08 दिसंबर 2010

हादसों के शहर में ---संजय भास्कर


हादसों के शहर  में ,
सबकी खबर रखिए |
कोई रखे  न रखे ,
आप जरूर रखिए |
इस दौर में 
वफा कि बातें ,
यक़ीनन सिरफिरा है कोई ,
उस पर नजर रखिए |
चेहरों को पढने का हुनर ,
खूब दुनिया को आता है |
राज कोई भी हो ,
दिल में छुपा कर रखिए |
नजदीकी दोस्तों कि भी 
नहीं है इतनी अच्छी ,
रिश्ता कोई भी हो ,
फासले बना कर रखिए |

..........संजय कुमार भास्कर