02 नवंबर 2010

................सिन्दूर बनके सजता हूँ |



खुशी या गम हो तेरे आंसुओं में ढलता हूँ
तुझे ख़बर है तेरी चश्मे-नम में रहता हूँ
=========================
क्या हुवा जो तेरा हाथ भी न छू सका
तेरे माथे की सुर्ख चांदनी में जलता हूँ
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है और बात तेरे दिल से हूँ मैं दूर बहुत
तुम्हारी मांग में सिन्दूर बनके सजता हूँ
===========================
मैंने माना तेरी खुशियों पर इख्तियार नही
तेरे हिस्से का गम खुशी खुशी सहता हूँ
===========================
तेरा ख्याल मेरे दिल से क्यों नही जाता
जब कभी सामने आती हो कह नही पाता
===========================
तमाम बातें यूँ तो दिल में मेरे रहती हैं
तुम्हारे सामने कुछ याद ही नही आता |
=========================== 
चित्र :- ( गूगल से साभार  )

नासवा जी ने इतनी सुन्दरता से लिखा कि मैं अपने ब्लॉग पर ही ले आया 

नासवा जी कि कलम से निकली एक बेहतरीन रचना 
दिगम्बर नासवा जी के ब्लॉग से ये कविता आप तक  पहुंचा रहे है संजय भास्कर 


67 टिप्‍पणियां:

Deepak Saini ने कहा…

संजय भाई,
बहुत बढिया कविता लाये हैं आप,
दिल बाग बाग हो गया

Deepak Saini ने कहा…

नवासा जी को लिखने के लिए,
और आपको लाने के बधाई

दीपावली की शुभकामनायें

kshama ने कहा…

Wah! Kya baat hai! Behad sundar gazalse aapne ru-b-ru karaya!

Aruna Kapoor ने कहा…

सुंदर रचना, सुंदर प्रस्तुति...धन्यवाद! ...दिपावली की शुभ-कामनाएं!

amrendra "amar" ने कहा…

waah sunder rachna ...........sanjay ji shukriya aapka itni acchi rachne se tarruf karane ka ............

प्रकाश पंकज | Prakash Pankaj ने कहा…

पढवाने का धन्यवाद ... काफी अच्छी लिखी गयी है

बेनामी ने कहा…

thanku very much for sharing this ...

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आप दोनों को ही बधाई, इतनी सुन्दर रचना के प्रचार प्रसार के लिये।

Unknown ने कहा…

नसवा जी की लेखनी को नमन बधाई

Unknown ने कहा…

........... शानदार प्रस्तुति

मंजुला ने कहा…

nice....

किरण राजपुरोहित नितिला ने कहा…

wallahh!!
kya baat hai ,
behtarin gazal ke liye shukriya !!

मनोज कुमार ने कहा…

बहुत उम्दा ग़ज़ल।

vandana gupta ने कहा…

नासवा जी की बहुत सुन्दर प्रस्तुति है………………आभार्।

राज भाटिय़ा ने कहा…

अति सुंदर प्रस्तुति,धन्यवाद!

Archana Chaoji ने कहा…

आभार...

सदा ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति लाये हैं आप ...नासवा जी को लिखने और आपको प्रस्‍तुत करने के लिये ढेर सारी बधाई और शुभकामनायें ।

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

मैंने माना तेरी ख़ुशियों पर इख़्तियार नहीं
तेरे हिस्से का ग़म ख़ुशी ख़ुशी सहता हूं।

बहुत अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुत करने के लिए आभार।

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

मैंने माना तेरी ख़ुशियों पर इख़्तियार नहीं
तेरे हिस्से का ग़म ख़ुशी ख़ुशी सहता हूं।

बहुत अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुत करने के लिए आभार।

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

संजय भाई, सचमुच छा गये आप।

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

संजय भाई,
बहुत बढिया कविता लाये हैं आप,

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर गज़ल से परिचय करवाया..आभार

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

bahut umda gazal ! naaswa ji aur aapko .. dono ko badhi

आपका अख्तर खान अकेला ने कहा…

संजय भायी मज़ा आ गया एक बजाना सिन्धुर को आपने जो जुबान जो धडकन दी हे वाकई आपके शब्दों ने तो बस जान ही फूंक दी एक जीवंत और दिल की गहराईयों को छूने के लियें बधाई. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बेहतरीन रचना है भाई ...

