वो जब लिखती है तो बस कागज़ पर अपना अपना दिल निकाल कर रख देती है ऐसी ही है लेखिका अनुलता राज नायर कवितायेँ लिखकर इन्हे बहुत ही सुकून मिलता है और लगता है जीवन के कुछ मायने है ) अनुलता जी के लेखन की तारीफ तो ब्लॉगजगत में हर कोई करता है.उनकी कलम से निकला हर शब्द दिल को छूकर गुज़र जाता है दैनिकभास्कर के मधुरिमा पृष्ठ पर अक्सर अनुलता जी की कहानियाँ पढ़ने को मिलती है उनकी लिखी प्यार भरी नज्मे
..........................................कुछ लाइन पेश है :)
एक शोख़ नज़्म
फिसल कर मेरी कलम से
बिखर गयी
धूसर आकाश में !भीग गया हर लफ्ज़
बादलों के हल्के स्पर्श से...
और वो बन गयी
एक सीली उदास नज़्म!
हमेशा ही दिल को छूकर गुजर जाती है चाहे कितनी ही बार पढ़ो हमेशा कुछ नयापन ही मिलेगा !
एक लम्बे समय से मैं अनुलता जी का ब्लॉग पढ़ रह हूँ और आज फेसबुक स्टेटस पर उनकी किताब के बारे में पढ़ा और आज रविवार होने के कारण समय भी था इसीलिए सोचा अनु जी के लिए कुछ लिखा जाये !
अपने घर में जब की माँ की लायी किसी भी वस्तु को देखता हूँ तो हमेशा ही अनु जी की कविता ( स्मृतियाँ ) की याद आ जाती है जिसे कुछ इस तरश से लिखा है अनु जी ने ........:)माँ के ज़ेवरों की तरह
सम्हाल रखी हैं मैंने
तुम्हारी बातें,
सहेज रखा है हर महका लम्हा
रेशम की लाल पोटली में !
सम्हाला है
स्मृतियों को
एक विरासत की तरह
अगली पीढ़ी के लिए...!!
मुझे अक्सर रीना मौर्या जी अनु जी के काव्य संग्रह ( इश्क़ तुम्हे हो जायेगा ) की रचनाओं के बारे में बताया करती है ! उनका कहना था संग्रह की कविताओं को पढ़ते हुए वाक़ई इश्क़ हो जायेगा और शायद वो सही थी ...!!
तभी मैंने भी { इश्क तुम्हे हो जायेगा } की प्रति मंगवा कर कुछ रचनाएँ पढ़ी और जैसे की पहले भी कह चूका हूँ उनकी रचनाएँ हमेशा दिल को छू जाती है !
क्योंकि अनुलता जी की कविताएँ हमारे जीवन की वह जीवन्त कविताएँ हैं जिसे हम सचमुच जीते हैं उन्होंने प्यार भरे रिश्तों को पूरी तरह जीकर अपनी कविताओं में कविताओं में उकेरा है !
संग्रह की कुछ कविताएँ जैसे इश्क़ तुम्हे हो जायेगा, उदासियाँ, स्वेटर, स्मृतियाँ, अपने आप आप में उत्कृष्ट रचनाएँ हैं !
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मेरी और से लेखिका अनुलता नायर जी को उनके काव्य-संग्रह( इश्क़ तुम्हे हो जायेगा ) के लिए ढेरो शुभकामनाये..... !!
मेरी और से लेखिका अनुलता नायर जी को उनके काव्य-संग्रह( इश्क़ तुम्हे हो जायेगा ) के लिए ढेरो शुभकामनाये..... !!
(C) संजय भास्कर
36 टिप्पणियां:
अनुजी को मैंने भी पढ़ा है |अच्छा लिखती हैं |
सुन्दर लेख लिखने के लिए धन्यवाद संजय |
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवार के लिए चुरा ली गई है- चर्चा मंच पर ।। आइये हमें खरी खोटी सुनाइए --
अति सुन्दर रचना
अनुलता जी के बारे में बहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
क्या बात है संजय बहुत खूब ।
सुन्दर आलेख ! अनु जी की तारीफ़ जितनी की जाये , उतनी ही कम है ...
इतनी सुन्दर पुस्तक है की उसकी चर्चा करना लाजमी है..
एक बार फिर इस सुन्दर पुस्तक के लिए अनु जी को बधाई...
और आपको भी बहुत-बहुत बधाई सर इस लेखन के लिए....
आप दोनों को शुभकामनाएँ.....
:-)
अनु को बहुत बहुत बधाई ....!!बहुत अच्छा लिखती हैं उनके लेखन की जितनी भी तारीफ की जाए कम है ...!!
संजय आपको भी समीक्षा की बधाई ....!!
