16 जुलाई 2010

कहां से आया ये सॉरी..........!


 सॉरी, मैं लेट हो गया..। सॉरी, मैं वो काम पूरा नहीं कर पाया..। मेरी वजह से तुम्हारी ट्रेन छूट गई, आई एम सारी.. मैने तुम्हारा दिल तोड़ा, सॉरी.. सॉरी, मैने तुम्हें गलतफहमी में थप्पड़ मार दिया। ये क्या अब क्यों गुस्सा हो रहे हो सारी बोल तो दिया। अक्सर ही इस ' सॉरी ' के शिकार हुए लोगों के मुंह से निकल ही जाता है कि 'अंग्रेज चले गये लेकिन ' सॉरी ' छोड़ गए। चाहे कितनी ही बड़ी गलती कर दो बस एक सॉरी बोला और हो गया काम पूरा।'
वहीं सॉरी कहने वालों की सोच होती है कि अब माफी तो मांग ली अब क्या सिर्फ एक गलती के लिए फांसी दे दोगे। बड़ी से बड़ी गलती हो जाने पर भी ये बस एक सारी के सहारे सभी गलतियों कि माफी पाने की तमन्ना रखते हैं। कितना छोटा सा शब्द होता है सारी। अंग्रेजी में माफी मांगने के लिए प्रयोग होने वाले इस शब्द को समझो तो इसके मायने कितने गहरे होते हैं। अपनी गलती को मान कर उसे दोबारा न करने और उसके लिए शर्मिदा होने के भाव को व्यक्त करता है। लेकिन कितने लोग ऐसे हैं जो इसके असली भावों से वाकिफ हैं। कई बार लोग इनके इस झूठे शब्दों के जाल में फंस जाते हैं तो कुछ इसकी असलियत को जानते हुए इसकी परवाह ही नहीं करते।
आज कितने ही लोग बचे हैं जो सारी कहने के बाद फिर से वो गलती नहीं करते। वे तो बस उस समय बात बिगड़ने के डर से इस सारी का सहारा लेते हैं। ऐसे लोगो की वजह से सारी शब्द अपने असली मायने खो रहा है ।

60 टिप्‍पणियां:

Sunil Kumar ने कहा…

यह सच्चाई है इसको स्वीकार करना पड़ेगा अच्छा व्यंग्य बधाई

समयचक्र ने कहा…

बहुत सही ...वैसे बात बात पर गलती करना फिर सॉरी कहना एक फैशन बन गया है....

समयचक्र ने कहा…

अपनी गलतियों का आंकलन ना कर सॉरी कह कर कम शब्दों से काम चला लेना एक शगल बन गया है...

Unknown ने कहा…

यह सच्चाई है...

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

हिंदी में गलती स्वीकार करने के लिए लम्बा वाक्य बोलना पड़ता है।
जब की अंग्रेजी के एक सॉरी शब्द से ही काम चल जाता है
अपनी गलती स्वीकार करना भी महान काम है।
कुछ तो अपनी तड़ी में गलती स्वीकार नहीं करके गलती पर गलती करते हैं।
अंग्रेजों को धन्यवाद देता हूँ कि वह सॉरी छोड़ गए।
अगर साथ ले जाते तो कितनी मुस्किल हो जाती उसपे जरा गौर करो।
लोग ढंग़ से माफ़ी भी नहीं मांग सकते थे इज्जत के साथ।
सॉरी इज्जत बचाने के लिए परदे का काम करती है।
इसलिए सॉरी शब्द की महत्ता को कम करके आंकना नहीं चाहिए।
इसलिए विलंब से आने के लिए सॉरी संजय भाई। अब क्या बच्चे की जान ही लोगे।

Unknown ने कहा…

बेहद खूबसूरत उम्दा है..शुभकामनाएं।

Unknown ने कहा…

बहुत सही ....

Unknown ने कहा…

Lalit ji ne bilkul sahi likha hai.

पवन धीमान ने कहा…

achchha vyangya aur uspar Lalit Sharma ji ki satik aur sarthak tippani.

कडुवासच ने कहा…

...बेहतरीन!!!

मनोज कुमार ने कहा…

सही कहा है आपने।

डॉ टी एस दराल ने कहा…

कभी कभी एक सॉरी के इंतजार में सारी जिंदगी गुजर जाती है ।
बहुत ताकत है सॉरी में ।

दीपक 'मशाल' ने कहा…

यह बात हर शब्द के साथ है संजय.. अब कोई शब्दों की गहराई में नहीं जाता उन्हें दिल से नहीं बोलता.. चाहे हिन्दी का शब्द हो या अंग्रेज़ी का या उर्दू या किसी और भाषा का.. तो ये बेचारा सॉरी कैसे अछूता रहता..

Udan Tashtari ने कहा…

बिना बोले निकल जाने से तो बेहतर है कि कम से कम सॉरी बोल दे..भाव तो उसके दिल में घुस कर कोई नहीं जान सकता.

