16 दिसंबर 2010

माँ की परिभाषा........संजय भास्कर


माँ की परिभाषा कोई पूछे तो ,
प्यार मैं बतलाता हूँ |
माँ का आँचल कोई पूछे तो ,
आकाश मैं दिखलाता हूँ  |
माँ कि सहनशीलता कोई पूछे तो ,
धरती मैं बतलाता हूँ |
माँ कि लोरिया कोई पूछे तो ,
तारे मैं गिनवाता हूँ |
माँ का त्याग कोई पूछे तो ,
बयाँ नहीं कर पाता हूँ |
भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ |

...............संजय कुमार भास्कर  



128 टिप्‍पणियां:

Kunwar Kusumesh ने कहा…

माँ का त्याग कोई पूछे तो ,
बयाँ नहीं कर पाता हूँ |
भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ

बिलकुल अलग, नई और सुन्दर तरह से परिभाषित किया है आपने माँ के व्यक्तित्व को.क्या बात है.किसी का एक शेर है;-
सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है.
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है.

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

संजय जी वाकई मन को छू लिया..यही तो है मां...
भगवान ने यही तो सबसे खूबसूरत तोहफा देकर हमें भेजा है
मां की सूरत के अलावा भगवान की सूरत क्या होगी...
बहुत खूब

Deepak Saini ने कहा…

माँ तो बस माँ होती हैं

Deepak Saini ने कहा…

मां की सूरत के अलावा भगवान की सूरत क्या होगी

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

मन को सहज कर देने वाले भाव हैं आपके।

Unknown ने कहा…

..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

naresh singh ने कहा…

बहुत सुन्दर परिभाषा दी है | मा की महानता के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है जहां भी आदर और महानता का जिक्र करना होता है | वंहा मा शब्द जरूर आता है ,धरती माता ,गौमाता |

मेरे भाव ने कहा…

भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ .........


माँ को परिभाषित नहीं किया जा सकता. वही हमारा ईश्वर और जीवन है . ममत्व भरी रचना .

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

Har Pal me Khushi Deti Hai
use "Maa" kehlati hai

Sawai Singh Rajpurohit ने कहा…

आपका ब्लाग "आदत. मुस्कुराने की" का प्रयास अच्छा है मैं आपके ब्लाग को फालो कर रहा हूँ ।

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

वैसे तो माँ को किसी परिभाषा की परिधि मेँ नहीँ बाँधा जा सकता है।लेकिन

सँजय जी माँ को व्यक्त करने के लिए बहुत ही कोमल और सुन्दर भाव आपने कविता मेँ सँजोय हैँ।
दिल को छू लेने वाली कविता है। शुभकामनायेँ

आपका भी ब्लोग पर स्वागत है।

कितनी बेज़ार है ये दुनियाँ ..........गजल।

saraswat shrankhla ने कहा…

Oh ma! mamaa!! ma ko bayan karna sachmuch kathin hai.

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

माँ का त्याग कोई पूछे तो ,
बयाँ नहीं कर पाता हूँ |
भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ

मां से बढ़कर कोई नहीं... मां तो बस मां है...

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

tni pyari tulna koi achchhha beta hi kar sakta hai...:)


khubsurat abhivyakti...

Shekhar Suman ने कहा…

निःशब्द...

Shekhar Suman ने कहा…

निःशब्द....

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

wah bhai sanjyji!
ma to bas ma hoti hai.
bahut sachchi aur hridayshparsi
rachna hai apki!

कडुवासच ने कहा…

... bahut sundar ... prasanshaneey rachanaa !!!

Roshani ने कहा…

bahut khoob :)
Sahi kaha.

Unknown ने कहा…

मां से बढ़कर कोई नहीं

Unknown ने कहा…

माँ को परिभाषित नहीं किया जा सकता...........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ कुंवर कुसुमेश जी..
बहुत बहुत धन्यवाद
सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है.
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है.
........... मां तो बस मां है...

@ वीना जी..
मां की सूरत के अलावा भगवान की सूरत क्या होगी...
बहुत खूब
बहुत बहुत आभार

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ दीपक सैनी जी..
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ अमित जी..
बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ नरेश सिह राठौड़ जी..
आपने बिलकुल सही कहा मा की महानता के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है

@ मेरे भाव जी..
आपने बिलकुल सही कहा माँ को परिभाषित नहीं किया जा सकता.

