06 फ़रवरी 2012

......अनाम रिश्ते.....संजय भास्कर

आप सभी ब्लॉगर साथियों को मेरा सादर नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ  पर अब आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई कविता के साथ उम्मीद है आप सभी को पसंद आयेगी..!!




कुछ रिश्ते अनाम होते है 
पर वो रिश्ते दिल के करीब होते है 
अनाम होने पर भी रिश्ते 
........... कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश 
.............की जाती है !
तो जाने क्‍यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है 
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है 
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा 
सच्ची मुस्कान लिए होते है 
..............अनाम रिश्ते !
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक 
साथ निभाते है अनाम रिश्ते ! 
हमेशा दिल के पास होते है 
ये अनाम रिश्‍ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !


-- संजय भास्कर

138 टिप्‍पणियां:

सदा ने कहा…

ये अनाम रिश्‍ते,

अपनेपन का नाम साथ लेकर ही

.......बस खास होते हैं ।


वाह ...बहुत बढि़या ...

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सटीक रचना ...

Arun sathi ने कहा…

बिल्कुल अपने रिश्तों की तरह.... बहुत खूब.

Rajesh Kumari ने कहा…

eyse rishte sabhi bandhano se mukt hote hain aajad panchi ki tarah khule gagan me udaan bharte hain inki dori me koi girah nahi hoti sadiyon tak kaayam rahte hain.....bahut achchi unda prastuti.

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

wah jii wah... anam rishte ke pichhe chhipe pyare se bandhan ko darsha diya..:)

चंदन ने कहा…

बहुत हि सुन्दर रचना इस अनाम रिश्ते के बारे में सही कहा पाने बहुत हि खास होते हैं और सच है कि नाम दो तो लडखडाने लगते हैं...

Anita ने कहा…

बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है
ये अनाम रिश्‍ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !

बहुत सुंदर पंक्तियाँ !

vandana gupta ने कहा…

सही कहा
अनाम रिश्ते ही साथ साथ चल पाते हैं
नाम वाले तो राह मे ही रुक जाते हैं

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

....इस रिश्ते को कोई नाम न दो....बढ़िया !

Dr. Vandana Singh ने कहा…

..............अनाम रिश्ते !
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है

vastutah yahi sach hai bahit hi sundar rachna....

Shah Nawaz ने कहा…

वाह! खूबसूरत भाव हैं!

Nidhi ने कहा…

बहुत सुन्दर..बिलकुल सही कहा आपने वो अनाम रिश्ते ही होते हैं ..अक्सर ..जो दिल के बेहद करीब होते हैं...जब भी कभी उन्हें नाम देने की कोशिश की जाती है वो दरकने लगते हैं.बाँधने की कोशिश में हम उनका भी दम घोटने लगते हैं .

रश्मि शर्मा ने कहा…

ये अनाम रिश्‍ते

अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !
सच कहा आपने !!

Mithilesh dubey ने कहा…

बहुत सुंदर पंक्तियाँ ,खूबसूरत भाव

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

सुन्दर भाव... वाकई अनाम रिश्ते नाम का बोझ नहीं ढोते हैं... बहुत बढ़िया कविता...

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

कुछ रिश्ते अनाम होते हुए भी दिल के खास बन जाते है ,,
वो किसी नाम के मोहताज नहीं होते है बस निभाते है दिल का रिश्ता ..
हर वक्त और हमेशा , ये अनाम रिश्ते ..
सत्य कथन संजय जी ..
बहुत सुन्दर और बेहतरीन रचना है ...

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

ये अनाम रिश्‍ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !

सुन्दर प्रस्तुति !
आभार !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

रिश्तों का गणित बड़ा ही कठिन है..

पश्यंती शुक्ला. ने कहा…

I too written after a long time on my blog...so visited odr's too after quite long...But your lines really impressed me...
Kya baat, Kya baat Kya baat

संध्या शर्मा ने कहा…

ये अनाम रिश्ते बड़े खास होते हैं...
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.... आभार...

