तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
आप सभी साथियों को मेरा नमस्कार कई दिनों के अवकाश के बाद आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ ।
इसीलिए आज कुछ चंद लाइन पेश है ......उम्मीद है आपको पसंद आएगी ! |
-- संजय भास्कर
114 टिप्पणियां:
बहुत खूब ...
वाह! संजय जी चार लाइनों में ही अपने
रोने की लंबी चौड़ी बात कह दी आपने.
पर आपकी आदत तो मुस्कुराने की है न.
आभार.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
बढ़िया पोस्ट संजय जी ...
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
समर्पण को समर्पित उम्दा पंक्तियां...
वाह ...बहुत खूब ।
संजयजी...और पंक्तियाँ पढना चाहूँगा इस कविता में.....शुरुआत सुन्दर और भावपूर्ण है
bahoot khoob..
dil ko chhoo lene wali panktiyan...
thode mein hi gahri baat kah di aapne...
Bahut Badhiya Sanjay ji , chand sabdo me hi samet diya aapne sari duniya............
badhai ..aap muskurate hue bahut acche lagte hai ...........
वाह बहुत ही सुन्दर
रचा है आप ने
संक्षेप मैं बहुत कुछ कह दिया |बधाई |
आशा
चार लाइनों में दिल का हाल खोल के रख दिया संजय जी ... बह्हुत खूब ... लाजवाब ...
bahut khub
बहुत खूब
संजय थोडे मे भी बहुत कुछ कह दिया।
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये
प्रेम की ऐसी भावना बहुत गहरे में बैठती है. चित्र के साथ आपने इसे और भी जीवंत कर दिया है.
सुंदर अभिव्यक्ति के लिए कहूँगा....वाह.
वाह बहुत ही सुन्दर रचा है आप ने...चार लाइनों में दिल का हाल खोल के रख दिया
वाह; संजय ,गागर में सागर भर दिया..बहुत सुन्दर....
bahut khoob bhai...aabhar
gagr men sagr
बहुत खुबसूरत प्रस्तुति ....
प्रिय संजयभाई जी
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......
वाह बहुत ही अच्छा
उम्दा प्रस्तुती!
आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आभरी हूँ
आपका सवाई सिंह
thodi hi laaino main aapne bahut kuch kah diyaa .bahut sunder prastuti.badhaai aapko.
मेरी पोस्t पर आने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद /मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है /आभार /
please visit my blog.thanks.
http://prernaargal.blogspot.com/
बहुत खूब. स्वागत भी.
सुन्दर पंक्तियाँ...
सादर...
हाल-ए-दिल बहुत खूबसूरती से बयाँ किया है ।
लेकिन अब किस के लिए भाई ?
शुभकामनायें ।
char lino me dil ka dard undel kar rakh diya ...bahut sunder..
तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
bahut khoob sanjayji!!!!!!
dil ko choo gaee rachna.aapka abhar.
एक सुन्दर भाव प्रधान रचना के लिए आपको बधाई.
बहुत सुन्दर...!!!!
बहुत खुबसूरत प्रस्तुति ....
बहुत खूब !
बहुत बढ़िया!
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
अत्यंत गहन रचना.
रामराम
bahut pasand aayee......
केवल पसंद ही नहीं बहुत पसंद आई .आभार
BHARTIY NARI
Sunder Panktiyan....
बढ़िया हैं पंक्तियां...
कोई नहीं अब रोना छोड़ दीजिये .....!
Der mujhe bhi go gai.. darasal pure 12 ghante blog par nahin gaya... jab blog par aaya to..
Waah....
तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये...
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.बधाई
किसी का एक शेर याद आ गया-
‘रोने वाले तुझे रोने का सलीका भी नहीं,
अश्क़ पीने के लिए है कि बहाने के लिए’
और क्या कहूँ
बहुत सुन्दर...बधाई
वाह... !
बहुत ख़ूबसूरत..इन चार लाइनों को और आगे की लाइनों की ज़रूरत ही नहीं है...
सुन्दर..........आपकी लाइन्स आपके अखे अनुसार ...पसंद आयीं .पर उससे भी अच्छा लगा ये देख कर कि आप इतने दिनों के अवकाश के बाद लौट आये हैं .
यूँ तो मायूस होना ठीक नहीं,
वक्त हर घाव को भर जाएगा!
जिसकी आदत हो मुस्कराने की,
उसको रोना कहाँ से भायेगा!
बहुत खूब .
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये.....
बहुत सुन्दर...बधाई
गागर में सागर हैं आपकी ये चंद पंक्तियाँ ! बधाई!
तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
sach batau bhaiya
laga ye line mere liye hi likhi gai ho..
bahut-2 badhai.
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
bahut asardaar....