@ सवाई सिंह राजपुरोहित जी..
बहुत बहुत धन्यवाद
आप सबका ह्रदय से आभारी हूँ , आपने मुझे प्रोत्साहित किया ...यूँ ही अपना मार्गदर्शन देते रहना ताकि और भी प्रगति कर पाऊं ....आप सबका धन्यवाद

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ डॉ. अशोक पल्मिस्ट जी..
आपने बिलकुल सही कहा माँ को किसी परिभाषा की परिधि मेँ नहीँ बाँधा जा सकता है

@ फ़िरदौस ख़ान जी..
मां से बढ़कर कोई नहीं... मां तो बस मां है...

आप सबका ह्रदय से आभारी हूँ , आपने मुझे प्रोत्साहित किया

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत खूब संजय जी ... कितना पाकीज़ा दर्जा दिया है मा को .... शायद मा के आयेज ये सब भी छोटे हैं ...

कविता रावत ने कहा…

माँ का त्याग कोई पूछे तो ,
बयाँ नहीं कर पाता हूँ |
भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ |
...सच में भगवान् का चेहरा किसने देखा ...वह तो माँ के रूप में साक्षात् हमारे पास होती है बस उस दिव्य स्वरुप को जो समझ गया, उसे फिर किया चाहिए ......
माँ को सचे मनोभावों से सम्पर्पित रचना पढ़कर बहुत अच्छा लगा...
हार्दिक शुभकामनाएं

दिगम्बर नासवा ने कहा…

मा के ऊपर कुछ भी लिखने के लिए शब्द कम पढ़ जाते हैं ....
संजय जी .. दिल को छू गयी आपकी रचना ...

Arvind Jangid ने कहा…

सुन्दर भावों को बड़े ही आदर के साथ प्रस्तुत किया है....आपका साधुवाद.

*"गांधी जी बाहर निकल आये" पोस्ट पर आपकी टिपण्णी देखकर प्रसन्नता होगी.

पुनः साधुवाद.

Rahul Singh ने कहा…

आपके भाव तो बयां हो गए भगवन.

Bharat Bhushan ने कहा…

अच्छी रचना है. माँ के बारे में सभी उपमाएँ आपने दी हैं. माँ से संबंधित कई पुराने गीत याद आ गए.

palash ने कहा…

माँ की महिमा का वर्णन तो साक्षात ईश्वर भी नही कर पाये । फिर हम क्या कह सकते है , क्योकि माँ की महिमा को शब्दों में नही बाँधा जा सकता
दिल की बा्तें है ये , बस दिल ही समझेगा
जुबा से कुछ भी कहा तो, वो कम ही लगेगा

ज़मीर ने कहा…

संजय भाई कमाल की कविता लिखी है आपने. माँ तो भगवान ही है.
शुभकमनाएं

डॉ टी एस दराल ने कहा…

भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ |

बहुत सुन्दर उदगार ।
बस मां के बुढ़ापे में यह मत भूल जाना बेटा ।

अनुपमा पाठक ने कहा…

bahut sundar!

Taarkeshwar Giri ने कहा…

Bahut Khub

निर्मला कपिला ने कहा…

संजय दिन पर दिन तुम्हारी कविता निखरती जा रही है। इस कविता के हर भाव ने दिल को छूया है।
भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ |
सच मे माँ भगवान से भी ऊँची है। सृष्टी स्रजक। बहुत बहुत बधाई और आशीर्वाद।

नीरज मुसाफ़िर ने कहा…

मां का चेहरा!!!
बहुत खूब।

मनोज कुमार ने कहा…

मां की परिभाषा यही है कि मां बस मां है, उससा कोई नहीं।

vandy ने कहा…

awesome work
really loved ur poem

beautifully description of mother

Aruna Kapoor ने कहा…

'मां' का सुंदर वर्णन इससे बढ कर क्या हो सकता है?...बहुत सुंदर प्रस्तुति!

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ मुकेश सिन्हा जी..
@ शेखर भाई
@ सुरेन्द्र सिंह " झंझट " जी..
@ 'उदय' जी..
@ रौशनी जी..
बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
मेरे ब्लॉग पर आकर आशीर्वाद देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ ॐ जी..

@ दिगम्बर नासवा जी..
आपने बिलकुल सही कहा मा के ऊपर कुछ भी लिखने के लिए शब्द कम पढ़ जाते हैं ....
बहुत बहुत आभार आपका

@ कविता रावत जी..
.सच में भगवान् का चेहरा किसने देखा ...वह तो माँ के रूप में साक्षात् हमारे पास होती है बस उस दिव्य स्वरुप को जो समझ गया, उसे फिर किया चाहिए ..
बहुत बहुत आभार आपका कविता जी..
मेरे ब्लॉग पर आकर आशीर्वाद देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bade pyaar se maa ko likha hai...