अनु को बहुत बहुत बधाई ....!!बहुत अच्छा लिखती हैं उनके लेखन की जितनी भी तारीफ की जाए कम है ...!!
संजय आपको भी समीक्षा की बधाई ....!!
सच मे ही अनु जी बहुत सधी हुयी कलम हैं1 उन्हें बधाई1
achhi samiksha.. badhai !
"वो जब लिखती है तो बस कागज़ पर अपना दिल निकाल कर रख देती है " और उस दिल से निकली हर रचना हम पाठकों के दिल के गहराई तक छू जाती है, सच कहा संजय, अनु को हमारे ब्लॉग जगत में कौन नहीं जानता हम सबकी चहेती और एक बेहद संवेदनशील लेखिका है वो, "इश्क़ तुम्हे हो जायेगा" इस काव्यसंग्रह के लिए बहुत बहुत बधाई अनु को ! अच्छी समीक्षा की है आपने !
बढ़िया कार्य हेतु बधाई , जय हो संजय भाई !
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~ I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ ~ ( ब्लॉग पोस्ट्स चर्चाकार )
अनुलता जी को उनकी पुस्तक के लिए बधाई और इस परिचय के लिए आपका आभार...
मैं भी अक्सर पढता रहता हूँ उन्हें
मेरी पसंदीदा ब्लॉगरों में से एक हैं वो
बहुत सही लिखा है आपने !
आभार !
She is a gifted writer. I wish luck for her book and for future.
मैं भी अनु को अकसर पढा करती हूँ..बहुत खूब लिखा ..तुम दोनों को शुभकामनाएं
अनुलता राज नायर जी वास्तव में अच्छा लिखती हैं।
she is nice writer....
वास्तव मे तारिफ के काबिल हैै ,संजय जी शुक्रिया
अनु जी को पढते ही हैं ब्लॉग पर। उनके पुस्तक प्रकाशन पर ढेरों बधाइयां। आपको भी इस लेख के लिये।
आनंद आया अनु लता जी पर आपका रिपोर्ताज़ पढ़कर। शुक्रिया संजय भाई आपकी टिप्पणियों के लिए।
संजय क्या कहूँ....सच अभिभूत हूँ|
आपकी इस प्यारी समीक्षा के ज़रिये आपने मेरे सभी प्रिय ब्लॉगर्स का स्नेह मुझ तक पहुंचा दिया...
और आपके इस स्नेह के लिए तो मेरे पास शब्द ही नहीं है...
दिल से शुक्रिया !!
ढेरों शुभकामनाएं....
सस्नेह
अनु
बहुत ख़ूब
आपका ब्लॉग देखकर अच्छा लगा. अंतरजाल पर हिंदी समृधि के लिए किया जा रहा आपका प्रयास सराहनीय है. कृपया अपने ब्लॉग को “ब्लॉगप्रहरी:एग्रीगेटर व हिंदी सोशल नेटवर्क” से जोड़ कर अधिक से अधिक पाठकों तक पहुचाएं. ब्लॉगप्रहरी भारत का सबसे आधुनिक और सम्पूर्ण ब्लॉग मंच है. ब्लॉगप्रहरी ब्लॉग डायरेक्टरी, माइक्रो ब्लॉग, सोशल नेटवर्क, ब्लॉग रैंकिंग, एग्रीगेटर और ब्लॉग से आमदनी की सुविधाओं के साथ एक
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सच कहा है तुमने!!
Bahut saargarbhit chitran
Anu Ji ko unki kitaab ke liye shubhkaamnaayein. :)
Yah kitaab kaha milegi?
अक्षरश: सच कहा .....
बहुत ही अच्छी पुस्तक व समीक्षा
आपकी इस समीक्षा में अनुलता नायर जी की की उद्धरित पंक्तियां संवेदना को झंकृत करती हैं।
बधाई अनु जी को।
किसी से किसी का परिचय पा ज्यादा ख़ुशी होती है अपने मुहं मियां मिट्ठू तो सब दीखते है पर ऐसी तारीफ किसी की पढ़ आपके जरिये लग रहा है सच में कुछ तो मिठास होगी ही .....बहुत बढ़िया
आपको गणेशोत्सव के सुसंयोग पर जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें!
दिल को छूता हुआ लिखती हैं अनु जी हमेशा ... उनको पढ़ना हमेशा सुहाता है .. और आप हमेशा ऐसी शक्सियत से मिलवाते हैं संजय जी ... आपका आभार ...
saral sundar aur sahaj ..vishleshan ....
बहुत बढ़िया काम आप कर रहे हैं..... अनु जी से परिचित कराने के लिए धन्यवाद...
दिल को छूता हुआ लिखती हैं अनु जी हमेशा
दोनों को शुभकामनाएं
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