01 सितंबर 2018

..... तभी तो ख़ामोश रहता है आईना :)

आप सभी साथियों के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी एक गजलनुमा रचना खामोश रहता है आईना इसी से उपजी है ये कुछ लाइने ....उम्मीद है आपको पसंद आये.......!!

( चित्र - गूगल से साभार )
अक्सर हमेशा कुछ कहता है आईना
तभी तो हमेशा ख़ामोश रहता है आईना  !!

जो बातें छिपी है दिल के अन्दर 
उसे बाहर लाने में मददगार होता है आईना  !!

दीवानगी में दीवाने लोगो का दुःख
देखकर चुपचाप सहता है आईना  !!

जब कभी अकेले होता हूँ तन्हा
तन्हाई का सबसे बड़ा साथी है आईना !!

कहते है आईना दिखाता है जाल भ्रम का 
पर बार -बार टूट कर भी धड़कता है आईना !!

-- संजय भास्कर 

10 टिप्‍पणियां:

Meena Bhardwaj ने कहा…

"अक्सर हमेशा कुछ कहता है आईना
तभी तो हमेशा ख़ामोश रहता है आईना !!"
कमाल की अभिव्यक्ति , बहुत सुन्दर ग़ज़ल ।

कविता रावत ने कहा…

कहते है आईना दिखाता है जाल भ्रम का
पर बार -बार टूट कर भी धड़कता है आईना !!
बहुत सुन्दर ...
आईना चुपचाप रहकर भी बहुत कुछ बोलता है, बस पढ़ने वाला होना चाहिए उसे

Jyoti Dehliwal ने कहा…

कहते है आईना दिखाता है जाल भ्रम का
पर बार -बार टूट कर भी धड़कता है आईना !!
बहुत ससुंदर अभिव्यक्ति, संजय जी।

yashoda Agrawal ने कहा…

तन्हाई का है
....साथी मेरा
पर्स में रखा ..
एक छोटा सा
आईना...
खूबसूरत ग़ज़ल
सादर

Anuradha chauhan ने कहा…

छुपा लेता है दिल में कई राज
सुख दुख का साथी है आईना
बहुत सुंदर दिल को छूती हुई गजल 👌👌👌

prashant ने कहा…

बेहतरीन रचना जी

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बहुत सुंदर | काफी समय बाद ? सक्रीय रहिये | पुराने ब्लॉगर लुप्त होते जा रहे :))

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

बहुत सुंदर ....बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

अनीता सैनी ने कहा…

बेहतरीन रचना 👌

Ankit choudhary ने कहा…

जब कभी अकेले होता हूँ तन्हा
तन्हाई का सबसे बड़ा साथी है आईना !! बहुत ही सुंदर...