( चित्र - गूगल से साभार )
खामोश रही तू,
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा,
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रह गया
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
सोचता हू मैं अब,
जो दिल में था हमारे,
दिल में ही रह गया
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
धड़कनों ने आवाज दी,
निगाहें फिर भी खामोश रही,
ग़म दोनों को होता था जुदाई का,
जिसे हमने खामोशी से सहा
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
सोचता हू मैं अब,
मौका इज़हार का कब आएगा,
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
जब दिल में छुपे जज़्बात
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !!
@ संजय भास्कर
44 टिप्पणियां:
वाह बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति-------!
न तूने कुछ कहा
न मैंने कुछ कहा
लेकिन धड़कनों ने आवाज दी-----.
बढ़िया , बहुत बढ़िया संजय भाई , धन्यवाद
नया प्रकाशन -: बच्चों के लिये मजेदार लिंक्स - ( Fun links for kids ) New links
दिल कि बात दिल तक पहुँच जाये तो
दो दिल एक हो जाये .....
बहुत ही भावपूर्ण रचना...
:-)
जब सच्चे और गहरे अहसास हो तो कुछ कहने की ज़रूरत कहाँ होती है...बहुत ही सुंदर रचना लिखी है।।।
भावमय करते शब्द ....बेहतरीन अभिव्यक्ति
sundar rachna ,nav varsh ki badhaiyaan
कभी कभी बिना कुछ कहे बहुत कुछ बयां हो जाता है
प्रेम की भाषा ही कुछ ऐसी होती है
बहुत ही सुन्दर, भावपूर्ण !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
वाह बहुत सुन्दर ......
बहुत सुन्दर और भावपूर्ण रचना...
बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति...
बहुत सुन्दर....
वाह,सुन्दर प्रस्तुति
utam
सोच के इस दिया से बाहर आ कर ... शब्दों का सहारा लेना चाहिए ... कह देना चाहिए जो दिल में है बात ...लाजवाब संजय जी ...
बहुत सुन्दर ....
बहुत बढ़िया ...
वाह! बहुत खूब... संजय भास्कर जी. प्रतिक्रिया के लिए सहृदय आभार. ब्लॉग नया है. आपकी प्रतिक्रियाओं और सुझावों का स्वागत है.
अब तो यहाँ आना जाना लगा रहेगा. मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ.
हिमकर श्याम
http://himkarshyam.blogspot.in
बात जब लबों से नही हो पाती आँखों से हो जाती है
सुंदर कविता।
बात जब लबों से नही हो पाती आँखों से हो जाती है
सुंदर कविता।
क्रांति से रोमांस की ओर। अच्छा सफर। अच्छी कविता।
http://blog.amarujala.com/%E0%A4%AC%E0%A5%8D%E0%A4%B2%E0%A5%89%E0%A4%97-%E0%A4%9F%E0%A5%89%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%95/%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4%E0%A4%BF/aap-bjp-jhaadu/
सुन्दर कविता भाई संजय जी |
बहुत सुन्दर अभिब्यक्ति
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...
•٠• Education Portal •٠•
It happens... (Lalit Chahar)
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...
•٠• Education Portal •٠•
It happens... (Lalit Chahar)
अब भी कुछ ना कहो ....बस चुप ही रहो
अब भी कुछ ना कहो ....बस चुप ही रहो
तमाम एहसासों से लबरेज खूबसूरत रचना
अत्यधिक व्यस्तता के कारण लगातार आना सम्भव नही हो पता
इसके लिए माफ़ी चाहूंगी..।
कभी कभी कुछ न कहना ही सही होता है...मौन की अपनी एक भाषा है..
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !! bs yahi to effective communication hai ....bina kahe sab samajh jaate hain .....
bahut sunder kavita......
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !!
bahut sunder
badhai
rachana
प्रभावशाली
बहुत सुंदर---!!!!!
कहने को बहुत कुछ था मगर जब कहने पे आये
खामोश रही जुबां बस आँख से आंसू छलक आये
प्यार की बात अक्सर आँखों आँखों में ही तो होती है।
बहुत अच्छी रचना, बधाई.
वाह बहुत खूब !
पर मेरे ब्लाग पर क्यों नहीं दिख रहा होगा आपका अद्यतन किया हुआ ? धन्यवाद लिंक देने के लिये !
बहुत खूब
लबो पे अल्फाज़ बन सज जाएगा
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !!
sundar rachna
achha likha hai...keh dete to shayad aur prem ka roop dekhne mil jaye... :)
shubhkamnayen
सोचते ही रह गए हम
...न तूने कुछ कहा
.....न मैंने कुछ कहा !!
bahutkhub !!
सुंदर अभिव्यक्ति !
तमाम एहसासों से लबरेज खूबसूरत रचना
अत्यधिक व्यस्तता के कारण लगातार आना सम्भव नही हो पता
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