खुशी या गम हो तेरे आंसुओं में ढलता हूँ
तुझे ख़बर है तेरी चश्मे-नम में रहता हूँ
=========================
क्या हुवा जो तेरा हाथ भी न छू सका
तेरे माथे की सुर्ख चांदनी में जलता हूँ
=========================
है और बात तेरे दिल से हूँ मैं दूर बहुत
तुम्हारी मांग में सिन्दूर बनके सजता हूँ
===========================
मैंने माना तेरी खुशियों पर इख्तियार नही
तेरे हिस्से का गम खुशी खुशी सहता हूँ
===========================
तेरा ख्याल मेरे दिल से क्यों नही जाता
जब कभी सामने आती हो कह नही पाता
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तमाम बातें यूँ तो दिल में मेरे रहती हैं
तुम्हारे सामने कुछ याद ही नही आता |
तुझे ख़बर है तेरी चश्मे-नम में रहता हूँ
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क्या हुवा जो तेरा हाथ भी न छू सका
तेरे माथे की सुर्ख चांदनी में जलता हूँ
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है और बात तेरे दिल से हूँ मैं दूर बहुत
तुम्हारी मांग में सिन्दूर बनके सजता हूँ
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मैंने माना तेरी खुशियों पर इख्तियार नही
तेरे हिस्से का गम खुशी खुशी सहता हूँ
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तेरा ख्याल मेरे दिल से क्यों नही जाता
जब कभी सामने आती हो कह नही पाता
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तमाम बातें यूँ तो दिल में मेरे रहती हैं
तुम्हारे सामने कुछ याद ही नही आता |
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चित्र :- ( गूगल से साभार )
नासवा जी ने इतनी सुन्दरता से लिखा कि मैं अपने ब्लॉग पर ही ले आया
नासवा जी कि कलम से निकली एक बेहतरीन रचना
दिगम्बर नासवा जी के ब्लॉग से ये कविता आप तक पहुंचा रहे है संजय भास्कर
67 टिप्पणियां:
संजय भाई,
बहुत बढिया कविता लाये हैं आप,
दिल बाग बाग हो गया
नवासा जी को लिखने के लिए,
और आपको लाने के बधाई
दीपावली की शुभकामनायें
Wah! Kya baat hai! Behad sundar gazalse aapne ru-b-ru karaya!
सुंदर रचना, सुंदर प्रस्तुति...धन्यवाद! ...दिपावली की शुभ-कामनाएं!
waah sunder rachna ...........sanjay ji shukriya aapka itni acchi rachne se tarruf karane ka ............
पढवाने का धन्यवाद ... काफी अच्छी लिखी गयी है
thanku very much for sharing this ...
आप दोनों को ही बधाई, इतनी सुन्दर रचना के प्रचार प्रसार के लिये।
नसवा जी की लेखनी को नमन बधाई
........... शानदार प्रस्तुति
nice....
wallahh!!
kya baat hai ,
behtarin gazal ke liye shukriya !!
बहुत उम्दा ग़ज़ल।
नासवा जी की बहुत सुन्दर प्रस्तुति है………………आभार्।
अति सुंदर प्रस्तुति,धन्यवाद!
आभार...
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति लाये हैं आप ...नासवा जी को लिखने और आपको प्रस्तुत करने के लिये ढेर सारी बधाई और शुभकामनायें ।
मैंने माना तेरी ख़ुशियों पर इख़्तियार नहीं
तेरे हिस्से का ग़म ख़ुशी ख़ुशी सहता हूं।
बहुत अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुत करने के लिए आभार।
मैंने माना तेरी ख़ुशियों पर इख़्तियार नहीं
तेरे हिस्से का ग़म ख़ुशी ख़ुशी सहता हूं।
बहुत अच्छी ग़ज़ल प्रस्तुत करने के लिए आभार।
संजय भाई, सचमुच छा गये आप।
संजय भाई,
बहुत बढिया कविता लाये हैं आप,
बहुत सुन्दर गज़ल से परिचय करवाया..आभार
bahut umda gazal ! naaswa ji aur aapko .. dono ko badhi
संजय भायी मज़ा आ गया एक बजाना सिन्धुर को आपने जो जुबान जो धडकन दी हे वाकई आपके शब्दों ने तो बस जान ही फूंक दी एक जीवंत और दिल की गहराईयों को छूने के लियें बधाई. अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
बेहतरीन रचना है भाई ...
