शब्दों की मुस्कुराहट :)
जिन्दगी के कुछ रंगों को समेटकर शब्दों से मुस्कुराहट बाँटने की कोशिश :)
20 अप्रैल 2010
जो आँखों में ही रहते है
होंठो की जुबां ये आंसु कहते है ,
चुप रहते है मगर फिर भी बहते है
इन आंसुओ की किस्मत तो देखो
ये उन के लिए बहते है ,
जो आँखों में ही रहते है |
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