सॉरी, मैं लेट हो गया सॉरी मैं वो काम पूरा नहीं कर पाया..... मेरी वजह से तुम्हारी ट्रेन छूट गई, आई एम सॉरी.... मैने तुम्हारा दिल तोड़ा, सॉरी....सॉरी, मैने तुम्हें गलतफहमी में थप्पड़ मार दिया। ये क्या अब क्यों गुस्सा हो रहे हो सॉरी बोल तो दिया। अक्सर ही इस ' सॉरी ' के शिकार हुए लोगों के मुंह से निकल ही जाता है कि 'अंग्रेज चले गये लेकिन ' सॉरी ' छोड़ गए। चाहे कितनी ही बड़ी गलती कर दो बस एक सॉरी बोला और हो गया काम पूरा
वहीं सॉरी कहने वालों की सोच होती है कि अब माफी तो मांग ली अब क्या सिर्फ एक गलती के लिए फांसी दे दोगे। बड़ी से बड़ी गलती हो जाने पर भी ये बस एक सॉरी के सहारे सभी गलतियों कि माफी पाने की तमन्ना रखते हैं। कितना छोटा सा शब्द होता है सॉरी......अंग्रेजी में माफी मांगने के लिए प्रयोग होने वाले इस शब्द को समझो तो इसके मायने कितने गहरे होते हैं। अपनी गलती को मान कर उसे दोबारा न करने और उसके लिए शर्मिदा होने के भाव को व्यक्त करता है। लेकिन कितने लोग ऐसे हैं जो इसके असली भावों से वाकिफ हैं। कई बार लोग इनके इस झूठे शब्दों के जाल में फंस जाते हैं तो कुछ इसकी असलियत को जानते हुए इसकी परवाह ही नहीं करते।
आज कितने ही लोग बचे हैं जो सॉरी कहने के बाद फिर से वो गलती नहीं करते। वे तो बस उस समय बात बिगड़ने के डर से इस सॉरी का सहारा लेते हैं। आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति जल्दी में रहता है और दूसरों को आगे निेकले का प्रयास करता रहा है। इस दौरान ना जाने उसने कितनों को कई बार धक्का दिया होगा, नुकसान पहुंचाया होगा, मगर हर बार वह उसे सॉरी बोलकर और अपनी गलतियों को नजरअंदाज कर आगे निकल जाता है ऐसे लोगो की वजह से सारी शब्द अपने असली मायने खो रहा है......आज जरुरत है हमें भी कुछ ऐसा करने की जिससे पूरा जनसमुदाय इस शब्द के मायने और अर्थ को समझ कर सॉरी बोलने से पहले एक बार सोचें और अपनी जिंदगी में इस तरह के शब्दों का कम से कम प्रयोग करें.......!!
- संजय भास्कर
वहीं सॉरी कहने वालों की सोच होती है कि अब माफी तो मांग ली अब क्या सिर्फ एक गलती के लिए फांसी दे दोगे। बड़ी से बड़ी गलती हो जाने पर भी ये बस एक सॉरी के सहारे सभी गलतियों कि माफी पाने की तमन्ना रखते हैं। कितना छोटा सा शब्द होता है सॉरी......अंग्रेजी में माफी मांगने के लिए प्रयोग होने वाले इस शब्द को समझो तो इसके मायने कितने गहरे होते हैं। अपनी गलती को मान कर उसे दोबारा न करने और उसके लिए शर्मिदा होने के भाव को व्यक्त करता है। लेकिन कितने लोग ऐसे हैं जो इसके असली भावों से वाकिफ हैं। कई बार लोग इनके इस झूठे शब्दों के जाल में फंस जाते हैं तो कुछ इसकी असलियत को जानते हुए इसकी परवाह ही नहीं करते।
आज कितने ही लोग बचे हैं जो सॉरी कहने के बाद फिर से वो गलती नहीं करते। वे तो बस उस समय बात बिगड़ने के डर से इस सॉरी का सहारा लेते हैं। आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हर व्यक्ति जल्दी में रहता है और दूसरों को आगे निेकले का प्रयास करता रहा है। इस दौरान ना जाने उसने कितनों को कई बार धक्का दिया होगा, नुकसान पहुंचाया होगा, मगर हर बार वह उसे सॉरी बोलकर और अपनी गलतियों को नजरअंदाज कर आगे निकल जाता है ऐसे लोगो की वजह से सारी शब्द अपने असली मायने खो रहा है......आज जरुरत है हमें भी कुछ ऐसा करने की जिससे पूरा जनसमुदाय इस शब्द के मायने और अर्थ को समझ कर सॉरी बोलने से पहले एक बार सोचें और अपनी जिंदगी में इस तरह के शब्दों का कम से कम प्रयोग करें.......!!