बबिता अस्थाना ने कहा…

बहुत अच्छी रचना है संजय जी...वर्तमान में रिश्तों की परिभाषा बदल गयी है...बेनाम रिश्तों के साथ लोग खुश रहते हैं वहीं जब नाम जुड़ जाता है रिश्तों के साथ तो उसे ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि बोझ समझ लेते हैं...कविता वाकई बहुत बेहतरीन है..

बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते ! बहुत ख़ूब

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव.. तभी तो हमारे गुरुदेव कहते हैं कि
सिर्फ एहसास है ये रूह से महसूस करो,
प्यार को प्यार ही रहने दो कोइ नाम न दो!
सुन्दर बात कही है भागिनेय!!

Udan Tashtari ने कहा…

बिल्कुल सही कहा..उत्तम रचना!!

विष्णु बैरागी ने कहा…

लम्‍बे समय बाद आपको ब्‍लॉग पर पा कर अच्‍छा लगा।

Kewal Joshi ने कहा…

रिश्ते 'अनाम' हों या 'नाम' , जो निभाना जाने, वही सिकंदर.

shalini rastogi ने कहा…

बस नाम देते ही कभी चटक तो कभी टूट जाते हैं,
अनाम ही रहे तभी पनप पाते है ....ये अनाम रिश्ते
....बहुत खूब लिखा है संजय जी ...बधाई

आशा बिष्ट ने कहा…

bahut khoob sanjay ji.....kuch aise anaam rishte hote jaroor hain...

लोकेन्द्र सिंह ने कहा…

सच बात है कुछ रिश्ते अनाम होते हैं। बेहद खूबसूरत कविता।

Urmi ने कहा…

बहुत सुन्दर एवं सटीक लिखा है आपने! ये अनाम रिश्ते बहुत ख़ास होते हैं और एक एक शब्द लाजवाब लगा! इस उम्दा रचना के लिए बधाई!

Archana Chaoji ने कहा…

कुछ रिश्तों का नाम नहीं होता ...जैसे मेरा-तुम्हारा :-)

Sadhana Vaid ने कहा…

ये अनाम रिश्ते ही सच्चे और अच्छे होते हैं जिनसे कभी विरक्ति नहीं होती कभी ऊब नहीं होती ! सुन्दर रचना ! आभार एवं शुभकामनायें !

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

कुछ रिश्ते फरिश्ते जैसे होते हैं और कुछ रिश्ते तो सिर्फ रिसते रहते हैं।

बहुत अच्छी कविता।

स्वाति ने कहा…

sundar...

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते हैं अनाम रिश्ते!

बहुत सुंदर रचना|

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

पर बेनाम आगे बढते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !
kahi aur bhi suni hoo....!
har khushi ka koi mukam ho jaruri to nahi.... !
har rishte ka koi naam ho jaruri to nahi.... !

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

पर बेनाम आगे बढते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !
kahi aur bhi suni hoo....!
har khushi ka koi mukam ho jaruri to nahi.... !
har rishte ka koi naam ho jaruri to nahi.... !

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

सदा व्यस्त रहिये ,मस्त रहिये।

Maheshwari kaneri ने कहा…

इस अनाम रिश्ते में बहुत सा अपनापन होता है तभी तो दूर तक साथ निभाते है...

Kailash Sharma ने कहा…

पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
.............की जाती है !
तो जाने क्‍यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है

.....प्रेम को जब भी रिश्तों में बांधने की कोशिश की जाती है वह बंधन बोझ बन् जाते हैं...लेकिन कुछ रिश्ते अनाम होते हुए भी जिंदगी का संबल बने रहते हैं..बहुत सुंदर रचना जो दिल को छू गयी .

केवल राम ने कहा…

बेहतर प्रस्तुति .....यह अनाम रिश्ते भी जिन्दगी को बहुत कुछ दे जाते हैं ...!

