08 सितंबर 2014

..... बारिश की वह बूँद :)


बारिश की वह बूँद
जो मेरे कमरे की खिड़की के
शीशे पर
फिसल रही थी
जिसे मैं घंटो से निहार रहा था
उसे देख बस मन में
एक ही ख्याल आ रहा था
जो बूँद इस
शीशे को भीगा
रही है
वैसे ही काश
भीग जाए मेरा मन ....!!!


(C) संजय भास्कर

49 टिप्‍पणियां:

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

कोमल भावसिक्त सुन्दर रचना....
:-)

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

क्या बात वाह!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब संजय जी ... बूँद का एहसास ही भीगा हुआ होता है और ऐसे में मन के भीग जाने का एहसास पुरसुकून देता है ... गहरे जज्बात समेटे पंक्तियाँ ... लाजवाब ...

Anita ने कहा…

मन भीग जाता है जिस क्षण...कितना कुछ घट जाता है...कोई दीप जल जाता है मन्दिर में बिन जलाए या कोई फूल झर जाता है अस्तित्त्व के चरणों में...सुंदर भाव !

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

bheegee hui kavita

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर.
नई पोस्ट : दीर्घजीवन और पालतू जानवर

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर ।

Unknown ने कहा…

सुन्दर भावाभिव्यक्ति

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

मन को भावसिक्त कर गई बूँद , इन पंक्तियों में बिंब प्रत्यक्ष है !

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

वाह, बहुत खूब।
बेशक, अच्छी कविता ।

Onkar ने कहा…

बहुत खूब

Asha Lata Saxena ने कहा…


उम्दा भाव लिए रचना

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

samvednaaon ki utkrist abhiwayakti .....

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

वैसे ही भीग जाय मेरा मन |
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति !
जन्नत में जल प्रलय !

मीनाक्षी ने कहा…

नन्हीं सी बूँद ने करिश्मा तो कर ही दिया...मन भीगा तो ही इस नन्हीं सी कविता का जन्म हुआ

विभूति" ने कहा…

भावो की अभिवयक्ति......

विभूति" ने कहा…

भावो की अभिवयक्ति......

सदा ने कहा…

भावमय करते शब्‍द .....

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

Bahut Sunder

Kunwar Kusumesh ने कहा…

बहुत खूब

Himkar Shyam ने कहा…

बहुत बढ़िया...

Amrit Sinha ने कहा…

waah kya baat kahi :-)

Ankur Jain ने कहा…

बूंदों को रूह तक उतरने का मौका दीजिये फिर देखियेगा कभी सूख नहीं पायेंगे...सुंदर प्रस्तुति।।।

Manoj Kumar ने कहा…

अच्छी भावपूर्ण रचना !
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है !

Manoj Kumar ने कहा…

अच्छी भावपूर्ण रचना !
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है !

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

वाह...सुन्दर पोस्ट...
समस्त ब्लॉगर मित्रों को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं...
नयी पोस्ट@हिन्दी

shephali ने कहा…

बहुत सुन्दर संजय जी
मन को भीगा देने वाली बारिश काम ही होती है

Asha Joglekar ने कहा…

सुंदर भावपूर्ण।

Harshita Joshi ने कहा…

Good one

मन के - मनके ने कहा…

बारिश की वह बूंद----भीग जाय मेरा मन.
भीगी सी अभिव्यक्ति.
जेनेरेशन गेप--आज का ज्वलंत प्रश्न--
ढलती उम्र का एक पछतावा या आई-ओपनर.
प्राईवेसी--क्या है इसकी सीमा और कब-कब?
शुभकामनाएं,संजय जी.
क्षमा करें देरी हो गई.

बेनामी ने कहा…

बहोत ही सुन्दर ब्लॉग और लिखावट हे आपकी संजय भाई ,मुझे बहोत कुछ सिखने को मिलेगा आपके ब्लॉग से ,में सुभकामना के साथ धन्यवाद करती हु की अपने अपने ब्लॉग में मुझे आमंत्रित किया

Unknown ने कहा…

Bhaawpurn...bheeg jaye mera mann waah...sunder bhivyakti!!

mohan intzaar ने कहा…

आप की रचनाएँ मेरे लिये प्रेरणा हैं! बहुत सुंदर

राज चौहान ने कहा…

बहुत खूब संजय जी ... बूँद का एहसास ही भीगा हुआ होता है

राजीव उपाध्याय ने कहा…

बहुत सुन्दर भावना संजय जी

Sanjay Kumar Garg ने कहा…

सुंदर अभिव्यक्ति! साभार! संजय जी!
धरती की गोद

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

बहुत सुंदर

India Darpan ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....


इंडिया दर्पण
की ओर से आभार।

Nitish Tiwary ने कहा…

sundar prastuti

Himkar Shyam ने कहा…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ...

Mahesh Barmate "Maahi" ने कहा…

waah... sunadar abhivyakti

prritiy----sneh ने कहा…

bahut sunder

shubhkamnayen

Chakreshhar Singh Surya ने कहा…

बहुत बढ़िया :)

Ankita ने कहा…

that was nice!

Yogi Saraswat ने कहा…

नन्हीं सी बूँद ने करिश्मा तो कर ही दिया...मन भीगा तो ही इस नन्हीं सी कविता का जन्म हुआ ​
सुन्दर शब्द संयोजन श्री संजय जी

Shashi ने कहा…

So nice

Yogi Saraswat ने कहा…

सुन्दर भावाभिव्यक्ति

Unknown ने कहा…

बूँद का एहसास ही भीगा हुआ होता है

Unknown ने कहा…

बारिश की वह बूंद----भीग जाय मेरा मन.
भीगी सी अभिव्यक्ति.