03 फ़रवरी 2014

दिल को छूते शब्द छाप छोड़ती गजलें ऐसी ही एक शख्सियत है - दिगंबर नासवा जी :)

अक्सर जब भी कभी किसी को रोते देखता हूँ .....तो हमेशा ही नासवा जी कलम से निकली लाइने याद आ जाती है.....रोने से कुछ दिल का बोझ उतर जाता है ....शायद कुछ लाइन आपको भी याद होगी !
ब्लॉगजगत में मैं क्या सभी ही दिगंबर नासवा जी ( स्वप्न मेरे - जागती आँखों से स्वप्न देखना जिनकी फितरत है.) से प्रभावित है ! दिगंबर नासवा जी ब्‍लॉगजगत की ऐसी शख्सियत हैं जिनकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है ....नासवा जी द्वारा लिखी गजलों का हर शब्‍द दिल को छूकर गुज़र जाता है हमेशा ही कुछ नया और छाप छोड़ता हुआ विषय चाहे कोई भी हो शब्द बनते चले जाते है  क्योंकि उनका मानना है सपनो के बिना भी कोई जीवन है मैं तो हमेशा ही उनकी हर पोस्ट से प्रभावित होता हूँ ...........!!!


काफी समय से नासवा जी के बारे में लिखना चाहता था पर नहीं लिख पाया था....पर आज जैसे ही समय मिला तो सोचा इस अधूरी इच्छा को पूरा कर लिया जाये....और आप सभी को इस रचना से रूबरू भी करवा दिया जाए क्योंकि नासवा जी के लिखने का अंदाज ही ऐसा है कि हर पाठक उनकी रचनाओ की और खिंचा चला आता है ....उनके लेखन ने पूरे ब्लॉगजगत को प्रभावित किया है और उनके अपार स्नेह के कारण ही आज ये पोस्ट लिख पाया हूँ ..............!!!

धीरे धीरे हर सैलाब उतर जाता है
वक्त के साथ न जाने प्यार किधर जाता है

यूँ ना तोड़ो झटके से तुम नींदें मेरी
आँखों से फिर सपना कोई झर जाता है

आने जाने वालों से ये कहती सड़कें
इस चौराहे से इक रस्ता घर जाता है

बचपन और जवानी तो आनी जानी है
सिर्फ़ बुढ़ापा उम्र के साथ ठहर जाता है

सीमा के उस पार भी माएँ रोती होंगी
बेटा होता है जो सैनिक मर जाता है

अपने से ज़्यादा रहता हूँ तेरे बस में
चलता है ये साया जिस्म जिधर जाता है

सुख में मेरे साथ खड़े थे बाहें डाले
दुख आने पे अक्सर साथ बिखर जाता है

कुछ बातें कुछ यादें दिल में रह जाती हैं
कैसे भी बीते ये वक़्त गुज़र जाता है

माना रोने से कुछ बात नहीं बनती पर
रोने से कुछ दिल का बोझ उतर जाता है !

.........इससे पहले मैं प्रवीण जी की लेखनी से प्रभावित होकर उनके लिए भी भी लिख चूका हूँ  और आज दिगंबर नासवा जी बारे में लिख रहा हूँ ....पर शायद किसी के बारेमें लिखना ही बड़ी उपलब्धि है...!!

सुंदर लेखन के लिए नासवा जी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ........!!


-- संजय भास्कर


56 टिप्‍पणियां:

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

मैं भी उनकी शायरी का दीवाना हूँ।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

लिखना बहुत आसान है
पर किसी को पढ़ना
समझना और उस पर
कुछ लिख लेना बहुत
ही बड़ा काम है !
बहुत सुंदर !

Parul Chandra ने कहा…

कुछ लोगों को describe करना बहुत कठिन हो जाता है कभी कभी... दिगम्बर जी भी उनमें से एक हैं..बहुत अच्छा लिखा है आपने उनके बारे में।

Himkar Shyam ने कहा…

रोचक प्रस्तुति. बहुत अच्छा लगा दिगम्बर नासवा जी के विषय में जानकर. संयोग से आज ही मेरे ब्लॉग पर उनकी पहली प्रतिक्रिया आयी है. वाकई यह गज़ल बेहद उम्दा है. हर एक शेर लाजवाब है. नासवा जी को बधाई और आपकी इस सोच के लिए साधुवाद.
http://himkarshyam.blogspot.in