The Serious Comedy Show. ने कहा…

maa ko paribhaashit karane kee himmat kee daad detaa hoon saahab.

bahut prempoorna rachnaa.

ek sher apnaa yaad aayaa.

jaananaa chaho agar sabse keematee shai ko,
lagaa sab daon par ek maa khareed kar dekho.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

बहुत सुन्दर... बहुत बढ़िया.. वाह..

Satish Saxena ने कहा…

ममता से बड़ा कोई नहीं ...शुभकामनायें संजय

monali ने कहा…

Pehle papa fir maa.. adbhut kavita :)

बेनामी ने कहा…

वाह ! संजय ! कितनी सुंदर रचना ! माँ भगवान जैसी होती है ! सार्थक रचना !

रचना दीक्षित ने कहा…

मां का चेहरा....माँ तो बस माँ होती हैं...बहुत बढ़िया

anshumala ने कहा…

बिल्कुल ऐसा ही है बहुत अच्छी कविता |

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर भाव पुर्ण लगी आप की यह कविता, तारीफ़ के शव्द भी कम लगते हे जी, बहुत बहुत धन्यवाद

Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकार ने कहा…

संजय भास्कर जी

अच्छे भाव हैं …
भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
मां का चेहरा दिखलाता हूं …

बहुत सुंदर !

बचपन से गुनगुनाते भी आए हैं -
ऐ मां ! तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी …


शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार

Shah Nawaz ने कहा…

बेहतरीन भाव संजय भाई... ज़बरदस्त!

Asha Lata Saxena ने कहा…

पूरे दिल से लिखी है माँ की परिभाषा |इतनी प्यारी और सुन्दर परिभाषा पहले कभी नहीं देखी पढ़ी |बहुत बहुत बधाई संजय |
आशा

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ अरविन्द जांगिड जी.
@ राहुल जी..
@ भूषण जी..

@ अपर्णा जी."पलाश"
आपने बिलकुल सही कहा माँ की महिमा का वर्णन तो साक्षात ईश्वर भी नही कर पाये । फिर हम क्या कह सकते है , क्योकि माँ की महिमा को शब्दों में नही बाँधा जा सकता

@ रश्मि प्रभा जी..
बहुत बहुत आभार आपका

@ हर्षवर्धन जी..

बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
मेरे ब्लॉग पर आकर आशीर्वाद देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ भारतीय नागरिक जी.
@ सतीश सक्सेना जी..
@ मोनाली जी..
@ उषा राय जी..
@ रचना दीक्षित जी..
@ अंशुमाला जी..
@ राज भाटिय़ा जी..
बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
मेरे ब्लॉग पर आकर आशीर्वाद देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.

Arun sathi ने कहा…

भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ

यही बात सबसे सही है मां ही ईश्वर है और मां से बढकर कोई नहीं। मां की परिभाषा आपने एक दम सटिक दी है। साधुबाद।

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ ज़मीर जी..
@ टी एस दाराल जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
@ तारकेश्वर गिरी जी..
@ आलोकिता जी..
@ नीरज जाट जी..
बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…


बहुत सुंदर रचना, माँ से बढकर कोई नहीं।

एंजिल से मुलाकात

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ निर्मला कपिला जी..
आपने बिलकुल सही कहा सच मे माँ भगवान से भी ऊँची है।
ब्लॉग पर आकर आशीर्वाद देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.

@ मनोज कुमार जी..
@ वंदी जी..
@ डा. अरुणा कपूर जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.

babanpandey ने कहा…

परिभाषा है ...या व्याखाया/
बहुत सुंदर

ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηι ने कहा…

बेहतरीन अभिव्यक्ति , मां के व्यक्तित्व को तराश कर रू-ब-रू कराने के लिये आभार व बधाई।

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

माँ पर बेहतरीन रचना ..संजय जी !! आज १७-१२-२०१० को आपकी यह रचना चर्चामंच में रखी है.. आप वहाँ अपने विचारों से अनुग्रहित कीजियेगा .. http://charchamanch.blogspot.com ..आपका शुक्रिया

Suman Anuragi ने कहा…

Jai Mata Ki

amar jeet ने कहा…

संजय भाव पूर्ण रचना

ashish ने कहा…

ऐ माँ तेरी सूरत से अलग भगवान की सूरत क्या होगी .

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

माँ को बहुत अच्छे से परिभाषित किया है संजय भाई!

