( चित्र - गूगल से साभार )
हर कोई अक्सर कहता है
मैं दुखी हूँ !
पर वो ये नहीं जानता
की दुनिया में बहुत लोग दुखी है !
हर कोई है परेशान
पर सबका अपना - अपना
नसीब है !
ये हर घर की कहानी है
हर किसी की कोई न कोई
परेशानी है !
कोई दुखी है पैसे न आने से
कोई दुखी है !
अपनी औलादों के कारनामो से
पर शायद सुख दुःख
इसी का नाम
...............जिंदगी है !
इन्ही सब से बनती है !
जिंदगी की कहानी
....जो अलग अलग होती है !
सब की जुबानी.......!!!
@ संजय भास्कर