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

वाह बहुत खूब .....


कुछ हमने भी लिखा था इस बारे में कभी .....


http://apnokasath.blogspot.in/search?updated-min=2010-01-01T00:00:00%2B05:30&updated-max=2011-01-01T00:00:00%2B05:30&max-results=21

पद्म सिंह ने कहा…

अनाम रिश्तों को अनाम ही रहने देना ठीक... दायरे मे आते ही वो नियम कानून और सीमाओं के गुलाम हो जाते हैं ...

Vandana Ramasingh ने कहा…

न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते

सच कहा आपने

shikha varshney ने कहा…

अनाम रिश्ते ही साथ निभाते हैं..सही कहा.

रचना दीक्षित ने कहा…

रिश्तों की गर्माहट पर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह अनाम हैं. कभी कभी तो वह ज्यादा सहारा प्रदान करते हैं. बहुत सुंदर भाव और प्रस्तुति.

प्रवीण त्रिवेदी ने कहा…

रिश्ते तो रिश्ते हैं.....रिश्तोंका क्या ?

विभूति" ने कहा…

ये अनाम रिश्‍ते
अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !बिलकुल सही कहा आपने ऐसे रिश्ते हमेसा हमारे आस-पास होते है.....

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

रिश्ते कैसे भी हों, अच्छे हों...

राहुल ने कहा…

bahut sundar likha hai aapne.. sanjayji .... badhai..

babanpandey ने कहा…

रिश्ते बनाने में मैं कछुए की चाल चलता hun संजय जी

Pushpendra Vir Sahil पुष्पेन्द्र वीर साहिल ने कहा…

अपनेपन का नाम साथ लेकर ही

.......बस खास होते हैं ।


बहुत बढि़या लिखा ... ...

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

सच कहा ...बहुत सुंदर पंक्तियाँ ....

PK SHARMA ने कहा…

kya baat hai sanjay jiiiiiiiii

Atul Shrivastava ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर की गई है। चर्चा में शामिल होकर इसमें शामिल पोस्ट पर नजर डालें और इस मंच को समृद्ध बनाएं.... आपकी एक टिप्पणी मंच में शामिल पोस्ट्स को आकर्षण प्रदान करेगी......

amit kumar srivastava ने कहा…

नाम ही बदनाम होते हैं अक्सर,
बेहतर है ऐसे रिश्ते को एक खूबसूरत एहसास की तरह जी लिया जाय बस |
"दिल की बात दिल से "

Bharat Bhushan ने कहा…

अपनेपन से बढ़ कर और क्या रिश्ता हो सकता है. उम्दा रचना.

G.N.SHAW ने कहा…

बस खास होते है ये अनाम रिश्ते ! सुन्दर ..बधाई !

Rashmi Swaroop ने कहा…

pyaari kavita, bhaiya. :)

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच कहा है संजय जी ... कोई जरूरी नहीं है की रिश्तों को नाम के बंधन में अटका दिया जाए ...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

देर से आये पर लाजवाब रचना लाये हैं ...

Jeevan Pushp ने कहा…

सुन्दर एवं सार्थक प्रस्तुति !
आभार !

virendra sharma ने कहा…

नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !
प्यार की जुबां रिश्तों की मोहताज़ नहीं .अच्छी रचना है संजय भाई लिखी आपने भोगी हम सबने है .

Pallavi saxena ने कहा…

वाह क्या बात है बहुत ही सटीक और लजावाब रचना ...समय मिले कभी तो ज़रूर आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/

Asha Lata Saxena ने कहा…

अच्छी रचना के लिए बधाई |
अनजाने रिश्तों पर बहुत सही लिखा है |
आशा

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बिल्कुल सही लिखा है संजय जी

मन की बातें
मन ही जाने
और कोई न जाने
अनजाने से रिश्ते
क्यूँ लगते जाने पहचाने ....

