11 जुलाई 2011

अस्वस्थता के समय लिखी कुछ क्षणिकायें उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी.. .......संजय भास्कर

आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा ........सादर नमस्कार ............अस्वस्थता के कारण  काफी दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था पर अब  आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ । अस्वस्थता के कारण आराम करते समय हमेशा ही कुछ लाइन दिमाग में आती थी जिन्हें क्षणिका के रूप में पढवाता हूँ उम्मीद है आप सभी को पसंद आएगी.........!



(1.)  गजब


अनपढ़ विधायक
के साथ
गजब हो गया
पता चला वह एजुकेशन 
मिनिस्टर हो गया !


( 2.)  सफ़र


दोस्ती का सफ़र लम्बा हुआ
 तो क्या हुआ  ?
थोडा तुम चलो
थोडा हम चलेंगे
और फिर रिक्शा कर लेंगे !


( 3.)  कमाल


 21 वी सदी में देखो
लोकतंत्र का कमाल अब पढ़े लिखे भी
वोटिंग मशीन पर
लगाते है अंगूठे से निशान !


(4.)  अवार्ड 


आज कुछ अध्यापक
न स्कूल जाते है
और न कभी पढ़ते है
करके चापलूसी अधिकारियो कि
बेस्ट टीचर अवार्ड पाते है !


( 5.)  फिल्मे 


आजकल चल रही फिल्मे
कर रही है कमाल
जिन्हें देख शर्म भी खुद
शर्म से हो रही है लाल ..........!





-- संजय भास्कर