मैंने माना तेरी खुशियों पर इख्तियार नही
तेरे हिस्से का गम खुशी खुशी सहता हूँ

नासवा जी को बधाई और आपको धन्यवाद जो इतनी सुन्दर रचना से रूबरू करवाएं ...

Taarkeshwar Giri ने कहा…

Bhartiya Prampara ki Jhalak............. So sadiyon se chali aa rahi hai,



Happy Deepawali.

डॉ टी एस दराल ने कहा…

नासवा जी की ग़ज़लों का तो ज़वाब ही नहीं ।
अति सुन्दर ।

Asha Lata Saxena ने कहा…

नासवा जी की पोस्ट पढवाने के लिए साधुवाद |
आशा

Bharat Bhushan ने कहा…

अच्छी रचना उठा कर लाए आप. अब आपकी रचना की प्रतीक्षा रहेगी.

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

बहुत सुन्दर...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...

Shikha Kaushik ने कहा…

shandar kavita;shandar roop me prastut.deewi ki shubhkamnayen.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत ही उम्दा रचना.

रामराम.

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सुंदर रचना.... पढवाने के लिए आभार
नासवाजी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

sanjay ji is behtareen nazm se parichay karane ke liye aabhar.... digambar ji ne vakai bahoot hi sunder nazm likhi hai.

रानीविशाल ने कहा…

बहुत सुन्दर दोनों को धन्यवाद ....प्रकाश पर्व पर सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ!!

Udan Tashtari ने कहा…

नासवा जी की हर अदा निराली...वो हमारे व्यक्तिगत दोस्त और परिवार के न भी होते, तो भी हम यही कहते.

Unknown ने कहा…

बेहतरीन रचना है
..........नासवा जी को बधाई

Unknown ने कहा…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना चुन कर लाये हैं .....आभार

कडुवासच ने कहा…

... shubh diwaali !!!

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

सभी शेर बहुत ही प्यारे दिल से लिखे हुए .....

तिलक राज कपूर ने कहा…

बहुत उम्‍दा ग़़ज़़ल।

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद
@ दीपक सैनी जी..
@ केशमा जी..
@ डा. अरुणा कपूर. जी..
@ अमरेंदर अक्स जी..
@ परकाश पंकज जी..
@ शेखर जी..
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ ॐ जी..
@ मंजुला जी..
@ किरण राजपुरोहित नितिला जी..
आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद
@ मनोज कुमार जी..
@ वन्दना जी..
@ राज भाटिय़ा जी..
@ अर्चना जी..
@ सदा जी..
@ महेंदर वर्मा जी..
@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
@ संजय कुमार चौरसिया जी..
@ कैलाश शर्मा जी..
@ अरुण चन्द्र रॉय जी..
आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.
आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
और मेरा हौसला बढाया
..............नासवा जी को बधाई और शुभकामनायें ।

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद
@ इन्द्रनील शेल जी..
@ तर्केश्वेर गिरी जी..
@ डॉ टी एस दराल जी..
@ आशा जी..
@ भूषण जी..
@ फ़िरदौस ख़ान जी..
@ शिखा कौशिक जी...
@ ताऊ रामपुरिया जी...
@ डॉ॰ मोनिका शर्मा जी...
आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
और मेरा हौसला बढाया
..............नासवा जी की रचना के लिए बधाई और शुभकामनायें ।
आपको सभी को भी दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.

Amit K Sagar ने कहा…

वाह! उम्दा रचना.
--
धनतेरस व दिवाली की सपरिवार बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं.
-
वात्स्यायन गली

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

आप सब को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
हम आप सब के मानसिक -शारीरिक स्वास्थ्य की खुशहाली की कामना करते हैं.

Unknown ने कहा…

.....नासवा जी की रचना के लिए बधाई और
दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.

preeti khare ने कहा…

Bahut hi achchhi rachna sajha karne ke liye sanjay dhanawaad.
deepawali parv ki hardik shubhechchha.

