इश्क क्या होता है ,
समझते है हम चोट खाने के बाद ,
वो हंस कर सितम करती रही
हम हंस कर सितम सहते रहे
मेरी आँखों में झलकती है मेरी कहानी
जो छुपाये नहीं छुपती |
मौत आये तो गले लगा ले हम
जी कर क्या करे इश्क में चोट खाने के बाद
दर्द गमो का इलाज़ मिल भी जाये तो क्या
मरना चाहता है ' भास्कर ' अब लाइलाज |
संजय कुमार भास्कर