05 अगस्त 2019

कुछ हट के राजस्थान सालासर बालाजी मंदिर दर्शन :(

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ब्लॉग पर इस बार कुछ हट आप सभी मित्रो के लिए घुमने तो अक्सर जाना हो ही जाता है पर पहले कभी इतना विशेष ध्यान नहीं दिया पर इस साल दो बार सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान जाने का मौका मिला तोबालाजी के दर्शन किये और मंदिर को बारीकी से देखा व मंदिर के बारे में काफी जानकारी मिली जिसे आपके सामने चित्रों के साथ प्रस्तुत कर रहा हूँ ! ब्लॉग जगत में घुमक्कड़ तो बहुत है पर कुछ से मैं परिचित हूँ इसमें नीरज भाई, संदीप भाई, योगी सारस्वत जी रितेश गुप्ता जी मुकेश पांडेय जी जी तस्वीरों के साथ यात्रा संस्मरण लिखने के लिए जाने जाते है जो सभी ब्लॉग मित्रो की पसंद है ये जहाँ भी जाते है चित्रों के साथ पूरा संस्मरण लिखते है ।
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 राजस्थान के चुरू जिले के सालासर में स्थित भगवान बालाजी का मंदिर एक पवित्र धार्मिक स्थल है। भगवान हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर सालासर के बालाजी नाम से भी विख्यात है। मंदिर में हर समय भक्तों का तांता लगा रहता है, दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पर भगवान हनुमान जी के दर्शनों हेतु आते रहते हैं। सालासर में स्थित हनुमान जी को लोग बड़े बालाजी के नाम से भी पुकारते हैं प्रत्येक वर्ष अश्विन पूर्णिमा एवं चैत्र पूर्णिमा के पावन समय पर यहां विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दौरान लाखों की संख्या में भक्त भगवान बालाजी के दर्शन के लिए यहां पहुँचते हैं। इसके अलावा हर मंगलवार
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एवं शनिवार के दिन भी यहां  भक्तों की भारी भीड़ रहती है यह भी प्रचलित है कि सालासर के बालाजी सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।  सालासर का बालाजी मंदिर अनेक रूपों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस मंदिर में स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा जो दाढ़ी मूंछ लिए हनुमान जी के व्यस्क रूप को दर्शाती है हनुमान जी ऐसा रूप कहीं और देखने को नहीं मिलता, केवल यहीं पर आपको भगवान हनुमान जी का ऐसा रूप देखने को मिलता है........!! सालासर बालाजी मंदिर में हनुमान जयंती, राम नवमी के
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अवसर पर भंडारे और कीर्तन इत्यादि का विशेष इंतजाम होता है इस दिन भारी संख्या में लोग यहां भगवान के दर्शनों के लिए आते हैं। लगभग बीस सालों से यहां पर रामायण का अखंड पाठ होता चला आ रहा है लोग यहां स्थित एक प्राचीन वृक्ष पर नारियल बांध कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करते है सालासर धाम अपने चमत्कारों है और भक्तों की मनोकामनाओं के पूर्ण होने के लिए प्रसिद्ध है। लाखों श्रद्धालु  इस मंदिर में आते है और नारियल बांधने, सवामनी  इच्छाओं को पूरा करने के लिए सवानी परंपराओं का अभ्यास करते हैं। हनुमान सेवा समिति द्वारा प्रबंधित और रखरखाव, हनुमान जयंती, चैत्री पौर्णिमा और अश्विन पौर्णिमा पर एक बड़े मेले का आयोजन किया जाता है।
अगर आप धार्मिक स्थानों पर जाने के शौक़ीन है और ऐसी जगहों पर जाना अच्छा लगता है तो निश्चित तौर पर राजस्थान के चुरू जिले में स्थित सालासर बालाजी जाकर आप निराश नहीं होंगे रुकने के लिए ... सालासर बालाजी में रुकने के लिए मंदिर के आस-पास कई शहरों के नाम से धर्मशालाएँ और होटल है, जिनका किराया भी 400 रूपए से शुरू होकर 1000 रुपए तक है ! इन धर्मशालाओं में लगभग ज़रूरत की सभी सुविधाएँ मौजूद है आप अपनी सहूलियत के हिसाब से कहीं भी रुक सकते है !!
आशा है आप सभी भी समय निकल कर बालाजी के दर्शन करने जाये !!
............. धन्यवाद !!

- संजय भास्कर

27 टिप्‍पणियां:

HARSHVARDHAN ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन नये भारत का उदय - अनुच्छेद 370 और 35A खत्म - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

Rohitas Ghorela ने कहा…

सुंदर यात्रा वृतांत. मैं भी राजगढ़ (चुरू) से हूँ.

पधारें- कायाकल्प

दिगम्बर नासवा ने कहा…

यात्रा का अच्छा वर्णन ... सालासार के इस मंदिर की बहुत मानता है ...
अभी मैं पिछले हफ्ते खाटू श्याम जी के मंदिर हो के आया हूँ ... राजस्थान तो भरा पड़ा है अपनी संस्कृति समेटे ...
अच्छा आलेख ...

