20 जून 2014

....... दिन में फैली ख़ामोशी :))

चित्र - ( गूगल से साभार )

जब कोई इस दुनिया से
चला जाता है
वह दिन उस इलाके के लिए
बहुत अजीब हो जाता है
चारों दिशओं में जैसे
एक ख़ामोशी सी छा जाती है
दिन में फैली ख़ामोशी
वहां के लोगो को सुन्न कर देती है
क्योंकि कोई शक्श
इस दुनिया से
रुखसत हो चुका होता है........!!


(C) संजय भास्कर 

58 टिप्‍पणियां:

Amrit Sinha ने कहा…

Very deep thoughts :-)

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

जीवन का सच यही है जो आता है वो जाता है ।

आशीष अवस्थी ने कहा…

कोई जाये या न भी जाये , हम तो जुड़े रहेंगे मेरे संजय भाई ! बढ़िया लेखन व रचना , संजय भाई धन्यवाद !
I.A.S.I.H - ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

सच कहे मुझे भी कई बार ऐसा ही लगा है
स्नेहाशिष

Unknown ने कहा…

बहुत खूब ज़ी भावनाएँ शब्दों में ....

nayee dunia ने कहा…

yahi saty hai ...

Ranjana verma ने कहा…

ओ दिन ओ पल बहुत ही बोझिल और भारी होता है.... बहुत ही भावयुक्त रचना ...

Kailash Sharma ने कहा…

यही जीवन का सत्य है..

Himkar Shyam ने कहा…

किसी के जाने का दुःख तो होता ही है. जो जीव पैदा होता है उसका अंत भी निश्चित है. यह तो सत्य है. भावपूर्ण प्रस्तुति.

Rahul... ने कहा…

आना-जाना तो जिंदगी की सच्चाई है.… बढ़िया पोस्ट

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

जीवन का सत्य..
भावपूर्ण रचना...

Mahesh Barmate "Maahi" ने कहा…

बहुत सही कहा आपने...

Rewa Tibrewal ने कहा…

sarthak rachna....sach mey aisa hi lagta hai

Ankur Jain ने कहा…

सच कहा...और किसी के जाने से पैैदा हुआ खाली पन अंदर ही अंदर काफी सालता है...
http://www.filmihai.blogspot.in/2014/06/blog-post_20.html
नई पोस्ट पे स्वागत है...

Saru Singhal ने कहा…

Yeah, it has that empty and sad feeling and somehow the air feels heavy.

Satish Saxena ने कहा…

मार्मिक !!

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

सच कहा.

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

जी मन बोझिल हो जाता है बहुत कुछ सोचना होता है और बहुत सारी यादें दिमाग को मथ देती हैं
भ्रमर ५

Unknown ने कहा…

Agree sanjay ji

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जैम जाती हैं उस शख्स से जुडी यादें उसके चले जाने के दिन से ही ...
जीवन के सत्य को बाखूबी लिखा है संजय जी ...

Anita ने कहा…

किसी के जाने से एक खालीपन छा जाता है जिसे भरने में समय लगता है

vijay kumar sappatti ने कहा…

संजय भाई
बहुत ही अच्छी नज़्म . दिल को छो गयी , बहुत दिनों के बाद ब्लोग्ग्गिंग शुरू की है . आपका प्रेम बना रहे .
बधाई स्वीकार करे और आपका आभार !
कृपया मेरे ब्लोग्स पर आपका स्वागत है . आईये और अपनी बहुमूल्य राय से हमें अनुग्रहित करे.

कविताओ के मन से

कहानियो के मन से

बस यूँ ही



Asha Lata Saxena ने कहा…

सराहनीय रचना |

shephali ने कहा…

मर्मस्पर्शी रचना

आशीष अवस्थी ने कहा…

बढ़िया रचना व लेखन , आदरणीय संजय भाई धन्यवाद !
ब्लॉग जगत में एक नए पोस्ट्स न्यूज़ ब्लॉग की शुरुवात हुई है , जिसमें आज आपकी ये पोस्ट चुनी गई है आपकी इस रचना का लिंक I.A.S.I.H पोस्ट्स न्यूज़ पर है , कृपया पधारें धन्यवाद !

virendra sharma ने कहा…


जाना आना दोनों मुखर होते हैं आवजाही के खेल में

Asha Joglekar ने कहा…

जब कोई हमेशा के लिये चला जाता है तो सचमुच कुछ अंदर से टूट जाता है।चा हे उससे हमारा रिश्ता नमस्ते का ही हो।

शिवनाथ कुमार ने कहा…

जैसे जन्म और मृत्यु दोनों सत्य है
वैसे ही जन्म की ख़ुशी और मृत्यु की खामोशी भी
गहन भाव, बढ़िया!