M VERMA ने कहा…

बहुत सुन्दर .. नासवा जी की गज़लो का जवाब नहीं .. लाजवाब

अशोक कुमार मिश्र ने कहा…

शानदार गजल होम सभी तक पहुचने का शुक्रिया ...

क्या हुवा जो तेरा हाथ भी न छू सका
तेरे माथे की सुर्ख चांदनी में जलता हूँ||

नासवा जी आप तो प्रेम की उस विरह को कुरेद दिए हैं जिसमे करीब करीब 85% लोंग जल रहे हैं ...

जाने वो कैसे लोंग थे जिनके प्यार को प्यार मिला .........

राम त्यागी ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना !

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ उपेन्द्र जी..
@ रानीविशाल जी..
@ समीर लाल जी..
@ अमित जी..
@ संगीता स्वरुप ( गीत ) जी..
@ 'उदय' ने कहा…
@ हरकीरत ' हीर' जी..
@ तिलक राज कपूर जी..
@ गिरीश बिल्लोरे जी..
रचना सराहने और अपना स्नेहाशीष देकर उत्साहवर्द्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. आशा है कि आगे भी आप सभी का स्नेहाशीष, सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहेगा. आभार.
.....नासवा जी की रचना के लिए बधाई और शुभकामनायें ।
आपको सभी को भी दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.

priyankaabhilaashi ने कहा…

बहुत खूब..!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सबसे पहले तो संजय जी का धन्यवाद जो उन्होंने मेरी इस रचना को अपने ब्लॉग में स्थान दिया .... फिर उनका आभार जो इतना लाजवाब चित्र खोज के लाये की गज़ल में चार चाँद लग गए .... विषय के अनुसार अगर सभी चीजें जुडती चली जाएँ तो उसकी खूबसूरती में और निखार आ जाता है .. और ये इतना आसान काम नहीं होता ... संजय जी का शुक्रिया .... और अंत में आपसब का भी शुक्रिया जो आपने इसे पसंद किया और इज्जत बख्शी ...

"आदत ... मुस्कुराने की" के सभी साथियों को दीपों के त्यौहार दीपावली की मंगल कामनाएं .....

S.VIKRAM ने कहा…

सुन्दर रचना.........हम तक पहुचाने के लिए धन्यवाद |

अनुपमा पाठक ने कहा…

sundar rachna padhwane hetu aabhar!

Asha Joglekar ने कहा…

Digambar Naswa jee kee yah khoobsurat gazal hum tak pahunchane ka aabhar. Shubh Deepawali.

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

सुन्दर रचना। बधाई।आपको व आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

आपको भी दीपवाली की हार्दिक शुभकानाएं.....

Coral ने कहा…

आपको दीपवाली की हार्दिक शुभकानाएं.....

Dorothy ने कहा…

इस ज्योति पर्व का उजास
जगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर

आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.

vineet mishra ने कहा…

क्या हुवा जो तेरा हाथ भी न छू सका
तेरे माथे की सुर्ख चांदनी में जलता हूँ
..
awesome..!!
aapka link mujhe apne blog ahsaas se mila..pahli baar aaya achha laga.. aata rahunga..
aabhar.

नरेश चन्द्र बोहरा ने कहा…

मैंने माना तेरी खुशियों पर इख्तियार नही
तेरे हिस्से का गम खुशी खुशी सहता हूँ

= बहुत कुछ बीता हुआ वक्त याद आ गया इस शेर को पढने के बाद, दिल को भीतर तक कुछ अजीब सा महसोस हुआ. बेहद उम्दा ग़ज़ल. हर शेर अपनी बात खुद कहता हुआ.

POOJA... ने कहा…

thank you bhaiya...
poem is excellent...

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ अमित सागर जी..
@ विजय माथुर जी..
@ प्रीती जी..
@ प्रीती खरे जी..
@ ऍम वर्मा जी..
@ अशोक मिश्र जी..
@ राम त्यागी जी..
@ प्रियांकाभिलाशी जी..
@ एस विक्रम जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
मेरे ब्लॉग पर आकर प्रोत्साहित करने के लिए आभार |

संजय भास्कर