देश के कार्य में अति व्यस्त होने के कारण एक लम्बे अंतराल के बाद आप के ब्लाग पे आने के लिए माफ़ी चाहता हूँ
वाहबहुत सुंदर रचना.!!!!!!
आपका बहुत बहुत आभार!!!
तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
अवकाश के बाद स्वागत. सुंदर अभिव्यक्ति.
बहुत सुंदर पंक्तियाँ
सुन्दर और भावपूर्ण रचना...
वाह संजय जी चार पंक्तियों में इतना कुछ कह दिया...
तेरी कमी का एहसास करके रोये....बहुत ही सुन्दर पंक्तियाँ आभार
बड़ी गहरी पंक्तियाँ।
Welcome back...
Fantastic lines... one can dwell deep in them :)
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ है ! दिल की पुकार !
आदत .. मुस्कराने की, और दूसरों को भी रुलाने की?
वाह बहुत ही सुन्दर
तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
जन लोकपाल के पहले चरण की सफलता पर बधाई.
chand panktiyan kamaal ki...
बहुत सुंदर पंक्तियां हैं।
बहुत सुन्दर लिखा है आपने! उम्दा रचना ! शानदार प्रस्तुती!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
बहुत खूब संजय |
दो लाइन मेरी तरफ से .......
हम बार बार ये गुनाह करते हैं
हम तो सिर्फ तुझसे प्यार करते हैं
हो न जाओ तुम कभी हमसे खफा
इसलिए खुदा से फरियाद करते हैं |:)
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
कोमल अहसासों से भीगी भीगी भावपूर्ण पंक्तियाँ ! अति सुन्दर !
बहुत सुंदर भाव।
------
कसौटी पर शिखा वार्ष्णेय..
फेसबुक पर वक्त की बर्बादी से बचने का तरीका।
देर आये दुरूस्त आये
दिल की बात लेकर आये
बढ़िया पंक्तियाँ
गिरा एक आंसू तेरी वफ़ा, एक बेवफाई के नाम
आज फिर हम बीते पलों को याद कर के रोये
beautiful !
अवकाश से वापसी का स्वागत ..
कविता अच्छी है....... आगे की रचनाओं का इन्तिज़ार है.
bahut khoobsurat.
बहुत खूब !
संजय जी , चार लाइनों में ही अपने तो कमाल कर दिया....उम्दा रचना !
ati sundar.
बहुत खूब .......
ना ना इतना मायूस न होइये ।
अच्छी प्रस्तुति ।
संजय भाई,
आरज़ू चाँद सी निखर जाए,
जिंदगी रौशनी से भर जाए,
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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कसौटी पर अल्पना वर्मा..
इसी बहाने बन गया- एक और मील का पत्थर।
आपको एवं आपके परिवार को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!
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Sanjay Ji.. Is rachna ke liye ek baar fir se badhai...
Bahut hi kam shabdon mein.. Bahut gahan bhav.. Shukriya...
बहुत खुबसूरत प्रस्तुति ....
किसी के कमी के एहसास से ही आँखों
में नमी आती है।बहुत अच्छा गागर में सागर।
आपका स्वागत, उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
बहुत सुन्दर लिखा है आपने.
sanjay in chaar pnaktiyon me aapne bahut badi baat bade dilkash andaz me ki hai..dher sari badhayee ke sath
संजय भाई, आपकी टिप्पणियां मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं, आप बहुत अच्छा लिखते हैं , ब्लॉग जगत में भी अच्छी पकड़ है आपकी , बस नज़रें-इनायत रहे ! धन्यवाद .
bahut khoob sanjayji
wao!u r great sir...
very deep n heart tuching lines...
सर आप की मेरे ब्लॉग पे छोड़ी गयी उत्साहवर्धन पंक्तियों के लिए शुक्रिया...मै तो आप के सामने कुछ भी नहीं.आप के हर शब्द में एक अर्थ होता है.ये हुनर हर किसी के पास नहीं होता...बहोत बहोत बधाई.
मैं भी आप के ब्लॉग की फोलोवेर बन रही हूँ.
तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
ummid nahi yakinan pasand aayi
bahut khoob
Sir,sabse pehle to aap ko aur aap ke poore pariwar ko dipawali ki dheron Shubh Kamnayen.
तेरी बातो को बार बार याद करके रोये
तेरे लिए दर पे फरियाद करके रोये |
तेरी ख़ुशी के लिए तुझे छोड़ दिया
फिर तेरी कमी का अहसास करके रोये......!
bahot bahot bahot hi behtreen.
sunder panktiyan..
shubhkamnayen
वाह..बेहतरीन पंक्तियाँ भास्कर जी.. :)
very nice and beautiful lines :)
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