मैंने माना तेरी खुशियों पर इख्तियार नही
तेरे हिस्से का गम खुशी खुशी सहता हूँ
नासवा जी को बधाई और आपको धन्यवाद जो इतनी सुन्दर रचना से रूबरू करवाएं ...
Bhartiya Prampara ki Jhalak............. So sadiyon se chali aa rahi hai,
Happy Deepawali.
नासवा जी की ग़ज़लों का तो ज़वाब ही नहीं ।
अति सुन्दर ।
नासवा जी की पोस्ट पढवाने के लिए साधुवाद |
आशा
अच्छी रचना उठा कर लाए आप. अब आपकी रचना की प्रतीक्षा रहेगी.
बहुत सुन्दर...
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
shandar kavita;shandar roop me prastut.deewi ki shubhkamnayen.
बहुत ही उम्दा रचना.
रामराम.
सुंदर रचना.... पढवाने के लिए आभार
नासवाजी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए
sanjay ji is behtareen nazm se parichay karane ke liye aabhar.... digambar ji ne vakai bahoot hi sunder nazm likhi hai.
बहुत सुन्दर दोनों को धन्यवाद ....प्रकाश पर्व पर सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ!!
नासवा जी की हर अदा निराली...वो हमारे व्यक्तिगत दोस्त और परिवार के न भी होते, तो भी हम यही कहते.
बेहतरीन रचना है
..........नासवा जी को बधाई
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...
बहुत बढ़िया रचना चुन कर लाये हैं .....आभार
... shubh diwaali !!!
सभी शेर बहुत ही प्यारे दिल से लिखे हुए .....
बहुत उम्दा ग़़ज़़ल।
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
धन्यवाद
@ दीपक सैनी जी..
@ केशमा जी..
@ डा. अरुणा कपूर. जी..
@ अमरेंदर अक्स जी..
@ परकाश पंकज जी..
@ शेखर जी..
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ ॐ जी..
@ मंजुला जी..
@ किरण राजपुरोहित नितिला जी..
आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
धन्यवाद
@ मनोज कुमार जी..
@ वन्दना जी..
@ राज भाटिय़ा जी..
@ अर्चना जी..
@ सदा जी..
@ महेंदर वर्मा जी..
@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
@ संजय कुमार चौरसिया जी..
@ कैलाश शर्मा जी..
@ अरुण चन्द्र रॉय जी..
आपको दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.
आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
और मेरा हौसला बढाया
..............नासवा जी को बधाई और शुभकामनायें ।
धन्यवाद
@ इन्द्रनील शेल जी..
@ तर्केश्वेर गिरी जी..
@ डॉ टी एस दराल जी..
@ आशा जी..
@ भूषण जी..
@ फ़िरदौस ख़ान जी..
@ शिखा कौशिक जी...
@ ताऊ रामपुरिया जी...
@ डॉ॰ मोनिका शर्मा जी...
आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
और मेरा हौसला बढाया
..............नासवा जी की रचना के लिए बधाई और शुभकामनायें ।
आपको सभी को भी दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.
वाह! उम्दा रचना.
--
धनतेरस व दिवाली की सपरिवार बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनाएं.
-
वात्स्यायन गली
आप सब को सपरिवार दीपावली मंगलमय एवं शुभ हो!
हम आप सब के मानसिक -शारीरिक स्वास्थ्य की खुशहाली की कामना करते हैं.
.....नासवा जी की रचना के लिए बधाई और
दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.
Bahut hi achchhi rachna sajha karne ke liye sanjay dhanawaad.
deepawali parv ki hardik shubhechchha.
बहुत सुन्दर .. नासवा जी की गज़लो का जवाब नहीं .. लाजवाब
शानदार गजल होम सभी तक पहुचने का शुक्रिया ...