रश्मि प्रभा... ने कहा…

sorry koi shabd nahin, ek vyavahaar hai

Mahfooz Ali ने कहा…

सॉरी के ऊपर यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी...

--

M VERMA ने कहा…

sorry, मै कमेंट करने देर से आ पाया

राजकुमार सोनी ने कहा…

आपकी पोस्ट का पक्ष चिन्तनीय है
हकीकत तो यही है कि इस अंग्रेजी शब्द की वजह से पिज्जा खाने वाली पीढ़ी काफी सुविधा में रहती है.
देखा जाए तो क्षमा करें अपने आप में एक बड़ा शब्द है. इस शब्द की वजह से खून-खराबा होने से बच जाता है.. यदि लोग क्षमा नहीं मागेंगे तो हर रोज कोई न कोई न कोई मरेगा.

वन्दना अवस्थी दुबे ने कहा…

बहुत बढिया पोस्ट.

Anand ने कहा…

good hai sanjay..

Actually hum sorry ko samjhte to hai per hum aaj iske used to ho gaye hai..itne aadi ho gaye hai ki kab ye teer kamaan se nikal jaata hai ki hame pata bhi nai chalta..badi baat ye ki hum is pe itna bharosa karte hai ki hum apne nishane ko bhi nai dekhte ki vo teer sahi laga bhi ki nai...sorry bola aur bus ho gaya..aage is se shayed hi kisi ko koi fark pada ho ki kya is sorry se hum marham ka kaam le paye..kya hame koi aatam glaani hue...bus bol diya...

sorry...kuch jayada ho gaya kya..sorry again..:)

anand
www.kavyalok.com

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

अच्छा चिंतन किया है....

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ ने कहा…

Sorry Sanjay! Late ho gaya.....

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

सॉरी बोले या कहें क्षमा करे, कम से कम कुछ तो बोलते हैं, नहीं तो भारत में ऐसी भी नस्‍ल है जो कभी अपने परिवार में इन शब्‍दों का प्रयोग नहीं करती। मैंने अमेरिका में देखा कि वहाँ थेक्‍स कहना खून में शुमार है और यदि आपने उन्‍हें थेंक्‍स कहा है तो वे तपाक से वेलकम बोलेंगे। हमारे यहाँ तो प्रचारित किया जाता है कि नो थेंक्‍स और ना सॉरी।

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

बहुत बढिया जानकारी।
--------
व्यायाम और सेक्स का आपसी सम्बंध?
अब प्रिंटर मानव अंगों का भी निर्माण करेगा।

Publisher ने कहा…

''sorry'' पोस्ट पढऩे में देरी हुई। लेकिन देर से ही सही, पढ़ ली। अच्छा लिखते हैं भास्कर साहब आप। बहुत बढिय़ा।

अपने हिंदी ब्लॉगर्स में ही निशांत जी का ब्लॉग (www.hindizen.com) नियमित पढ़ें आपको बहुत ही अच्छा लगेगा उनका लेखन। मेरी दिनचर्या का हिस्सा है यह ब्लॉग और खास बात यह है कि अपना मेल खोलते ही पहले निशांत जी की पोस्ट ही सबसे पहले खुलती है। उनके सार्थक लेखन को मेरा सलाम और समर्थन।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Ye ek saty hai ... kai baar sorry kah kar bade se bade gusse se bhi bacha ja sakta hai ... par kai baar log iska shabd ka faayda utha kar doosron ka nuksaan bhi kar dete hain ...

Unknown ने कहा…

बहुत बढिया जानकारी।

Unknown ने कहा…

हमारे यहाँ तो प्रचारित किया जाता है कि नो थेंक्‍स और ना सॉरी।

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

बहुत बढ़िया,

बेचारे गाँधी जी पर मुझे दया आती हैं.

उन्होंने अंग्रेजो को तो भगा दिया लेकिन अंग्रेजी को नहीं भगा पाए.

बहुत बढ़िया लिखा, धन्यवाद.

WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

बहुत सही ....

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सॉरी, पर पोस्ट बहुत अच्छी थी।

सदा ने कहा…

बहुत ही गहरे उतरते भाव, सुन्‍दर प्रस्‍तुति, बधाई ।

बेनामी ने कहा…

sorry se mujhe kuch din pehle hui galati yaad aa gayi,kis tarah maine aapko kuch keh diya tha.....

sorry se mera manna hai ki apni galati sweekaarna hi sorry ke barabar hai,aur jo sweekaarta hai woh hi sorry ke layak bhi hai.........
jise galati ka ehsaas hota hai woh sorry kehte samay jyada baatein nahi kehta.
aur jise ehsaas nahi hota woh sorry kehkar bahut si baatein karne lagta hai jaise ये क्या अब क्यों गुस्सा हो रहे हो सारी बोल तो दिया। yaha aisa lagta hai jaise sorry bolkar ehsaan kiya ho, fir bataane lag jaata ki uski galati kitni choti hai,
par baat yahan choti badi
galati ki nahi hai ,baat hai galati sweekaarne ki.....agar koi shaksh apni badi se badi galat sacche dil se sweekarta hai aur sorry kehta hai toh wohi shaksh maafi ke layak bhi hota hai,sorry kehne waale ki aankhien bata deti hai ki usme kitni sachai hai?

