चित्र - गूगल से साभार
साठ बरस की उम्र में घर बनाने की सोचना
दुस्साहस तो है, मगर उसने किया
वह एक-एक कर लाया
ईट-पत्थर -रेत लकड़ी
सरिया व सीमेंट
जैसे सामने के पेड़ पर
घर बनती हुई चिड़िया
एक-एक कर लाई
घास -तिनके -कपड़े की चिंदी
सींके या सुतली
बूढ़े और चिड़िया ने नहीं पूछी एक दूसरे की उम्र
घर बनाना दुस्साहस नहीं
किसी भी उम्र में
अगर चिड़िया से मांग सके कोई
थोड़ा सा धीरज
थोड़ा सा उड़ना !!
लेखक परिचय - ब्रजेश कृष्ण
सभी साथियों को मेरा नमस्कार कुछ दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ ज़िंदगी की भागमभाग से कुछ समय बचाकर आज आप सभी के समक्ष उपस्थित हूँ ...!!
-- संजय भास्कर
31 टिप्पणियां:
बहुत खूब
सुन्दर रचना के साथ वापसी
धैर्य आ ही जाता है बूढ़े होते होते :)
बहुत खूब !सुन्दर रचना !
बहुत खूब बहुत सुन्दर रचना
sundar prastuti !
बच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।
बच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।
बच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।
उम्र हार जाती है धैर्य और परिश्रम के आगे
बेहतरीन ,,,,
आभार !!
घर छोटा हो या बड़ा चाहत सिर्फ इतनी रहती है कि अपना एक आशियाना हो... बहुत सुंदर
जिंदगी की भागम भाग के बाद ही तो इतनी धैर्य वाली प्रस्तुति की प्रेरणा मिली होगी आभार
कितना दुर्लभ है न..ऐसा कर पाना.. फ़िर भी करके दिखाना ही आदमी साहस का परिचय है..!! बना रहे ऐसा मानस..
बहुत सुंदर रचना..!!
बहुत बढ़िया
आसान नहीं है चिड़िया जैसा हो पाना पर साहस हो तो ६० क्या इंसान मरते दम तक बहुत कुछ कर सकता है ...
सार्थक दुस्साहस - धन्यवाद
चिडि़यों से भी सीखा जा सकता है धैर्य और साहस ।
अच्छी कविता ।
इस के लिए उत्कट जिजीविषा होनी चाहिए बस और कुछ नहीं ....
सच चिड़ियों को घरौंदा बनाते देख हर बार प्रेरणा मिलती हैं स्फूर्ति मिलती हैं
बहुत सुन्दर
बहुत खूब
Lovely photo.
बहुत ही सुन्दर रचना
घर बनाने के लिए उम्र नहीं इच्छा शक्ति की जरूरत होती हैं
चिड़ियों सा धीरज और उमंग बहुत मुश्किल है इंसान के लिए। फिर भी असंभव नहीं है।
सुंदर रचना |
Very nice post ...
Welcome to my blog on my new post.
घर बनाना दुस्साहस नहीं
किसी भी उम्र में
अगर चिड़िया से मांग सके कोई
थोड़ा सा धीरज
थोड़ा सा उड़ना !!
..यही तो सीख चाहिए इंसान को
..बहुत सुन्दर प्रस्तुति
प्रेम और साहस का अनूठा परिचय
उम्र हार जाती है धैर्य और परिश्रम के आगे
बेहतरीन
बहुत सुंदर रचना ।
बहुत संवेदनशील ... धैर्य ज़रूरी है इस उम्र में .।।
घर किसी भी उम्र बने इन्सान का उत्साह देखने लायक होता है .बहुत खूबसूरती से आपने उसे शब्दों में ढाला है .
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