Suman Anuragi ने कहा…

bilkul sahi baat kahi hai aapne. bhaiya.. :)

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

रिश्ते तो रिश्ते होते है,चाहे नाम हो या बेनाम,

बहुत अच्छा लिखा आपने,बढ़िया प्रस्तुति

Unknown ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना के साथ आपका पदार्पण । बहुत सही लिखा है आपने ।
मेरी नई रचना देखें-
मेरी कविता:आस

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है
न कोई बंधन और न ही कोई सहारा
सच्ची मुस्कान लिए होते है
..............अनाम रिश्ते !..
संजय भाई बहुत सुन्दर ..और आदत मुस्कुराने की इसमें एक पहल होती है ..बड़े प्यारे होते हैं ऐसे रिश्ते ..न लेना न देना फिर भी टिकाऊ ..
भ्रमर ५

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

sahi nd satik abhivyakti.

मन की लहरें ने कहा…

बहुत सही रचना
' हाँथ से छू के इसे रिश्तों का इल्जाम न दो '
की याद आती है

smshindi By Sonu ने कहा…

कुछ रिश्ते अनाम होते है
पर वो रिश्ते दिल के करीब होते है
अनाम होने पर भी रिश्ते
........... कायम रहते है !
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
.............की जाती है !
खूबसूरत प्रस्तुति ...

Madhuresh ने कहा…

सच कुछ रिश्ते होते ही ऐसे हैं, अनाम होते हुए भी दिल के इतने करीब!
अच्छी प्रस्तुति संजय भाई!

Asha Joglekar ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति ।
बिना नामके ये रिश्ते अजीब होते हैं ।
क्या बताये दिल के कितने करीब होते हैं ।

Smart Indian ने कहा…

@
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !

सत्य वचन!

Rewa Tibrewal ने कहा…

bahut sahi likha hai apne apni kavita kay madhyam say........mere maan ki baat likh di...seedhe saral sahabdo may...badhai apko

Aruna Kapoor ने कहा…

अनाम रिश्ते...स्वार्थ से परे होते है!....बहुत उम्दा रचना!

बेनामी ने कहा…

sundar rachna bhai
maja aa gaya
kuch rishte ko benaam hi rahne dena chahiye

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

संजय जी ने इस अनाम रिश्ते पर बहुत सुन्दर रचना दी .. धन्यवाद ..सच ये अनाम रिश्ते अपने पण से भरे स्वार्थहीन होते हैं ..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

bahut sunder rchnaa lagee....vaah!!!!

Minakshi Pant ने कहा…

आज तुमने रिश्ते कि बात कि वो भी उन रिश्तों कि जो कभी किसी रिश्ते में नहीं बंधे फिर भी जाने पहचाने हैं उसी में दो लाईनें कहना चाहूंगी |

ये जो तेरा - मेरा रिश्ता है |
कुछ - कुछ जाना पहचाना है |
किसी धागे से भी बंधा नहीं |
फिर भी अपना सा लगता है |
तो ये सब अहसास हैं जो हमें आपस में जोड़े हुए हैं और इस रिश्ते से बड़ा कई रिश्ता नहीं क्युकी इसमें स्वतंत्रता का खूबसूरत अहसास है | बहुत सुन्दर रचना |

प्रेम सरोवर ने कहा…

सार्थक प्रस्तुति !

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

ऐसी बात है तो नाम में अनाम ढूढिंए:)

आनन्द विश्वास ने कहा…

अति सुन्दर अभिव्यक्ति।
सार्थक प्रस्तुति।
धन्यवाद।
आनन्द विश्वास

Deepak Saini ने कहा…

वाह ...बहुत बढि़या

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

कल 14/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

कुछ रिश्ते अनाम होते है
पर वो रिश्ते दिल के करीब होते है
अनाम होने पर भी रिश्ते
........... कायम रहते है !
बहुत अच्छा लिखा आपने,बढ़िया प्रस्तुति

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

आगरा से बहार होने की वजह से ब्लॉग पर नहीं आ सका!