Kulwant Happy ने कहा…

बहुत सुंदर रचना है दोस्‍त, इस तरह लिखते रहो। पढने के लिए हैं तैयार हम।

vandana gupta ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना……………बस यही तो माँ होती है।

Unknown ने कहा…

मां का कर्ज कभी उतारा नहीं जा सकता, लेकिन मां के लिए दो लफ्ज़ तो लिखे ही जा सकते हैं. आपने मां को अपने शब्दों ने परिभाषित किया है, यही काफी है.
मेरा ख़याल है कि मां को परिभाषित किया ही नहीं जा सकता. धरती, आकाश, तारे, सब कुछ मां की तुलना में बहुत छोटे नज़र आते हैं. हमें अपनी माँ के लिए अपने दिल में हमेशा प्यार और इज्जत रखनी चाहिए.
माँ से बढ़कर कुछ भी नहीं. कुछ भी.

Unknown ने कहा…

भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ |
bahut kam sabdo main apnee puri baat keh dee.

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

bilkul sahi kaha aapne
maa ki mahaanta isse bhi kahin jyada hai

Saumya ने कहा…

Nice...loved it!!!

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

dil ko choo lene vali kavita hai....bhut bhut bdhhayi

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

dil ko choo lene vali kavita hai....bhut bhut bdhhayi

PRIYANKA RATHORE ने कहा…

dil ko choo lene vali kavita hai....bhut bhut bdhhayi

Patali-The-Village ने कहा…

माँ तो बस माँ होती हैं

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) ने कहा…

संजय जी सरल शब्दों में इतनी प्यारी बात आपने कह दी. माँ तो सबकुछ होती है.

amrendra "amar" ने कहा…

Sanjay ji is rachna ne man ko dravit ker diya . koi kitna bhi bayan karen baya nahi ker sakta Maa ki mamta ko ...........sunder ahsas karane k liye bahut bahut shukriya......

Suman Sinha ने कहा…

maa kahte maa ke aanchal ki khushboo fail jati hai , dudhmuhe khyaal yaad aane lagte hain ....

Unknown ने कहा…

Maa ki mamta ka ...........sunder ahsas karane k liye bahut bahut shukriya......Sanjay ji

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ राजेन्द्र स्वर्णकार जी
बहुत बहुत धन्यवाद

@ शाह नवाज़ जी..
@ आशा जी..

@ अरूण साथी जी..
मां ही ईश्वर है और मां से बढकर कोई नहीं।

@ ललित शर्मा जी..
@ बबंपंदेय जी..
@ संजय दानी जी..
@ डॉ. नूतन - नीति जी..

बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
मेरे ब्लॉग पर आकर आशीर्वाद देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ डॉ.नूतन-नीति जी..
मेरी कविता को चर्चामंच में स्थान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद....

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ सुमन अनुरागी जी..
@ अमरजीत जी..
@ आशीष जी..
@ यशवन्त जी..
@ कुलवंत जी..
@ वन्दना जी..
@ Er. सत्यम शिवम जी..

बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ आमीन जी..
@ Poorviya जी..
@ संजय कुमार चौरसिया जी..
@ Saumya जी..
@ PRIYANKA राठौर जी
@ Patali-The-Village

बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

माँ कि लोरिया कोई पूछे तो ,
तारे मैं गिनवाता हूँ |
माँ का त्याग कोई पूछे तो ,
बयाँ नहीं कर पाता हूँ |
Wah, ab kaafee paripakwtaa aa gai bhaakar jee aapke lekhnee me .

rashmi ravija ने कहा…

भगवान के बारे में पूछे तो कोई ,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ .........
कितना सुन्दर लिखा है...बेहद प्यारा

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

माँ को बहुत सही ढंग से परिभाषित किया है. उसकी कोई परिभाषा हो ही नहीं सकती है. एक माँ की परिभाषा उसकी बेटी ने की है उसको मैंने "नारी की कविता ब्लॉग" पर आज ही दिया है. जाकर देखिये.
http://indianwomanhasarrived2.blogspot.com/2010/12/blog-post_18.html

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

माँ को बहुत सही ढंग से परिभाषित किया है. उसकी कोई परिभाषा हो ही नहीं सकती है. एक माँ की परिभाषा उसकी बेटी ने की है उसको मैंने "नारी की कविता ब्लॉग" पर आज ही दिया है. जाकर देखिये.
http://indianwomanhasarrived2.blogspot.com/2010/12/blog-post_18.html

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

वाह ! माँ के बारे में बेहतरीन कविता !

priyankaabhilaashi ने कहा…

माँ से सुंदर और पवित्र कोई हो ही नहीं सकता..!! सादर धन्यवाद..बहुत सुंदर..!!

