आदरणीय
रेणु जी ( ब्लॉग क्षितिज ) अनुराधा चौहान जी ( Poet and Thoughts ) और अनीता सैनी जी ( गूंगी गुड़िया ) काफी समय से तीनो को ब्लॉग के माध्यम से पढ़ रहा हूँ इनकी हर विषय पर एक से बढ़कर एक मर्मस्पर्शी व सटीक रचनाएँ और हाइकु ने सीधे दिल पर दस्तक देते है सभी लेखिकाओं का कम समय में बढ़िया लेखन पढ़ने को मिला तीनो की लेखनी से मैं बहुत ही प्रभावित हूँ होकर ही इनके बारे में लिख रहा हूँ पर शायद किसी के बारे में लिखना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है तीनो लेखिकाओं के लिए कुछ शब्द साँझा कर रहा हूँ उम्मीद है सभी पसंद आये..........!!
रेणु जी ज़िंदगी पर जिस यथार्थता से रेणु जी की कलम चली है उतनी ही मर्मस्पर्शी व सटीक रचनाएँ लिखी है.... वैसे भी कवि हृदय में प्रेम का एक विशिष्ट स्थान होता है और इसे रेणु जी ने अपने अनुभव से और भी विशिष्ट बना दिया है उनकी कुछ रचनाएँ सच ही मन को भावुक कर जाती हैं रेणु जी की लिखी कुछ मेरी पसंदीदा रचनाये ......
घर से भागी बेटी के नाम, मैं श्रमिक, सुन ओ वेदना, भैया तुम हो अनमोल, स्मृति शेष पिताजी, उदासियों के बियाबान, मेरी पसंदीदा रचनाये !! मेरी और से रेणु जी को निरंतर लेखन के लिए को शुभकामनाएँ............!!
अनुराधा चौहान जी की कुछ रचनाये बड़ी सहजता से अपनी व्यथा व्यक्त करती है उनकी कवितायें इस बात को
प्रमाणित भी करती हैं संवेदनशील मन मात्र अपनी ही व्यथा कथा नहीं कहता इनसे जुड़े हर शख़्स की भावनाओं को कवयित्री ने कविता में बुन डाला है उनकी कुछ रचनाएँ सच ही मन को भावुक कर जाती हैं
अनुराधा चौहान की लिखी कुछ मेरी पसंदीदा रचनाये.......
एक गरीब बेचारा, अधूरे ख्वाब, वक़्त के घाव, जीवन का सत्य, मैं ही प्रलय हूँ, ग़रीब की ज़िंदगी, काश न होती यह सरहदें इत्यादि, मेरी और से अनुराधा जी को निरंतर लेखन के लिए को शुभकामनाएँ...........
अनीता सैनी जी से ब्लॉग से परिचय हुआ उनकी कविताये पढ़ने को मिली काफी समय से अनीता जी के लेखन
से मैं बहुत प्रभावित हूँ हमेशा ही उनकी हर पोस्ट में कुछ अलग ही पढ़ने को मिलता है खासकर संवेदन शील विषय पर लिखी हर रचना एक अलग ही छाप छोड़ती है लेखिका के पास लेखन का कई वर्षों अनुभव है इसी कारण उन्होंने लेखन में मन में उपजे विचारों को नए अंदाज में लिखती है अनीता जी की रचनाएँ अपने आप में अनूठी है जो सीधे दिल को छूती है अनीता सैनी की लिखी कुछ मेरी पसंदीदा रचनाये.......
बोलता ताबूत, सत्य अहिंसा का पुजारी, ख़ामोशी तलाशती है शब्द, वेदना प्रकृति की, ख़ामोश होते रिश्तें, मुस्कान अश्कों की ,
मेरी ओर से निरंतर लेखन के लिए आदरणीय तीनो बड़ी बहनो को ढेरों शुभकामनाएँ........!!
-- संजय भास्कर