शब्दों की मुस्कुराहट :(
जिन्दगी के कुछ रंगों को समेटकर शब्दों से मुस्कुराहट बाँटने की कोशिश :)
12 जनवरी 2010
खुद को हर मोड़ पर अकेला पाया
आपनी बेबसी पर आज
मुझे
रोना आया
दुसरो को क्या मैंने अपनों को आजमाया
हर दोस्त की तन्हाई हमेशा दूर की
लेकिन खुद को हर मोड़ पर अकेला पाया
!
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