29 जुलाई 2010

सचिनः कितना महान हुआ भगवान

देख हमारे सचिन की ताकत क्या हो गई इंसान
कितना महान हुआ भगवान
कितना महान हुआ भगवान

टेस्ट में जो कर न पाते
भगवान वन-डे में भी कर दिखलाते
इसलिए ही तो महान और भगवान कहलाते
जिसपे सारा देश कुरबान
देख हमारे सचिन की ताकत क्या हो गई इंसान
कितना महान हुआ भगवान

कहते हैं शेर बूढ़ा भी करे शिकार
गीदड़ नहीं, जो बन बैठे बेकार
टीम पे आए संकट तो करते बेड़ा पार
पूरी टीम करती उसका ही गुणगान
देख हमारे सचिन की ताकत क्या हो गई इंसान
कितना महान हुआ भगवान
कितना महान हुआ भगवान

चेहरे पर जरा गुरूर नहीं है
सबसे उपर होने का सुरूर नहीं है
बोलो, क्या उस जैसा महान कहीं है
सरताज है सरताज रहेगा, अपना सचिन महान
देख हमारे सचिन की ताकत क्या हो गई इंसान
कितना महान हुआ भगवान
कितना महान हुआ भगवान

ब्रायन, सनथ, ब्रैडमैन, गावस्कर
करते आदर सत्कार झुककर
कहते, सचिन चले तो न देखे रूककर
खिलाड़ी छोटा बड़ा, करता उसे सलाम
ऐ बंदे
देख सचिन की ताकत क्या हो गई इंसान
कितना महान हुआ भगवान
कितना महान हुआ भगवान

26 जुलाई 2010

राजनीतिक स्वार्थ ........!

महंगाई का ब्रेकफास्ट  कीजिये ,
आश्वासनों का लंच कीजिये ,
डिग्रियों की सिगरेट बनाकर पीजिये |
हे भाई ! इतनी सुखद जिंदगी के लिए ,
कम से कम सरकार को धन्यवाद तो दीजिये |
नेता जी ने नारा लगाया ,
गरीबी हटाओ ,गरीबी हटाओ ,
गरीबी खिसिया कर बोली ,
महोदय , पहले अपना वजन तो घटाओ |
सिर्फ कुर्सी की तमन्ना अब हमारे दिल में है ,
देखना है कितनी गुंजाइश तुम्हारे  मंत्रिमंडल  में है  |



22 जुलाई 2010

जैसे मिल गई चवन्नी भीख में भिखारी से

 मुफ्त में मिला था मैं,

इस देश को उधारी में ,

जैसे मिल गई चवन्नी,

भीख में भिखारी से |

16 जुलाई 2010

कहां से आया ये सॉरी..........!


 सॉरी, मैं लेट हो गया..। सॉरी, मैं वो काम पूरा नहीं कर पाया..। मेरी वजह से तुम्हारी ट्रेन छूट गई, आई एम सारी.. मैने तुम्हारा दिल तोड़ा, सॉरी.. सॉरी, मैने तुम्हें गलतफहमी में थप्पड़ मार दिया। ये क्या अब क्यों गुस्सा हो रहे हो सारी बोल तो दिया। अक्सर ही इस ' सॉरी ' के शिकार हुए लोगों के मुंह से निकल ही जाता है कि 'अंग्रेज चले गये लेकिन ' सॉरी ' छोड़ गए। चाहे कितनी ही बड़ी गलती कर दो बस एक सॉरी बोला और हो गया काम पूरा।'
वहीं सॉरी कहने वालों की सोच होती है कि अब माफी तो मांग ली अब क्या सिर्फ एक गलती के लिए फांसी दे दोगे। बड़ी से बड़ी गलती हो जाने पर भी ये बस एक सारी के सहारे सभी गलतियों कि माफी पाने की तमन्ना रखते हैं। कितना छोटा सा शब्द होता है सारी। अंग्रेजी में माफी मांगने के लिए प्रयोग होने वाले इस शब्द को समझो तो इसके मायने कितने गहरे होते हैं। अपनी गलती को मान कर उसे दोबारा न करने और उसके लिए शर्मिदा होने के भाव को व्यक्त करता है। लेकिन कितने लोग ऐसे हैं जो इसके असली भावों से वाकिफ हैं। कई बार लोग इनके इस झूठे शब्दों के जाल में फंस जाते हैं तो कुछ इसकी असलियत को जानते हुए इसकी परवाह ही नहीं करते।
आज कितने ही लोग बचे हैं जो सारी कहने के बाद फिर से वो गलती नहीं करते। वे तो बस उस समय बात बिगड़ने के डर से इस सारी का सहारा लेते हैं। ऐसे लोगो की वजह से सारी शब्द अपने असली मायने खो रहा है ।

13 जुलाई 2010

प्रिय ब्लॉगर मित्रो प्रणाम लीजिये मैं फिर हाज़िर हूँ ....!


प्रिय ब्लॉगर मित्रो प्रणाम ! कैसे है आप सब ? लीजिये मैं फिर हाज़िर हूँ एक लम्बे इंतज़ार के बाद आप सब के लिए एक  शेर आशा है आप सब को यह  पसंद आयेगा !

जो कोई समझ न पाए वो बात हूँ मैं 

जो ढल के नई सुबह लाये वो रात हूँ मैं 

चले जाते है लोग दुनिया से रिश्ता बना के 

जो न कभी छूट पाए वो साथ हूँ मैं
                       आपका संजय भास्कर