हमारे जीवन में हमारे संस्कारों का बहुत महत्व है , विवाह भी एक संस्कार है जीवन की नैया को पार लगाने का . विवाह के बाद व्यक्ति पूरी तरह से सामाजिक हो जाता है . उसे समाज और देश की जिम्मेवारियों का निर्वाह करना होता है .इसलिए आवश्यक है कि सबके साथ मिलकर जीवन को सुखद बनाते हुए अपने लक्ष्यों कि तरफ बढ़ा जाए और उसके लिए आवश्यक है कि आप जिससे बड़ों का आशीष सिर पर बना रहे . अब जब मैं भी विवाह के इस पवित्र बंधन में बंध गया हूँ तो आप सबका आशीष मुझे अपेक्षित है आज तक आपका प्यार मुझे मिला है उसका जीवन में बहुत महत्व है आगे भी आपके प्यार की जिन्दगी में बहुत आवश्यकता है आशा है आप अपना भरपूर आशीर्वाद प्रदान करेंगे.......
विवाह के कुछ ख़ास पल आपके साथ साँझा कर रहा हूँ
संजय संग प्रीती
मेरा परिवार
मेरे पिता जी और छोटे भाई
अजय भास्कर & परवीन भास्कर
मेरे पिता जी और हम दोनों
"खुश खबर......मै तो सास बन गई.........एक और रिश्ता......आभासी.....नहीं...सच्ची..."
-----स्नेहाशीष --मासी की ओर से...पहले ही मिल चुकी है
-- संजय भास्कर
202 टिप्पणियां:
«सबसे पुराना ‹पुराने 202 का 201 – 202वहा वहा क्या कहे आपके हर शब्द के बारे में जितनी आपकी तारीफ की जाये उतनी कम होगी
आप मेरे ब्लॉग पे पधारे इस के लिए बहुत बहुत धन्यवाद अपने अपना कीमती वक़्त मेरे लिए निकला इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्वाद देना चाहुगा में आपको
बस शिकायत है तो १ की आप अभी तक मेरे ब्लॉग में सम्लित नहीं हुए और नहीं आपका मुझे सहयोग प्राप्त हुआ है जिसका मैं हक दर था
अब मैं आशा करता हु की आगे मुझे आप शिकायत का मोका नहीं देगे
आपका मित्र दिनेश पारीक
congratulation.......brother......happy marriage life.
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