08 अक्तूबर 2012

आज की ताजा खबर -- अंजु (अनु) चौधरी ( क्षितिजा )

आज की ताजा खबर 
*********************

टीवी का शोर
 दिमाग है गोल 
लिखने का है मन 
पर सूझता नहीं  कुछ 
कैसे कुछ सोचू
कैसे कुछ नया लिखू 
यह तो बस नई पुरानी फिल्मो का संग 
अमिताभ के गाने 
संजय दत की ढिशुम- ढिशुम 
गोविंदा के झटके 
अब क्या करूं 
न्यूज़ चैनल पर रुकता रिमोट 
फिर धमाको से गूंजा मुंबई 
फिर हुए ब्लास्ट 
देखा लाशो के ढेर 
दहकी मुंबई सारी 
गूंजी सब तरफ घायलों की चीखें 
फिर शुरू हुई पुलिस की भाग दौड़ 
लग गई फिर से नाकाबंदी 
शुरू हो गई नेताओ की बयान बाज़ी
 राजनीति के गलियारों में 
शुरू हो गया आरोपों का दौर 
ये है आज की ताजा खबर........................ !!!!

आदरणीय अंजु अनु  चौधरी  ब्लॉगजगत की जानी मानी शक्सियत है 
जिन्हें ब्लॉगजगत में ( अपनों का साथ ) ब्लॉग के माध्यम से जाना जाता है !
ख्याबो को बना कर मंजिल ...बातो से सफर तय करती हूँ ..अपनों में खुद को ढूंढती हूँ ....खुद की तलाश करती हूँ ... .. बहुत सफर तय किया ...अभी मंजिल तक जाना हैं बाकि...जब वो मिल जाएगी तो ...विराम की सोचेंगे |बस ये ही हूँ मैं ...यानी अंजु (अनु ) चौधरी ...शब्दों को सोचना और उन्हें लिख लेना ..ये दो ही काम करने आते हैं....साधारण सी गृहणी ...अपनी रसोई में काम करते करते ...इस सफर पर कब आगे बढ़ गई ये पता ही नहीं चला ...कविता के रूप में जब लेखनी सामने आई ...तो वो काव्य संग्रह में तब्दील हो गई

किसी भी किताब के बारे में लिखना और फिर जिसने उस किताब को लिखा है और फिर उसके बारे में लिखना बहुत अलग अलग अनुभव होता है
........करीब ६ महीने पहले अंजू जी का कविता - संग्रह " क्षितिजा " को पढ़ा पर कभी कुछ दिनों से  क्षितिजा के बारे में लिखने का समय नहीं मिल पाया पर आज उसी से जुड़े कुछ विचार आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूँ 

अंजू की के काव्य संग्रह की रचनाये विविध विषयों पर आधारित है ......परन्तु संग्रह की रचनाओ का मूल कथ्य स्त्री की सम्पूर्णता को समेटे हुए है !

 ............. क्षितिजा का अर्थ होता पृथ्वी की कन्या ...धरती की कन्या है तो उसका स्वभाव ही नारी युक्त है और वह नारी भाव से घिरी हुई है ..और अंजू जी की अधिकतर रचनाएं है भी नारी के भावों पर ..खुद अपने परिचय में वह कहती है कि" नारी के भावों को शब्द देते हुए उनकी प्रति क्रियाओं को सीधे सपाट शब्दों में अभिव्यक्त करने का प्रयास किया है "
        
आज वो घर कहाँ
बसते थे इंसान जहाँ
आज वो दिल कहाँ
रिसता था प्यार जहाँ
हर घर की दीवार
पत्थर हो गयी
दिल में सिर्फ बसेरा है गद्दारी का ..सही सच है यह ..हर घर की अब यही कहानी हो चुकी है ..घर कम और मकान अधिक नजर आते हैं जहाँ इंसान तो बसते हैं पर अनजाने से
अंजू जी रचनाओं में प्रेम .इन्तजार ,,कुदरत ,विरह और आक्रोश सभी रंग शामिल हैं 
      
आकाश की कितनी उंचाई 
मैंने नापी है
धरती पर कितनी दूरी तक
बाहें पसारी है
एक सुनहरे उजाले के लिए
निरंतर अब आगे बढ़ रही
एक नयी रोशनी के साए में
खुद को एक राह देने के लिए...!