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

यही कारन है कि तुम बहुत बहुत प्यारे लगते हो

राज चौहान ने कहा…

दिगम्बर जी न सिर्फ एक अच्छे लेखक है बल्कि उतने ही अच्छे पाठक भी हैं

राज चौहान ने कहा…

लॉग जगत में शायद ही कोई हो जो उनके लेखन से प्रभावित न हो.....शुभकामनायें

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

नासवा जी कि गजलें बहुत ही लाजवाब होतीं है..
हर भाव को शब्दों में व्यक्त करना बहुत खूब जानते है..
:-)

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

नसवा जी का लिखा पढना सदैव प्रभावित करता है ... बहुत अच्छी प्रस्तुति

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

उनकी मर्मस्पर्शी रचनाओं के सभी कायल..... ढेरों शुभकामनायें

दिगम्बर नासवा ने कहा…

संजय जी ने कुछ ज्यादा ही लिख दिया है ... जो मन में आता है उसे लिखने का प्रयासरत एक विद्यार्थी हूँ अभी तक ... अगर सबका स्नेह न हो तो लिखने की प्रेरणा नहीं मिलती ... आभारी हूँ सभी का ओर संजय जी का इस प्रेम के लिए ...

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…


ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन १७ साल पुराने मामले मे रेलवे देगा हर्जाना - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

आशीष अवस्थी ने कहा…

बहुत बढ़िया संजय भाई , साथ साथ बढ़िया कार्य भी , दिगंबर भाई व आपको बधाई , धन्यवाद
॥ जय श्री हरि: ॥

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

संजय जी ,दिगम्बर जी की कविताएं में भी हमेशा पढती हूँ । वे सचमुच स्तरीय होतीं हैं ।
आप भी निरन्तर सक्रिय हैं । आपकी रचना भी काफी अच्छी है ।

Satish Saxena ने कहा…

वाकई वे ऐसे ही हैं !!

Satish Saxena ने कहा…

वाकई वे ऐसे ही हैं !!

Ranjana verma ने कहा…

आपने नासवा जी के बारे में सही कहा उनकी कविता ग़ज़ल हमेशा ही प्रभावित करता है....

Ranjana verma ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Udan Tashtari ने कहा…

हमारे तो जिगर का टुकड़ा है....ये बच्चा!! :) मेरे घर का है इसलिए तारीफ करके बिगादूँगा नहीं...बस..लगा रहे माहौल बनाने में..इससे हमारा भी नाम होगा कुछ तो :)

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

थोडा ही समय हुआ जुड़े दिगंबर भैया से पर हम भी उनकी सादगी और लेखनी के कायल हो गये है ....बहुत सुन्दर लिखा आपने बधाई आपको

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Misra Raahul ने कहा…

बिलकुल सही....साधी.....हुई बात कही आपने...!!
दिगंबर साहब ऐसे ही शख्सियत हैं....!!

राजीव कुमार झा ने कहा…

नासवा जी की गजलें हमेशा ही अच्छी लगती हैं.
शुभकामनाएँ !!

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

हम भी फैन हो गए ........

Arun sathi ने कहा…

सही कहा.....

Ankur Jain ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Ankur Jain ने कहा…

नासवाजी की लेखनी के तो हम वैसे ही कायल है...सुंदर प्रस्तुति।।।

शिवनाथ कुमार ने कहा…

मैं भी उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ
वाकई उन्हें पढ़ना अच्छा लगता है
मेरे पसंदीदा ब्लॉगरों में से एक हैं वो
आप भी बहुत अच्छा लिखते हैं ....

Harihar (विकेश कुमार बडोला) ने कहा…

आने जाने वालों से ये कहती सड़कें
इस चौराहे से इक रस्ता घर जाता है ..................कितनी मिलती-जुलती अनुभूति है ये दो पंक्तियां और पूरी गजली। निसन्‍देह दिगम्‍बर जी ने अपनी रचनाओं से अपने नाम को सार्थक किया है।

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

मैं तो उनका बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ...
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं..

