06 अक्तूबर 2010

................कुछ फ़र्ज़ भी निभाना है


कुछ काम भी करना है कुछ फ़र्ज़ भी निभाना है ,
खुद को मिटा कर भी ये देश बचाना है |
 जो दुश्मन सीमा पर है उसे मिटा देंगे 
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है |
कोई धर्म या मजहब हो सब भाई भाई हैं
रूठे हुए भाइयो को सीने से लगाना है |
ये देश सलामत है तो हम भी सलामत है ,
हर देश के वासी को यह याद दिलाना है |
भूंखा न रहे कोई न कोई नंगा हो
ये काम मुश्किल
है  पर करके दिखाना है |
खेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
इक फसल
मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |



...........संजय भास्कर


75 टिप्‍पणियां:

vandana gupta ने कहा…

यही तो सबका फ़र्ज़ है……………सुन्दर अभिव्यक्ति।

SANSKRITJAGAT ने कहा…

वाह मित्र रोम रोम रोमांचित हो गया


जो दुश्मन सीमा पर ए उसे मिटा देंगे
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है

जय हिन्‍द

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
बहुत अच्छी रचना..बहुत सुंदर भाव

Neelam ने कहा…

कुछ काम भी करना है कुछ फ़र्ज़ भी निभाना है ,
खुद को मिटा कर भी ये देश बचाना है |
जो दुश्मन सीमा पर ए उसे मिटा देंगे
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है !

ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |

behadd achhi rachna, sunder soch ,sunder abhivyakti..bahut khoob.
jeete raho.

Neelam ने कहा…

कुछ काम भी करना है कुछ फ़र्ज़ भी निभाना है ,
खुद को मिटा कर भी ये देश बचाना है |
जो दुश्मन सीमा पर ए उसे मिटा देंगे
गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है !

ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |

behadd achhi rachna, sunder soch ,sunder abhivyakti..bahut khoob.
jeete raho.

बेनामी ने कहा…

desh ke liye to jaan bhi haazir hai...

बेनामी ने कहा…

bahut hi khubsurat rachna...

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

यही तो सबका फ़र्ज़ है……………सुन्दर अभिव्यक्ति।

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद

@ वन्दना जी..

@ आनन्‍द पाण्‍डेय जी..

@ वीना जी..

@ Neelam ji..

@ Shekhar Suman ji..

@ Arun C roy ji..

सभी की प्रतिक्रियाओं के लिए आभार अपना स्नेह यूँ ही बनाये रहें |
........धन्यवाद !

कडुवासच ने कहा…

... bahut badhiyaa ... behatreen rachanaa, badhaai !

Udan Tashtari ने कहा…

सही संदेश दिया.

Bharat Bhushan ने कहा…

देश भक्ति से ओत-प्रोत रचनाएँ कहने वाली भारत की संतानों को पढ़ कर बहुत अच्छा लगता है.

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

प्रिय भाई संजय भास्कर जी
बहुत ख़ूब !

गद्दार जो अन्दर है उनको भी मिटाना है
आपकी पंक्ति में जोश और जिम्मेवारी का एहसास दोनों हैं ।

एक पुराने जोशीले गीत की पक्ति याद आ गई -
कहनी है इक बात हमें इस देश के पहरेदारों से !
संभल के रहना अपने घर में छुपे हुए गद्दारों से !!


अच्छी रचना है , बधाई !
और श्रेष्ठ लिखें , आपकी लेखनी में उत्तरोतर प्रगति होती रहे , यही शुभकामना है …
- राजेन्द्र स्वर्णकार

Unknown ने कहा…

गहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना...

Unknown ने कहा…

सार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है......शुभकामनाएं।

बहुत दिनों बाद आपके ब्लॉग पार आना हुआ

डॉ टी एस दराल ने कहा…

अच्छे ख्यालात ।

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

बहुत बढ़िया है....

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

आपकी भावनाओं को जानकार अच्छा लगा.

