25 मार्च 2023

माँ के हाथों की बनी रोटियाँ :)

 

( चित्र गूगल से साभार  )

रोजगार की तलाश में 
घर से बहुत दूर 
बसे लोग 
ऊब जाते है जब 
खाकर होटलो का बना खाना 
तब अक्सर ढूंढते है 
माँ के हाथों की बनी रोटियाँ  
पर नहीं मिलती 
लाख चाहने पर भी वो रोटियाँ  
क्योंकि कुछ समय बाद 
याद आता है घर तो छोड़ आये 
इन्ही रोटियों के लिए..... !!

- संजय भास्कर   

9 टिप्‍पणियां:

जिज्ञासा सिंह ने कहा…

सच! रोज़गार की तलाश में बहुतों को मां के हाथ की रोटी नसीब नही होती.. पर नेह बना रहना चाहिए.. मर्म को छूती कृति।

Meena Bhardwaj ने कहा…

लाख चाहने पर भी नहीं मिलती वो रोटियाँ क्योंकि रोज़गार की तलाश में वो कहीं पीछे छूट जाती है ।मर्मस्पर्शी भावाभिव्यक्ति ।

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 27 मार्च 2023 को साझा की गयी है
पाँच लिंकों का आनन्द पर
आप भी आइएगा....धन्यवाद!

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

आज की पीढ़ी नहीं तलाशती माँ के हाथों की बनी रोटियाँ•••

शुभा ने कहा…

वाह!संजय जी ,रोटी के लिए रोटी छोड आए.....सच है माँ के हाथ की रोटी में प्यार जो गुँथा रहता है व

Anita ने कहा…

इसी विडम्बना का नाम ही तो जीवन है

Raj PDF Official ने कहा…

I read this post your post so nice and very informative post thanks for sharing this post keep it up! thank you

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Ar Godara ने कहा…

Happy Mother's Day
thanks for sharing this Post