amit destiny! ने कहा…

sorry se mujhe kuch din pehle hui galati yaad aa gayi,kis tarah maine aapko kuch keh diya tha.....

sorry se mera manna hai ki apni galati sweekaarna hi sorry ke barabar hai,aur jo sweekaarta hai woh hi sorry ke layak bhi hai.........
jise galati ka ehsaas hota hai woh sorry kehte samay jyada baatein nahi kehta.
aur jise ehsaas nahi hota woh sorry kehkar bahut si baatein karne lagta hai jaise ये क्या अब क्यों गुस्सा हो रहे हो सारी बोल तो दिया। yaha aisa lagta hai jaise sorry bolkar ehsaan kiya ho, fir bataane lag jaata ki uski galati kitni choti hai,
par baat yahan choti badi
galati ki nahi hai ,baat hai galati sweekaarne ki.....agar koi shaksh apni badi se badi galat sacche dil se sweekarta hai aur sorry kehta hai toh wohi shaksh maafi ke layak bhi hota hai,sorry kehne waale ki aankhien bata deti hai ki usme kitni sachai hai?

अजय कुमार ने कहा…

ये शब्द टूटे रिश्ते भी जोड़ता है ।

Palak.p ने कहा…

कभी कभी एक छोटा सॉरी बड़ी गलती के लिए काफी नहीं होता. पैर हा ये सच की सॉरी से अज कल हर गलती एक शब्द मै ख़तम हो जाती है .

Neelam ने कहा…

bahur sahi ...sorry aapke blog par der se aayi..[:)]
ab dekhiye mere sorry kehne se aapke chehre par halki si muskurahat to aa hi gayi hogi..hai naa.
bahut sahi likha hai aapne.

रचना दीक्षित ने कहा…

सही कहा है आपने। बहुत बढिया पोस्ट.

Archana Chaoji ने कहा…

कहीं से भी आया हो--- मै तो किसी की "सॉरी" सुनती ही नहीं हूँ----खुद ही माफ़ी मांग लेती हूँ----हा हा हा ...
(मेरी हर पोस्ट पर देर से आने के लिए जो "सॉरी" कहा है आपने --उसकी जरूरत नहीं थी.... आपने इतने दिनों बाद भी सभी पोस्ट पढी ये बात ज्यादा माईने रखती है मेरे लिए)
---"शुक्रिया"-- अपना समय देने के लिए....
---"धन्यवाद"-- पोस्ट पढने के लिए...और अन्त में (दिल से) ..
---"माफ़ी"--बहुत दिनों से आपकी पोस्ट न पढ पाने के लिए ...

संजय भास्‍कर ने कहा…

---"धन्यवाद"-- पोस्ट पढने के लिए...और अन्त में (दिल से) ..

संजय भास्‍कर ने कहा…

---" शुक्रिया "-- अपना समय देने के लिए...


धन्यवाद
संजय भास्कर

निर्मला कपिला ने कहा…

सारी मैं लेट आयी। बडिया पोस्ट। आशीर्वाद।

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

Sorry for Late....Nice Post.

arvind ने कहा…

sorry bhaaskar.post padhne me der ho gayee.....bahut hi badhiya post.

Science Bloggers Association ने कहा…

सही कहा आपने।
................
महिला खिलाड़ियों का ही क्यों होता है लिंग परीक्षण?

Unknown ने कहा…

wah bhaiya kya baat hai...

but sorry for late ...

Sunita bhaskar

Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हर्षिता ने कहा…

अच्छी पोस्ट है भाई, सॉरी आने में देर हो गई।

ZEAL ने कहा…

Thanks ! for writing a post on sorry !

ZEAL ने कहा…

It's true that many of the commonly used words are losing its meaning. they are misused more than it's use.

Thanks for the beautiful post. !

Unknown ने कहा…

अच्छी पोस्ट है भाई, सॉरी आने में देर हो गई।

Unknown ने कहा…

अच्छा लिखते हैं भास्कर साहब आप। बहुत बढिय़ा।

कविता रावत ने कहा…

Sorry ab aadat mein shumar hai... ek prachalan ban baitha hai..
Saarhak post ke liye dhanyavad

shikha varshney ने कहा…

Sorry I am late :(...

हास्यफुहार ने कहा…

अच्छा व्यंग्य बधाई!

ज्योति सिंह ने कहा…

ye to laachari bhi hai aur aadat bhi par hai sahi ,sundar

KK Yadav ने कहा…

सही कहा बंधुवर....सब शार्ट कट है.

SANSKRITJAGAT ने कहा…

सत्‍यमेव उक्‍तम्

अस्मिन समये तु एतत् एव प्रचलितमस्ति ।

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

ललित जी और समीर जी से सहमत !

musafir ने कहा…

बहुत खूब लिख है आपने