Kunwar Kusumesh ने कहा…

सुन्दर रचना।

Preeti 'Agyaat' ने कहा…

सृष्टि का यही निर्मम नियम है :(

Asha Lata Saxena ने कहा…

कटु सत्य बयान करती रचना |

Shaifali ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Shaifali ने कहा…

सरल शब्दों में लिखा दर्द भरा सत्य। कम शब्द लेकिन अत्यंत गहरा प्रभाव छोड़ते हुए।

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

बेहद उम्दा रचना और बेहतरीन प्रस्तुति के लिए आपको बहुत बहुत बधाई...
नयी पोस्ट@दर्द दिलों के
नयी पोस्ट@बड़ी दूर से आये हैं

babanpandey ने कहा…

भाई माहौल ka वर्णन नहीं किया जा सकता ... लोग बोलने की स्थिति में नहीं होते

बेनामी ने कहा…

aap ki blog aachi abhi abhi dekh rahi hu sorry der ki dekhne me mai aap ko follw karti rahugi

Udan Tashtari ने कहा…

यही जीवनचर्या है.

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

संजय जी ,कविता अच्छी है ।यह आपकी यानी एक रचनाकार की सहृदय व संवेदनामयी दृष्टि है जो हर घटना को गहराई से देखता है। निश्चित ही किसी की जाना एक न भरने वाली जगह छोड़ जाता है । वैसे आज अधिकांश लोग केवल अपने दुख से दुखी होते हैं। दूसरों के जाने पर प्रायः लोग औपचारिक संवेदना प्रकटकर लेते हैं।

Unknown ने कहा…

संवेदनशील लेकिन सत्य

राजीव कुमार झा ने कहा…

जीवन का कटु सत्य !

Malhotra vimmi ने कहा…

सुंदर रचना, दर्द भरा सत्य

आशीष अवस्थी ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति , आप की ये रचना चर्चामंच के लिए चुनी गई है , सोमवार दिनांक - १३ . ७ . २०१४ को आपकी रचना का लिंक चर्चामंच पर होगा , कृपया पधारें धन्यवाद !

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

इसी का नाैम जीवन है।
--
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

स्वाति ने कहा…

कटु सत्य..........

Dr. SHASHI.... ( Ek Kasak ) ने कहा…

aankho ke sath dil bhi ro deta, rukhsati kisi ki bhi ho par dekh kar ya sun kar bahut dukh hota hai, ye jante hue bhi ki ye prakriti ka niyam hai,takleef hoti hi hai. Sanjay ji kafi time baad blog pe aana hua mera, aate hi aap ki ye post dekhi. badhai.

Unknown ने कहा…

Jiven ka sach.....yahi to hai....marmik

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बहुत सुंदर

shashi purwar ने कहा…

marmik thought ......

Yogi Saraswat ने कहा…

बहुत बढ़िया संजय जी

सदा ने कहा…

बेहतरीन पोस्‍ट ....

Renu Vyas ने कहा…

True..the loss of a life leaves a void..:)

निर्मला कपिला ने कहा…

sahi baat hai shubhkamanayen

Misra Raahul ने कहा…

क्या खूब कहा।

Unknown ने कहा…

ek katu saty..... bahut jhakjhorati rachna.

ज्योति सिंह ने कहा…

सुन्दर

Sneha Rahul Choudhary ने कहा…

Bahut achcha likha aapne Sanjay Ji

राज चौहान ने कहा…

संजय भाई
बहुत ही अच्छी नज़्म

Unknown ने कहा…

संजय जी ,कविता अच्छी है