मेरा विश्वास है यह पुस्तक पठनीय सुखद अनुभूति देने वाली है जो पाठको को बहुत पसंद आयेगी .... !!!!

क्षितिजा के लिये अंजु (अनु) चौधरी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ...!!!!

पुस्तक का नाम – क्षितिजा

रचना कार --   अंजू (अनु) चौधरी 

पुस्तक का मूल्य – 250/ मात्र

आई एस बी एन – 978-93-81394-03-8

प्रकाशक -  हिन्द युग्म 

१, जिया सराय ,हौज ख़ास , नई दिल्ली - 110016



@ संजय भास्कर 



     




44 टिप्‍पणियां:

kunwarji's ने कहा…

शुभकामनाऐ


कुंवर जी

kunwarji's ने कहा…

शुभकामनाऐ


कुंवर जी

राज चौहान ने कहा…

बहुत बहुत बधाई अंजु जी को .........परिचय करवाने का शुक्रिया संजय जी !

राज चौहान ने कहा…

शुरू हो गई नेताओ की बयान बाज़ी
राजनीति के गलियारों में
शुरू हो गया आरोपों का दौर
ये है आज की ताजा खबर......... !!!
........अंजू की ताजा खबर बहुत पसंद आई !

Bharat Bhushan ने कहा…

अनु जी की पुस्तक और उनके बारे में यह जानकारी देने के लिए आभार आपका संजय जी. अनु जी के लिए शुभकामनाएँ. इनका लेखन जीवंत है.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हमारी ओर से भी ढेरों शुभकामनायें।

राजीव तनेजा ने कहा…

बढ़िया समीक्षा

रविकर ने कहा…

शुभकामनायें ||

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बढ़िया पुस्तक परिचय .... शुभकमनाएं

Coral ने कहा…

शुभकामनायें!

अरुन अनन्त ने कहा…

संजय भाई आपने आदरणीया अनु जी बारे में इतना कुछ सुन्दर ढंग से बताया है, अनु जी को बहुत-२ शुभकामनाएं

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

अनु जी को बहुत-२ शुभकामनाएं,,,सुंदर समीक्षा के लिये,,,,संजय जी बधाई,,,,

RECENT POST: तेरी फितरत के लोग,

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

बहुत बहुत बधाई अंजु जी को..... शुक्रिया संजय जी !

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर समीक्षा.......

अनु जी को शुभकामनाएं....

आभार
अनु

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत सुन्दर समीक्षा..तुम्हें और अंजु को बधाई...

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

अंजू जी को पुस्तक के प्रकाशन के लिए बहुत बहुत बधाई .आपकी समीक्षा बहुत सुन्दर है .बधाई

Arvind Jangid ने कहा…

अंजू को किताब के प्रकाशन के लिए बधाई, साथ ही आपने सुन्दर तरीके से विवेचन किया है..आभार

shalini rastogi ने कहा…

एक उत्कृष्ट रचना से परिचित करवाने के लिए धन्यवाद संजय जी!

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

wah jeee...:)
kya baat hai...!!

आशा बिष्ट ने कहा…

anju ji ko dheron shubhkamnaaye..
aur sanjay ji bahut sundar smeeksha..

रचना दीक्षित ने कहा…

सुंदर समीक्षा संजय.

बहुत बधाई और शुभकामनायें अंजु जी को.

Rajesh Kumari ने कहा…

आपकी इस उत्कृष्ट प्रस्तुति की चर्चा कल मंगलवार ९/१०/१२ को चर्चाकारा राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी

babanpandey ने कहा…

क्षितिज और क्षितिजा में कितना अंतर हो जाता है ... सुभकामना

babanpandey ने कहा…

क्षितिज और क्षितिजा में कितना अंतर हो जाता है ... सुभकामना

virendra sharma ने कहा…


08 अक्तूबर 2012
आज की ताजा खबर -- अंजु (अनु) चौधरी ( क्षितिजा )
आज की ताजा खबर
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टीवी का शोर
दिमाग है गोल
लिखने का है मन
पर सूझता नहीं कुछ
कैसे कुछ सोचू.......सोचूँ ....
कैसे कुछ नया लिखू .......लिखूं .....
यह तो बस नई पुरानी फिल्मो का संग.......फिल्मों ............
अमिताभ के गाने
संजय दत की ढिशुम- ढिशुम
गोविंदा के झटके
अब क्या करूं
न्यूज़ चैनल पर रुकता रिमोट