RECENT POST-: बसंत ने अभी रूप संवारा नहीं है

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

उनका लिखा सच में पढ़ने योग्य होता है।

Asha Lata Saxena ने कहा…

लिखना और बेवाक लिखना दौनों में बहुत अंतर होता है|सच्चे मन से जो लिखा जाए बहुत शानदार होता है |बहुत अच्छा लेख है बधाई संजय |
आशा

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

सच मुच नासवा जी बेमिसाल लिखते हैं …।

Asha Joglekar ने कहा…

नासवा जी के लेखनी के कायल तो सभी हैं। उनकी माँ के बारे में कविताएं तो बेहद सुंदर हैंऔर गजलें भी। आपने हम सब के भावों को शब्द दे दिये।

प्रेम सरोवर ने कहा…

बहुत सुंदर .... मेरी कविता समय की भी उम्र होती है पर आपका स्वागत है।

Saru Singhal ने कहा…

Thanks for introducing him to me. Unfortunately I am reading his work for the first time and thanks to you.

prritiy----sneh ने कहा…

bahut sahi kaha aapne, sunder lekhan

shubhkamnayen

prritiy----sneh ने कहा…

bahut sahi kaha aapne, sunder lekhan

shubhkamnayen

प्रेम सरोवर ने कहा…

शानदार प्रस्तुति से साक्षात्कार हुआ । मेरे नए पोस्ट "सपनों की भी उम्र होती है "पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है।

shalini rastogi ने कहा…

दिगंबर नसावा जी की लेखनी के जादू से कोई भी अछूता नहीं रह पता .. सीधे मर्म तक उतर जाती हैं इनकी रचनाएँ .. सुन्दर प्रस्तुति!

Kailash Sharma ने कहा…

नासवा जी का लेखन सदैव दिल के बहुत करीब है और प्रभावित करता रहा है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति..

Sameer Mahajan ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति...!

Sameer Mahajan ने कहा…

संजय जी
आप का इ-मेल दे फ्रीलांस राइटर में
सहयोग के लिए |

बेनामी ने कहा…

आदरणीय दिगंबर नासवा जी की रचनाओं को पढ़कर कोई भी उनसे प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता - उनको समर्पित इस प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक बधाई.

Parul kanani ने कहा…


sanjay ji..bilkul sehmat hoon...kabhi blog par hi sakriy na rahoon to alag baat hai...varna digmbar ji ki rachnaon ko padhna vakai sukhad anubhav hai!

Rachana ने कहा…

बचपन और जवानी तो आनी जानी है
सिर्फ़ बुढ़ापा उम्र के साथ ठहर जाता है
kamal ka lekhan
bahut bahut badhai
rachana

priyankaabhilaashi ने कहा…

बहुत सुंदर लिखा है दिगंबर नासवा जी..!! आपका बहुत आभार, संजय जी..हर बार कुछ न कुछ महत्वपूर्ण और खूबसूरत साझा करते हैं..

Prakash Jain ने कहा…

Digambarji - aapse puri tarah sehmat sanjayji:-)

unka dusron ko protsahan ka tarika bhi bada khoob hai...:-)

Nitish Tiwary ने कहा…

सुंदर रचना.
आप सभी का मेरे ब्लॉग पर हार्दिक स्वागत है.
http://iwillrocknow.blogspot.in/

राज चौहान ने कहा…

नासवा जी का लेखन दिल के बहुत करीब है

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

वाह...हम सभी उनकी रचनाओं के कायल हैं...बहुत उम्दा कार्य प्रारम्भ किया है आपने...
नयी पोस्ट@चुनाव का मौसम

Yogi Saraswat ने कहा…

प्रतिष्ठित ब्लॉगर और ग़ज़ल गो आदरणीय श्री दिगंबर जी को शायद ही कोई ऐसा हो , जो उन्हें और उनकी लेखन प्रतिभा को प्रणाम न करे ! आपका बहुत बहुत आभार श्री संजय जी , आप बहुत प्रतिष्ठित हिंदी ब्लोग्गर्स से परिचित करा रहे हैं !

Unknown ने कहा…

सच मुच नासवा जी बेमिसाल लिखते हैं

Laxman j purohit ने कहा…

नासवा जी का लेखन दिल के बहुत करीब है

प्रभात ने कहा…

हमें आपने पढ़वाया, इसके लिए हम आभार व्यक्त करते है।

Meena Bhardwaj ने कहा…

दिगम्बर नासवा जी की लेखन शैली अत्यन्त‎ प्रभावशाली‎ है और आपकी जितनी प्रशंसा‎ की जाए कम होगी जैसे जैसे आपके ब्लॉग के पहले के लेख देखती हूँ हर बार नए गुणीजन का परिचय मिलता है .