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

बेहद उम्दा, खूबसूरत तथा विचारोत्प्ररक रचना के लिए बहुत-बहुत बधाई। -: VISIT MY BLOG :- जमीँ पे हैँ चाँद छुपा हुआ।...........कविता का अवलोकन करने के लिए आप आमंत्रित हैँ। आप इस लिँक पर क्लिक कर सकते हैँ।

सुधीर राघव ने कहा…

गहराई से लिखी गयी एक सुंदर रचना...
http://sudhirraghav.blogspot.com/

honesty project democracy ने कहा…

आज रावण बध की नहीं बल्कि भ्रष्ट मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा उनके नाजायज चमचों का बध करने की जरूरत है और हर बध के बाद विजयादशमी मनाने की जरूरत है ,रावण का पुतला जलाने की जगह इन गद्दारों को सरे आम फांसी पे लटकाया जाना चाहिए तब जाकर इस देश और समाज में नैतिकता और इंसानियत का प्रचार और प्रसार होगा ....

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सच में, अब वही अन्दाज़ सिखाना है।

kshama ने कहा…

खेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
इक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |

Aameen! Aapki...hamaari ye tamanna zaroor pooree ho yahi dua hai!

चन्द्र कुमार सोनी ने कहा…

बहुत अच्छे शब्दों में आपने हम सभी को फ़र्ज़ की याद दिलाई हैं.
आभार.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना है।बधाई।

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद

@ उदय' जी..

@ Udan Tashtari Ji..

@ Bushan ji..

धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ राजेन्द्र स्वर्णकार जी..
आदर और मान देने के लिए बहुत शुक्रिया

इस कविता के जरिये लोगो को अपनी जिम्मेवारी का अहसास होना चाहिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद

@ Preeti ji..

@ उदय' जी..

@ डॉ टी एस दराल जी..

@ विरेन्द्र सिंह चौहान जी..

@ Dr. Ashok palmist ji..

ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद

@ सुधीर जी.

@ honesty project democracy ji..
सच कहा आपने सर जी
रावण का पुतला जलाने की जगह इन गद्दारों को सरे आम फांसी पे लटकाया जाना चाहिए तब जाकर इस देश और समाज में नैतिकता और इंसानियत का प्रचार और प्रसार होगा ....

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद

@ प्रवीण पाण्डेय जी..

@ Kshama ji..

@ चन्द्र कुमार सोनी जी..

@ परमजीत सिँह बाली जी..

आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

Mahak ने कहा…

बहुत ही अच्छे और सच्चे ख्यालात संजय जी , आज ऐसे ही विचार और उन पर ईमानदारीपूर्वक अमल करने की बहुत ज़रूरत है ,बहुत बढ़िया प्रस्तुति

Asha Lata Saxena ने कहा…

सुंदर रचना है |बधाई
आशा

Prem ने कहा…

आपकी देश भक्ति अच्छी लगी ,किसी भी देश की यह एक आवश्कता है ।

Manish aka Manu Majaal ने कहा…

अच्छी सोच है , लिखते रहिये ...

Manish aka Manu Majaal ने कहा…

और ये आपकी स्टाइल में, दूसरी वाली ...

मंजुला ने कहा…

बहुत अच्छी कविता ..सुन्दर भावनाए .....ऐसे हे लिखते रहिये .........

सदा ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दर, बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

बेनामी ने कहा…

bahut khoob...

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prasant pundir ने कहा…

sanjay jee,

bahut acchi kavita hain yeh,

Kiya hum wakai aisa chahte hai, kia hum kuch kar sakte hain is desh ko bachane ke liye,

kyon naa aise khyalat wale log milkar ek nahi party banaye aur is desh ko bachane ka farz nibhaye.

दीपक बाबा ने कहा…

संजय भाई बहुत बढिया प्रस्तुति....

साधुवाद.



"ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |"

हम आपके साथ हैं.

arvind ने कहा…

dhaardaar...sundar kavita...deshbhakti jhalakti hai.

निर्मला कपिला ने कहा…

ाज की युवा पीढी के मुंह से ये बात सुन कर मन मे एक आशा का दीप जल उठता है। आज हमारी को इसी प्रेरणा और उतसाह की जरूरत है। बहुत अच्छी रचना अच्छे भाव। बधाई और आशीर्वाद।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

जोशपूर्ण कविता संजय जी !

Aruna Kapoor ने कहा…

ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |


....हमें भी गर्व है कि हम भारतीय है....भारत के नागरिक है!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ये देश सलामत है तो हम भी सलामत है ,
हर देश के वासी को यह याद दिलाना है ..