क्या हुवा जो तेरा हाथ भी न छू सका
तेरे माथे की सुर्ख चांदनी में जलता हूँ||
नासवा जी आप तो प्रेम की उस विरह को कुरेद दिए हैं जिसमे करीब करीब 85% लोंग जल रहे हैं ...
जाने वो कैसे लोंग थे जिनके प्यार को प्यार मिला .........
बहुत सुन्दर रचना !
@ उपेन्द्र जी..
@ रानीविशाल जी..
@ समीर लाल जी..
@ अमित जी..
@ संगीता स्वरुप ( गीत ) जी..
@ 'उदय' ने कहा…
@ हरकीरत ' हीर' जी..
@ तिलक राज कपूर जी..
@ गिरीश बिल्लोरे जी..
रचना सराहने और अपना स्नेहाशीष देकर उत्साहवर्द्धन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. आशा है कि आगे भी आप सभी का स्नेहाशीष, सहयोग और मार्गदर्शन मिलता रहेगा. आभार.
.....नासवा जी की रचना के लिए बधाई और शुभकामनायें ।
आपको सभी को भी दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाएं.
बहुत खूब..!!
सबसे पहले तो संजय जी का धन्यवाद जो उन्होंने मेरी इस रचना को अपने ब्लॉग में स्थान दिया .... फिर उनका आभार जो इतना लाजवाब चित्र खोज के लाये की गज़ल में चार चाँद लग गए .... विषय के अनुसार अगर सभी चीजें जुडती चली जाएँ तो उसकी खूबसूरती में और निखार आ जाता है .. और ये इतना आसान काम नहीं होता ... संजय जी का शुक्रिया .... और अंत में आपसब का भी शुक्रिया जो आपने इसे पसंद किया और इज्जत बख्शी ...
"आदत ... मुस्कुराने की" के सभी साथियों को दीपों के त्यौहार दीपावली की मंगल कामनाएं .....
सुन्दर रचना.........हम तक पहुचाने के लिए धन्यवाद |
sundar rachna padhwane hetu aabhar!
Digambar Naswa jee kee yah khoobsurat gazal hum tak pahunchane ka aabhar. Shubh Deepawali.
सुन्दर रचना। बधाई।आपको व आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
आपको भी दीपवाली की हार्दिक शुभकानाएं.....
आपको दीपवाली की हार्दिक शुभकानाएं.....
इस ज्योति पर्व का उजास
जगमगाता रहे आप में जीवन भर
दीपमालिका की अनगिन पांती
आलोकित करे पथ आपका पल पल
मंगलमय कल्याणकारी हो आगामी वर्ष
सुख समृद्धि शांति उल्लास की
आशीष वृष्टि करे आप पर, आपके प्रियजनों पर
आपको सपरिवार दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएं.
सादर
डोरोथी.
क्या हुवा जो तेरा हाथ भी न छू सका
तेरे माथे की सुर्ख चांदनी में जलता हूँ
..
awesome..!!
aapka link mujhe apne blog ahsaas se mila..pahli baar aaya achha laga.. aata rahunga..
aabhar.
मैंने माना तेरी खुशियों पर इख्तियार नही
तेरे हिस्से का गम खुशी खुशी सहता हूँ
= बहुत कुछ बीता हुआ वक्त याद आ गया इस शेर को पढने के बाद, दिल को भीतर तक कुछ अजीब सा महसोस हुआ. बेहद उम्दा ग़ज़ल. हर शेर अपनी बात खुद कहता हुआ.
thank you bhaiya...
poem is excellent...
@ अमित सागर जी..
@ विजय माथुर जी..
@ प्रीती जी..
@ प्रीती खरे जी..
@ ऍम वर्मा जी..
@ अशोक मिश्र जी..
@ राम त्यागी जी..
@ प्रियांकाभिलाशी जी..
@ एस विक्रम जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
मेरे ब्लॉग पर आकर प्रोत्साहित करने के लिए आभार |
संजय भास्कर
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