06 फ़रवरी 2019

तुमको छोड़ कर सब कुछ लिखूंगा :)

( चित्र गूगल से साभार  )

                              कोरा कागज़ और कलम                            
शीशी में है कुछ स्याही की बूंदे   
जिन्हे लेकर बैठा हूँ फिर से
आज बरसो बाद 
कुछ पुरानी यादें लिखने
जिसमें तुमको छोड़ कर
सब कुछ लिखूंगा 
आज ये ठान कर बैठा हूँ
कलम आज भरना चाहती है कोरे पन्नें
पर कोई ख्याल आता ही नही
शब्द जैसे खो गए है मानो 
क्योंकि अगर मैं तुमको छोड़ता हूँ 
तो शब्द मुझे छोड़ देते है 
पता नहीं आज
उन एहसासो को 
शब्दो में बांध नही पा रहा हूँ मैं 
क्योंकि आज
ऐसा लग रहा है की मुझे 
मेरे सवालो के जवाब नही मिल रहे है 
शायद तुम जो साथ नहीं हो  
और ये सब तुम्हारे प्यार का असर है 
हाँ तुम्हारे प्यार का ही असर है 
जो तुम बार-बार आती हो
मेरे ख्यालों में 
तभी तो आज ठान क बैठा हूँ 
कि तुमको छोड़ कर
सब कुछ लिखूंगा ....!!

-- संजय भास्कर 

23 टिप्‍पणियां:

Sweta sinha ने कहा…

वाह्ह्ह..बेहद खूबसूरत रचना..संजय जी...👌

Nitish Tiwary ने कहा…

वाह! लाजवाब।

नूपुरं noopuram ने कहा…

छोड़ नही पाएंगे !
हृदय के भाव
लिखे ज़रूर जाएंगे,
पर उनसे ही जुड़े होंगे ।

Meena Bhardwaj ने कहा…

बेहतरीन भावों से सजी लाजवाब रचना !!

रवीन्द्र भारद्वाज ने कहा…

बहुत सुंदर......आदरणीय

ज्योति-कलश ने कहा…

बहुत भावपूर्ण !

Anuradha chauhan ने कहा…

बेहद सुंदर रचना 👌

Himkar Shyam ने कहा…

बहुत ख़ूब

Anita ने कहा…

भावपूर्ण रचना

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब ....
पर लिखना कहाँ संभव होगा ... प्रेम न हो उनकी यादें न हों वो खुद न हों तो शब्द कहाँ से आएँगे ...
न लिखने हुए भी कितना कुछ कहती है रचना ... लाजवाब संजय जी ...

शिक्षा में ने कहा…

अरे वाह, बहुत ही सुंदर पोस्ट प्रकाशित की है। पढ़ने पर बहुत अच्छी लगी।

HARSHVARDHAN ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 13वीं पुण्यतिथि - अभिनेत्री नादिरा और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा ने कहा…

आज बरसो बाद
कुछ पुरानी यादें लिखने
जिसमें तुमको छोड़ कर
सब कुछ लिखूंगा
आज ये ठान कर बैठा हूँ...
बेहतरीन भावों को संजोया है आपने। मन को भा गई है । बहुत-बहुत बधाई आदरणीय संजय भास्कर जी।

Kamini Sinha ने कहा…

क्योंकि अगर मैं तुमको छोड़ता हूँ
तो शब्द मुझे छोड़ देते है
दिल को छूते एक एक शब्द... सादर नमन

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

अतिसुन्दर रचना. बधाई.

कविता रावत ने कहा…

जिनकी दिल में पैठ रहती है वे हमसे कभी दूर नहीं हो सकते कभी भी
बहुत सुन्दर

आशा बिष्ट ने कहा…

शीर्षक बहुत अच्छा चुना है ...पर उन्हें नहीं लिखेंगे तो फिर किसे लिखेंगे....????

Shakuntla ने कहा…

तुमको छोड़कर सब कुछ लिखूंगा
बेहतरीन लाज़वाब रचना

अनीता सैनी ने कहा…

वाह !! बहुत ख़ूब आदरणीय
सादर

deepa joshi ने कहा…

बेहतरीन रचना के लिए हार्दिक बधाई ।

Prachi Digital Publication ने कहा…

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Vidisha Barwal ने कहा…

Bahaut Sundar!!!!!

ज्योति सिंह ने कहा…

अति उत्तम