संजय भास्‍कर ने कहा…

सभी पाठकों को बहुत बहुत शुक्रिया ....!

nayee dunia ने कहा…

बहुत सुंदर लिखा आपने .............

विधुल्लता ने कहा…

बहुत बढि़या...

कविता रावत ने कहा…

Ye anam rishte bhi kitne kareeb ho jaate hai!
bahut badiya rachna!

mridula pradhan ने कहा…

सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते ! der se aaye par bahut khoobsurti ke sath aye......

dinesh aggarwal ने कहा…

बेहतरीन रचना....बधाई
नेता- कुत्ता और वेश्या (भाग-2)

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

साथ निभाते है अनाम रिश्ते !

welcome to my new post-

काव्यांजलि

फुहार

डॉ रजनी मल्होत्रा नैय्यर (लारा) ने कहा…

waah sanjay bhai aapne to Riston ki ahmiyat samjha di ......

वसुन्धरा पाण्डेय ने कहा…

बहुत उम्दा... !!

pooja ने कहा…

very nice post.....

Amrita Tanmay ने कहा…

उम्दा !!!

shashi purwar ने कहा…

bahut sunder satik rachna .bahut -bahut badhai sanjay ji .

http://sapne-shashi.blogspot.com .

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

वाह!!!!!संजय जी बहुत अच्छी प्रस्तुति,

MY NEW POST ...सम्बोधन...

Unknown ने कहा…

kuch riste anam hi acche lagte hain!! Naam aksar expectation saath me lata hai... samaj saath me lata hai... jaha samaj..waha phir pyar... akela pad jata hain

vikram7 ने कहा…

महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाये.

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

सही बात है संजय जी। शुभकामनाएँ।

बेनामी ने कहा…

check this http://drivingwithpen.blogspot.in/2012/02/another-award.html

an award for you

kanu..... ने कहा…

sach hai kuch rishton ko naam nahi de pate hum par wo khas hote hain....sundar rachna

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" ने कहा…

sirf ahshas hain ye rooh se mehshoos karo....riston ko riste hee rahne do koi naam naa do....behtarin raechna ke liye sadar badhayee aaur amantran ke sath

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

संजय जी,बहुत दिनों से मेरे पोस्ट पर नही आये,..
आइये स्वागत है,....

MY NEW POST...आज के नेता...

Rakesh Kumar ने कहा…

अच्छी है आपकी यह प्रस्तुति.
रिश्तों को नाम दुनियावाले दे
ही देते हैं.

नाम और रूप के बिना रिश्ता
निर्गुण निराकार का ही ध्यान है.

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

रिश्तों की अहमियन वही जानता है जो इन्हें निभाना जानता है, गहरी रचना.

virendra sharma ने कहा…

अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !

.खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .

virendra sharma ने कहा…

अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !

.खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .

virendra sharma ने कहा…

अपनेपन का नाम साथ लेकर ही
.............बस खास होते है !

.खासुलखास होतें हैं .ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सौगात होतें हैं ,फिर भी रिश्ते वो अनाम होतें हैं .

Unknown ने कहा…

Visit my new blog post @
http://rahulpoems.blogspot.in/2012/02/blog-post.html

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत खूबसूरत प्रस्तुति| धन्यवाद।

Saras ने कहा…

अनाम रिश्ते सीमाओं की परिधि से परे होते हैं ...सुन्दर रचना

Naveen Mani Tripathi ने कहा…

WAH BAHUT KHOOB SANJAY JI .

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

बढ़‍िया है

Ragini ने कहा…

सीधे दिल से निकली बात....दिल को छू गयी...अत्यंत सुन्दर.....