- संजय भास्कर
14 टिप्पणियां:
कई बार लगता है सोरी एक excuse है दुबारा गलती करने का ...
सही लिखा है आपने संजय जी ...
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 14/05/2019 की बुलेटिन, " भई, ईमेल चेक लियो - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
कई बार लोगों के लिए सॉरी का मतलब आज तक का हिसाब बराबर... कल से नया खाता शुरू 😁
सही चिन्तन है संजय जी । बिना प्रायश्चित के यूं ही सॉरी कह कर निकल जाना और पुनः वही गलती दोहराना अनुचित है । सही चिन्तन को प्रेरित करता सुन्दर लेख ।
सॉरी शब्द बेहद हल्का और महत्वहीन हो चुका है, सही चिंतन
बेहतरीन लेख लिखा आपने 👌👌
सही और सटीक लेख। गलतियों पर साॅरी और फिर दोहराव क्या मायने रखता है।
पर कभी कभी सरल मन से बोला साॅरी अक्खड़ लोगों को भी न्रम करता देखा गया है।
बाकि तो क्षमा मांग कर भी लोग फिर दिल दुखा ही देते हैं।
शानदार नजरिया।
सुंदर लेख।
कुसुम कोठारी।
प्रिय संजय बहुत सही कहा आपने | सॉरी शब्द मात्र एक दिखावा और औपचारिकता बन कर अपना महत्व खो चुका है | यदि एक गलती बार बार दुहराई जाए तो वह आदत बन जाती है | फिर कोई सॉरी कहे ना कहे कुछ फर्क नहीं पड़ता | सार्थक लेख के लिए हार्दिक शुभकामनायें |
बहुत सुंदर चिंतन ,सही कहा हैं रेणु बहन ने सॉरी पछतवा या माफ़ी मांगना ना होकर आदत बन चुकी हैं ,सादर नमस्कार आप को
बहुत सुंदर नजरिया। लेकिन वक़्त की यही माँग है कि कुछ गलत हो जाये तो सॉरी बोलकर निकल लो।😊😊😊
बिल्कुल सही बात लिखी है संजय जी अपने। सॉरी अब केवल शब्द बंद कर रह गया। बात टालने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। भाव शायद ही कभी शामिल हो। लोग कहने को कह जाते हैं बस।
बहुत विचारनीय आलेख संजय जी। हर शब्द के अपने मायने होते हैं। यदि हम उनका पालन नहीं करेंगे तो संबधित शब्द अपना महत्व खो देता हैं।
विचारणीय आलेख भास्कर जी | सॉरी को मतलब बस सॉरी ही रह गया |
प्रणाम
सादर
भाव अगर सही हो तो एक निःशब्द झुकी हुई पलक ही काफी है माफ़ी मांगने के लिए। सॉरी शब्द में कोई दोष नहीं, बस भाव सही होने चाहिए।
रही बात अंग्रेजों द्वारा कुछ छोड़ी गई की तो आज भी हम उनकी फुलपैंट शान से पहन रहे, उन्ही की छोड़ी हुई पुलिस, वकील, जज, टी टी की पोशाक हम शान से अपनाए हुए हैं। उनकी छोड़ी संसद भवन में देश चला रहे। क्या-क्या इंकार कर सकेंगे हम लोग भला भाई !? ....
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