहो ....बस चुप ही रहो

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

अब भी कुछ ना कहो ....बस चुप ही रहो

आशा बिष्ट ने कहा…

तमाम एहसासों से लबरेज खूबसूरत रचना
अत्यधिक व्यस्तता के कारण लगातार आना सम्भव नही हो पता
इसके लिए माफ़ी चाहूंगी..।

Anita ने कहा…

कभी कभी कुछ न कहना ही सही होता है...मौन की अपनी एक भाषा है..

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !! bs yahi to effective communication hai ....bina kahe sab samajh jaate hain .....

mridula pradhan ने कहा…

bahut sunder kavita......

Rachana ने कहा…

लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !!
bahut sunder
badhai
rachana

Jyoti khare ने कहा…

प्रभावशाली
बहुत सुंदर---!!!!!

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

कहने को बहुत कुछ था मगर जब कहने पे आये
खामोश रही जुबां बस आँख से आंसू छलक आये

Asha Joglekar ने कहा…

प्यार की बात अक्सर आँखों आँखों में ही तो होती है।

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बहुत अच्छी रचना, बधाई.

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

वाह बहुत खूब !
पर मेरे ब्लाग पर क्यों नहीं दिख रहा होगा आपका अद्यतन किया हुआ ? धन्यवाद लिंक देने के लिये !

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

बहुत खूब

राज चौहान ने कहा…

लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !!

Rewa Tibrewal ने कहा…

sundar rachna

prritiy----sneh ने कहा…

achha likha hai...keh dete to shayad aur prem ka roop dekhne mil jaye... :)

shubhkamnayen

संदीप ने कहा…

सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !!

bahutkhub !!

Preeti 'Agyaat' ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति !

Unknown ने कहा…

तमाम एहसासों से लबरेज खूबसूरत रचना
अत्यधिक व्यस्तता के कारण लगातार आना सम्भव नही हो पता