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

अनाम रिश्ते !
सभी बन्धनों से मुक्त ,
बिना किसी सहारे के लम्बी दूरी तक
साथ निभाते है अनाम रिश्ते !
हमेशा दिल के पास होते है बहुत बढ़िया प्रसंसनीय प्रस्तुति,सुंदर रचना के लिए बधाई .

मै आपका नियमित पाठक हूँ बहुत दिनों आप मेरे पोस्ट पर नही आये,...आइये स्वागत है

NEW POST काव्यान्जलि ...: चिंगारी...

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

बहुत खूब परिभाषा दी है अनाम रिश्‍तों की।

------
..की-बोर्ड वाली औरतें।
मूस जी मुस्‍टंडा...

कविता रावत ने कहा…

कुछ रिश्ते समय के साथ मजबूत हो जाते हैं तो कुछ समय के साथ कमजोर ....कुछ रिश्ते अनाम भले ही होते हैं लेकिन वे एक सेतु का काम कर अपनी उपयोगिता सिद्ध करते हैं..
बहुत बढ़िया लगी रचना..

Arvind kumar ने कहा…

बेहद खूबसूरत...

पी.एस .भाकुनी ने कहा…

खुबसूरत अभिव्यक्ति ...... स:परिवार होली की हार्दिक शुभकामनाएं.....

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति| होली की शुभकामनाएं।

virendra sharma ने कहा…

होली मुबारक .गुलाल ,मुबारक,अबीर और गुझिया खाओ रंग लगाओ ..
हुजूमे गम मेरी फितरत बदल नहीं सकते ,
मैं क्या करूं मुझे आदत है मुस्कुराने की ,

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत प्यारी रचना .....

हमारे ब्लॉग पर आपका आना सुखद लगा...
स्नेह बनाये रखिये.

शुक्रिया.

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

होली की बधाई और शुभकामनाएँ!

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

सच कुछ रिश्ते होते ही ऐसे हैं, अनाम होते हुए भी दिल के इतने करीब!
अच्छी प्रस्तुति.....
संजय जी,आप ने पोस्ट में आना ही छोड़ दिया
जब कि मै आपका नियमित पाठक हूँ

RESENT POST...काव्यान्जलि ...: बसंती रंग छा गया,...

Naveen Mani Tripathi ने कहा…

badhai bhaskar ji ....behad sundar prabvishiti ke liye abhar.

Shaifali ने कहा…

Sanjay...its a beautiful poem.

The lines so true-
पर जब भी उन्हें नाम देने की कोशिश
.............की जाती है !
तो जाने क्‍यूँ
वो रिश्ते लड़खड़ाने लगते है
नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है

Nicely written truth :)

Neelkamal Vaishnaw ने कहा…

यह अनाम रिश्ते हमेशा ही अपनेपन लिए हमारे साथ होते हैं भाई
अपने तो साथ छोड़ जाते हैं पर अनाम रिश्ते हमेशा हमारा साथ निभाता है
बहुत सुन्दर कविता भाई

मुकेश पाण्डेय चन्दन ने कहा…

क्या बात कही है , आपने ! बहुत खूब

Dasarath Singh ने कहा…

बहुत बढियां!

Das ने कहा…

बहुत बढियां!

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

सुंदर भाव। वैसे यकीनन बड़े लम्बे हैं अनाम रिश्ते।

Brijendra Singh ने कहा…

"नाम से रिश्ते तो बन्ध जाते है !
पर बेनाम आगे बढते जाते है "

वाह..रिश्तों की सार्थकता का क्या सुंदर चित्रण किया है भास्कर भाई..बधाई :)

लक्ष्मी नारायण लहरे "साहिल " ने कहा…

संजय जी ,आपकी पोस्ट पढ़ कर टिप्पणी के लिए कई बार सोचा ,१०० से अधिक महानुभाओं की कातर लगी है सोचा बधाई ही लिख दूँ .. हार्दिक बधाई .........