चित्र - गूगल से साभार
साठ बरस की उम्र में घर बनाने की सोचना
दुस्साहस तो है, मगर उसने किया
वह एक-एक कर लाया
ईट-पत्थर -रेत लकड़ी
सरिया व सीमेंट
जैसे सामने के पेड़ पर
घर बनती हुई चिड़िया
एक-एक कर लाई
घास -तिनके -कपड़े की चिंदी
सींके या सुतली
बूढ़े और चिड़िया ने नहीं पूछी एक दूसरे की उम्र
घर बनाना दुस्साहस नहीं
किसी भी उम्र में
अगर चिड़िया से मांग सके कोई
थोड़ा सा धीरज
थोड़ा सा उड़ना !!
लेखक परिचय - ब्रजेश कृष्ण
सभी साथियों को मेरा नमस्कार कुछ दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ ज़िंदगी की भागमभाग से कुछ समय बचाकर आज आप सभी के समक्ष उपस्थित हूँ ...!!
-- संजय भास्कर
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना के साथ वापसी
धैर्य आ ही जाता है बूढ़े होते होते :)
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंsundar prastuti !
जवाब देंहटाएंबच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।
जवाब देंहटाएंबच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।
जवाब देंहटाएंबच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।
जवाब देंहटाएंउम्र हार जाती है धैर्य और परिश्रम के आगे
जवाब देंहटाएंबेहतरीन ,,,,
आभार !!
घर छोटा हो या बड़ा चाहत सिर्फ इतनी रहती है कि अपना एक आशियाना हो... बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंजिंदगी की भागम भाग के बाद ही तो इतनी धैर्य वाली प्रस्तुति की प्रेरणा मिली होगी आभार
जवाब देंहटाएंकितना दुर्लभ है न..ऐसा कर पाना.. फ़िर भी करके दिखाना ही आदमी साहस का परिचय है..!! बना रहे ऐसा मानस..
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना..!!
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंआसान नहीं है चिड़िया जैसा हो पाना पर साहस हो तो ६० क्या इंसान मरते दम तक बहुत कुछ कर सकता है ...
जवाब देंहटाएंसार्थक दुस्साहस - धन्यवाद
जवाब देंहटाएंचिडि़यों से भी सीखा जा सकता है धैर्य और साहस ।
जवाब देंहटाएंअच्छी कविता ।
इस के लिए उत्कट जिजीविषा होनी चाहिए बस और कुछ नहीं ....
जवाब देंहटाएंसच चिड़ियों को घरौंदा बनाते देख हर बार प्रेरणा मिलती हैं स्फूर्ति मिलती हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
बहुत खूब
जवाब देंहटाएंLovely photo.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंघर बनाने के लिए उम्र नहीं इच्छा शक्ति की जरूरत होती हैं
जवाब देंहटाएंचिड़ियों सा धीरज और उमंग बहुत मुश्किल है इंसान के लिए। फिर भी असंभव नहीं है।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना |
जवाब देंहटाएंVery nice post ...
जवाब देंहटाएंWelcome to my blog on my new post.
घर बनाना दुस्साहस नहीं
जवाब देंहटाएंकिसी भी उम्र में
अगर चिड़िया से मांग सके कोई
थोड़ा सा धीरज
थोड़ा सा उड़ना !!
..यही तो सीख चाहिए इंसान को
..बहुत सुन्दर प्रस्तुति
प्रेम और साहस का अनूठा परिचय
जवाब देंहटाएंउम्र हार जाती है धैर्य और परिश्रम के आगे
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
बहुत सुंदर रचना ।
जवाब देंहटाएंबहुत संवेदनशील ... धैर्य ज़रूरी है इस उम्र में .।।
जवाब देंहटाएंघर किसी भी उम्र बने इन्सान का उत्साह देखने लायक होता है .बहुत खूबसूरती से आपने उसे शब्दों में ढाला है .
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