31 मार्च 2010

इसलिए हम आंसू बहाते रहे


वह नदी नहीं थी आंसू थे मेरे 
जिस पर मेरे दोस्त कश्ती चलाते रहे  
मंजिल मिले उन्हें यही चाहत थी मेरी चाहत 
इसलिए हम आंसू बहाते रहे |

....संजय भास्कर  ....

34 टिप्‍पणियां:

Sadhana Vaid ने कहा…

बहुत सुन्दर ! विशुद्ध प्रेम का ऐसा उदात्त भाव विरले ही देखने को मिलता है ! मेरा साधुवाद स्वीकार करें !

kunwarji's ने कहा…

लाजवाब भाई साहब!
गागर में सागर!

कुंवर जी,

Shekhar Kumawat ने कहा…

kya bat he kya likhate he aap

acha laga pad kar

http://kavyawani.blogspot.com/

shekhar kumawat

कविता रावत ने कहा…

Anshon ki bhi ajab dastan hain jab dil ka jakhm gahra hota hai to ye bus mook nadi sa bahte hai......
bahut sundar chitramay prastuti ke liye badhai

Saumya ने कहा…

bauhat achchee...

M VERMA ने कहा…

विशुद्ध सात्विक रचना
बेहतरीन

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बहुत बढ़िया । दमदार अभिव्यक्ति।

chetna ने कहा…

samparpan ki prakashtha dil ko chhoo gayee. sunde bhavabhivakti.

chakresh singh ने कहा…

waah sir ji...bahut achhi likhi hai

Dev ने कहा…

संजय जी आज की पंक्तियाँ तो दिल के आर -पार हो गयी .....सच में बहुत खूबसूरत अहसासों से संवारा है आपने इस रचना को .

बेनामी ने कहा…

KYA BAAT HAI !!!!!!!
CHHOTI AUR SAHAJ.....MANN KHUSH HO GAYA...

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

बहुत बढ़िया...
लाजवाब...!!

राज चौहान ने कहा…

बहुत बढ़िया । दमदार अभिव्यक्ति।

Unknown ने कहा…

लाजवाब भाई साहब!

Satish Saxena ने कहा…

जवानी के अपने दिल याद आगये मेरे दोस्त ! शुभकामनायें !

किरण राजपुरोहित नितिला ने कहा…

kya baat hai !!!!!!!!!
kamal hi kar diya aaj to .

चन्दन कुमार ने कहा…

लाजवाब और बेहतरीन है सर जी

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत लाजवाब रचना.

रामराम.

कमलेश वर्मा 'कमलेश'🌹 ने कहा…

uttam lekhan ka aadarsh praroop...sunder rchna

समयचक्र ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना...

Unknown ने कहा…

इन चार पक्तियों ने सब कुछ बयां कर दिया,,अदभुत रचना ...

विकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com

abhi ने कहा…

kya baat hai...bahut khoobsurat rachna :)

Urmi ने कहा…

गहरे भाव के साथ आपने लाजवाब रचना लिखा है!

EJAZ AHMAD IDREESI ने कहा…

बहुत बढ़िया । दमदार अभिव्यक्ति।

kshama ने कहा…

Kya kah dala? aur wobhi itni saral sadgee se?Nishabd hun!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

वाह ... संजय जी आज तो लूट लिया अपने ...
मज़ा आ गया ..

Kulwant Happy ने कहा…

गजब है गजब।

Kulwant Happy ने कहा…

वाह गुरू वाह

Unknown ने कहा…

बहुत बढ़िया । दमदार अभिव्यक्ति।

Shashi Kant ने कहा…

छोटी सी कविता मगर दिल को गहराई से छु लेती है

nilesh mathur ने कहा…

वाह, बहुत ही कम शब्दों में बहुत बड़ी बात!

Asha Lata Saxena ने कहा…

What a beautiful idea .
Asha

Raaj ने कहा…

स्वागत के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्. कृपया अपने विचारो से अवगत करवाते रहे.

राज

Yogi ने कहा…

sanjay,

Is this your composition.

If not, please write Unknown instead of your name beneath it.

I got it years back as sms..