Meena Bhardwaj ने कहा…

सुन्दर यात्रा वृत्तांत संजय जी । सालासर हनुमानजी मंदिर के बारे में पढ़ कर असीम हर्ष की अनुभूति हुई । हमारे यहाँ शुभ अवसरों पर सालासर धाम और खाटू श्याम जी के यहाँ जाने की.. वृत्तांत भक्ति और श्रद्धा से अभिभूत कर गया मन ।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

सही मायनों में अब वह धरती हमारी हुई पर उसकी बांबियों में छिपे विषधरों का सर कुचला जाना बाकी है
संजय जी, सुंदर वृतांत ! मैं तक़रीबन हर साल बालाजी के बुलावे पर सालासर जाता हूँ, सपरिवार ! सुविधाओं, साफ़-सफाई और अच्छे भोजन के लिए मुझे चमेली देवी सेवासदन बहुत रास आता है।


Meena Bhardwaj ने कहा…

त्रुटिवश वाक्य अधूरा रह गया कृपया --- "हमारे यहाँ परम्परा है शुभ अवसरों पर वहाँ जाने की " पढ़ें ।

रेणु ने कहा…

प्रिय संजय , सबसे पहले आपको सालासर धाम की सुखद यात्रा के लिए हार्दिक बधाई देती हूँ | आपने वहां की व्यवस्थाओं के विषय में जो लिखा उसे पढ़कर बहुत संतोष हुआ | अच्छा लगा की जिस धाम पर श्रद्धालु इतनी आशाएं लेकर जाते हैं वहां की व्यवस्थाएं संतोषप्रद है | हमें भी सपरिवार 2017 में मेंहदीपुर के बालाजी धाम जाने का अवसर मिला , पर वहां की घोर नारकीय व्यवस्था देखकर मन को अपार निराशा हुई | आशा करती हूँ वहां जरुर कुछ ना कुछ सुधार हो गया होगाआपने बहुत मन से लेख लिखा | धामों की मान्यता पर प्रश्न उठाना मेरा मकसद नहीं , पर अच्छी व्यवस्थाएं धार्मिक यात्राओं को अविस्मरनीय बना देती हैं | सस्नेह शुभकामनायें आपके लिए |

रेणु ने कहा…

प्रिय संजय मेंहदीपुर बालाजी यात्रा पर मेरा लेख जरुर पढ़ें जिसका लिंक है
https://renuskshitij.blogspot.com/2017/11/blog-post_27.html
क्या पता आपके ब्लॉग के माध्यम से मेरी बात सही लोगों तक पहुँच जाए | सस्नेह

Ration card ने कहा…

बहुत खूबसूरत सृजन !

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

सुन्दर यात्रा वृत्तांत। ऐसे और भी पोस्टस का इंतजार रहेगा।

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

सालासर बालाजी धाम जाने का मेरा भी बहुत मन है आपकी यह पोस्ट देख कर मेरी जाने की जिज्ञासा और बढ़ गई है मैं भी बहुत जल्दी सालासर बालाजी के दर्शन जरूर करने जाऊंगा धन्यवाद इस शानदार पोस्ट के लिए

विश्वमोहन ने कहा…

हम भी घूम चुके हैं, हनुमान जी के आशीष से। रोचक वर्णन।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

संजय भाई,आपने सालासर बालाजी का इतना रोचक वर्णन किया हैं कि वहां जिसने की इच्छा बलवती हो गई हैं।

शुभा ने कहा…

वाह!!संजय जी ,सालासार बालाजी की महिमा का बहुत खूबसूरती के साथ वर्णन किया है आपने ! म्हारो प्यारो राजस्थान !!

Jaishree Verma ने कहा…

खूबसूरत यात्रा वृतांत




Jyoti Singh ने कहा…

जय बाला जी भगवान को नमन ,बहुत ही सुंदर वर्णन ,धन्यवाद संजय

Neeraj Kumar ने कहा…

मोहक एवं रोचक यात्रा वृतांत !

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी धार्मिक यात्रा प्रस्तुति

VenuS "ज़ोया" ने कहा…

chaliye aapne mujhe prabhu ke darshan krwaaa diye...punn kmaa liya aape..:)


bahut achaa lekh...jaankari bhi bdhiya mili....

dekhte hain prabhu ji kab bulawa bhejte he darshan ke liye

प्राचीन वृक्ष पर नारियल बांध कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति करते है

hmmm..maine bhi jaane kite naariyal..mouliyan baandhi hain..hmmm...:)

Sagar ने कहा…

वाह बेहतरीन रचनाओं का संगम।एक से बढ़कर एक प्रस्तुति।
विट्ठल विट्ठल विट्ठला हरी ॐ विठाला mp3 Download

मन की वीणा ने कहा…

संयोग से मैं सालासर धाम चार बार जा चुकी और आपके यात्रा वृत्तांत से सारे दृश्य साकार हुवे ।
आपने बहुत सुंदरता से पुरा विवरण दिया है लेख पढ़ने वाले सभी श्रृद्धालुओं को पुरा लाभ मिलेगा।
सुंदर यात्रा संस्मरण।

Anuradha chauhan ने कहा…

सुंदर यात्रा वृत्तांत सालासर बालाजी की महिमा अपरम्पार है। बहुत सुंदर संस्मरण

Celebs Wiki Biography ने कहा…

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marketresearch ने कहा…

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Anu ने कहा…

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Webinhindi ने कहा…

आपकी वर्णन बहुत ही अच्छा है। इस पोस्ट के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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Tech Master Hindi ने कहा…

What a great post!lingashtakam I found your blog on google and loved reading it greatly. It is a great post indeed. Much obliged to you and good fortunes. keep sharing.shani chalisa