दुरुस्त कहा है संजय जी ... भारत है तभी तक हम हैं नही तो भटकते रहेंगे हम हिन्दुस्तानी .... बहुत अच्छी रचना है ...

Unknown ने कहा…

आपकी देश भक्ति अच्छी लगी ,

Kailash Sharma ने कहा…

bahut sundar bhav...iraade buland hon to safalta avshya milegi...aabhar...

कुमार संतोष ने कहा…

बहुत खूब, बहुत अच्छा लिखा है !

Shah Nawaz ने कहा…

वाह! सुन्दर अभिव्यक्ति!

Sharma ,Amit ने कहा…

काम अभी बहुत बाकी है मेरे दोस्त !!!

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद

@ Mahak ji ..

@ Asha ji..

@ Prem ji..

@ Majaal ji..

@ मंजुला जी..

@ Sada ji..

@ Sonal ji..

@ Prasant pundhir ji..

आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ दीपक जी
भारत वासी होने का गर्व सभी को होना चाहिए
हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ निर्मला माँ
युवा पीढी में इसी प्रेरणा और उतसाह की जरूरत है

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद

@ Arvind ji..

@ पी.सी.गोदियाल जी..

@ डा. अरुणा कपूर जी..

@ दिगम्बर नासवा जी..

@ Amit ji..

@ Kailash C sharma ji..

@ संतोष कुमार जी..

@ Shah Nawaz ji..

आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ अमित जी
सत्य कहा आपने अभी तो बहुत काम बाकी है !

रानीविशाल ने कहा…

वाह भाई ...आज की आपकी पोस्ट की हर एक पंक्ति पर वाह करने को दिल करता है ...एक सच्चे हिन्दुस्तानी के लिए सार्थक सन्देश देती बेहद खुबसूरत कविता है .....बधाई

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

खेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
इक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |
----Shandar jajbe ki shandar prastuti-------.

शरद कोकास ने कहा…

और बेहतर लिखो ।

Anjana Dayal de Prewitt (Gudia) ने कहा…

खेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
इक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |

बेहद खुबसूरत!!!

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

umda

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

bahut khoob.... bahut hi achha likha aapne

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

Extreemly agree with your expressions!
Nice poem.

आप सभी को हम सब की ओर से नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.

अंजना ने कहा…

ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |

बहुत खूब संजय जी....


नवरात्रि की आप को बहुत बहुत शुभकामनाएँ ।जय माता दी ।

Urmi ने कहा…

बहुत बढ़िया और लाजवाब पोस्ट! आपको एवं आपके परिवार को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!

ZEAL ने कहा…

इक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है |
ये गर्व हो हर इक को भारत का मै वासी हूँ
इस शान से जीने का अंदाज सिखाना है |

wonderful !

.

Archana writes ने कहा…

bahut achi rachana likhi hai aapne.....deshbhakti k jajbe ko salam ! archana

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

खेतो में हमारे भी सोने के खजाने है ,
इक फसल मोहब्बत की दिल में भी उगाना है

क्या बात है ... बहुत बढ़िया !

संजय भास्‍कर ने कहा…

धन्यवाद

@ रानीविशाल जी..

@ JHAROKHA JI..

@ शरद कोकास जी..

@ Anjana ji..

@ संजय चौरसिया जी..

@ डॉ. मोनिका शर्मा जी..

सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ यशवन्त माथुर जी..
बहुत बहुत धन्यवाद
आप को नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ anjana ji..

@ Babli ji..

@ Zeal ji..

@ Archana Dhanwani ji..

@ Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ji..

धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
आप सभी को हम सब की ओर से नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.

RAJNISH PARIHAR ने कहा…

बहुत ही सुन्‍दर सोच, बेहतरीन अभिव्‍यक्ति । नवरात्र की ढेर सारी शुभ कामनाएं.

अनुपमा पाठक ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति।
regards,

समय चक्र ने कहा…

सुन्दर अभिव्यक्ति...

रचना दीक्षित ने कहा…

बहुत बढ़िया और लाजवाब पोस्ट सुन्दर अभिव्यक्ति।

नीलांश ने कहा…

bahut umda rachna..