फिर धमाको......(धमाकों )...... से गूंजा मुंबई
फिर हुए ब्लास्ट
देखा लाशो.......(लाशों )....... के ढेर
दहकी मुंबई सारी
गूंजी सब तरफ घायलों की चीखें
फिर शुरू हुई पुलिस की भाग दौड़
लग गई फिर से नाकाबंदी
शुरू हो गई नेताओ .......(नेताओं )............की बयान बाज़ी
राजनीति के गलियारों में
शुरू हो गया आरोपों का दौर
ये है आज की ताजा खबर.......

अनुनासिक की अनदेखी ज़ारी है .......छपते छपते ........


बढ़िया प्रस्तुति .आभार .

Deepak Saini ने कहा…

शुभकामनाऐ

सदा ने कहा…

क्षितिजा की बहुत ही अच्‍छी समीक्षा की है आपने ... अनु जी को बहुत-बहुत बधाई

बेनामी ने कहा…

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Nidhi ने कहा…

अनु जी को बधाई.....ढेर सारी.

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

शुक्रिया संजय ....क्षितिजा और अंजु (अनु) का परिचय करवाने के लिए


मुझे तो पता भी नहीं था की मेरे संग्रह की यहाँ समीक्षा की गई हैं ....एक बार फिर से आभार संजय और आप सभी दोस्तों का :))

Asha Joglekar ने कहा…

क्षितिजा के प्रकाशन पर अंजूजी को बधाई । सुंदर समीक्षा के लिये आपको भी ।

***Punam*** ने कहा…

सुक्रिया इस परिचय के लिए...

Dr. sandhya tiwari ने कहा…

धन्यवाद

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

“क्षितिजा” के लिये अंजु (अनु) चौधरी जी को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ...!!!!
कदाचित इस सुंदर समीक्षा के लिये आप भी तो बधाई के पात्र हैं ........

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

बहुत बहुत बधाई अंजु जी को..

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

आद.अंजु जी का परिचय करवाने का शुक्रिया संजय भाई ....

Minakshi Pant ने कहा…

सबसे पहले संजय जी आपको बहुत २ बधाई बहुत |आपने पुस्तक का बहुत खूबसूरत व्याख्यान किया हमें उम्मीद है इतनी खूबसूरत समीक्षा के बाद इस पुस्तक की बिक्री में यक़ीनन इजाफा होगा | अनु जी को मेरी तरफ से बहुत २ बधाई |

दीपक कुमार मिश्र ने कहा…

ताजा खबर दिल जीत ली है

शुभकामनाएं........

नीलांश ने कहा…

bahut subhkaamnaayen anju ji ko

Suresh kumar ने कहा…

संजय भाई जंहा तक मेरा ख्याल है की अनु जी किसी भी ब्लोगर के लिए परिचया की मोहताज नहीं हैं !फिर भी आपने इतने अच्छे तरीके से उनकी किताब की समीक्षा की है की अब पढ़नी ही पढ़ेगी ! बहुत -बहुत शुक्रिया संजय भाई और अनु जी को बहुत -बहुत बधाई !l

Suresh kumar ने कहा…

संजय भाई जंहा तक मेरा ख्याल है की अनु जी किसी भी ब्लोगर के लिए परिचया की मोहताज नहीं हैं !फिर भी आपने इतने अच्छे तरीके से उनकी किताब की समीक्षा की है की अब पढ़नी ही पढ़ेगी ! बहुत -बहुत शुक्रिया संजय भाई और अनु जी को बहुत -बहुत बधाई !l

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

bahut-bahut shubhkamnaayen .....accha likha hai sanjay jee...

Kunwar Kusumesh ने कहा…

बढ़िया पुस्तक परिचय .

Akash Mishra ने कहा…

हर घर की दीवार
पत्थर हो गयी |

बढ़िया पंक्ति

सादर