Dev ने कहा…

maa jaisa koi nahi is pure sansaar mein .......lajwaab kavita

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

bahut hi behatreen prastuti maa ko shyad isiliye bhagvaan ka darja diya gaya hai.
bahut badhi abhvyakti maa ke baare me ,bilkul alag si lagi
poonam

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ वन्दना महतो जी..
@ अमरेंदर अक्स जी..
@ सुमन सिन्हा जी..
@ प्रीती जी..
@ पी.सी.गोदियाल "परचेत" जी.
@ रश्मी रविजा जी..
बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

Apanatva ने कहा…

bahut hee sunder bhavo ko saheja hai aapne ise anmol rachana me......
atyant peashansneey .

Archana Chaoji ने कहा…

सबकी माँ,
हाँ भाई हाँ,
माँ तो माँ,
बोले न कभी - ना,
दिल पुकारे गा-
उई-माँ,उई-माँ,
मन को गयी भा,
उनको भी दो ला,
जिनकी ना हो माँ,
खुश हों वो भी पा,
जीवन भर करे--हा,हा,हा।

संध्या शर्मा ने कहा…

Maa... jitna bhi kaho kam hai..

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

sanjay ji, man ko samrpit sunder posrt. dil men utar gayee....

Prerna ने कहा…

माँ होती ही ऐसी है..
अतिसुन्दर!
काफी अच्छी लगी आपकी कविता.

mridula pradhan ने कहा…

bemisaal.

संध्या शर्मा ने कहा…

माँ तो सिर्फ माँ होती है उसके जैसा दुनिया में कोई भी नहीं ....
सुन्दर रचना ...

राजकुमार सोनी ने कहा…

बहुत ही प्यारी रचना है
आपको बधाई

ZEAL ने कहा…

. उम्दा प्रस्तुति !

एस एम् मासूम ने कहा…

ऐसी खुशी नहीं चाहता जो किसी का दिल दुखाने से मिले संजय भास्कर

Arvind Jangid ने कहा…

संजय जी........श्रीमान को सादर प्रणाम, मैंने एक और ब्लॉग बना लिया है......आपका मार्गदर्शन यदि यहाँ भी मिले तो मुझे सतत प्रेरणा मिलेगी....ब्लाग का पता निचे दिया है.

http://padhiye.blogspot.com

आपका धन्यवाद.

Pawan Rajput ने कहा…

bhut khoob...badhai ho

Minakshi Pant ने कहा…

ये मेरे मालिक तेरा हमपे ये करम हो गया !
तुने अपनी जगह माँ का जो हमको साथ दिया !
तू भी जनता था की अकेले तो हम न रह पाएँगे
इसलिए चुपके से माँ बनके हाथ थाम लिया !
bahut khubsurat yehsas .
bahdai dost .

S.VIKRAM ने कहा…

माँ का त्याग कोई पूछे तो ,
बयाँ नहीं कर पाता हूँ |
simply great lines....thanx 4 d post

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

भगवान के बारे में पूछे तो कोई,
माँ का चेहरा दिखलाता हूँ ।

सचमुच, मां भगवान का ही दूसरा रूप है।
मां को समर्पित सबसे श्रेष्ठ रचना।
मां को नमन।

रानीविशाल ने कहा…

भाई संजय पहले तो तुमसे क्षमा की इतने दिनों में आना हुआ ...तुमने लिंक भेजे तब भी ना आ सकी उम्मीद है बुरा नहीं मानोगे बहन की इस बात का आखिर अपनी भांजी की हरकतों से तुम भी कहाँ अनजान हो समय नहीं मिल पाता उसके साथ .....आज की तुम्हारी यह कविता इतनी पसंद आई की बताना मुश्किल है . इतना अच्छा और सच्चा लिखा है की प्रसंशा को शब्द नहीं मिलते . यूँ ही लिखते रहो ....शुभकामनाएँ!!

RAJWANT RAJ ने कहा…

kisi ne sach kha hai ''sb kuchh mil jata hai lekin ma nhi milti ''.ye pak rooh hi kuchh aisi hai .
srl shbdo me rchi bhut sundr bhavabhivykti .

केवल राम ने कहा…

माँ का त्याग कोई पूछे तो ,
बयाँ नहीं कर पाता हूँ |
xxxxxxxxxxxxxxxxxx
बहुत सही कहा भाई ................आपके ख्याल की तारीफ में क्या कहूँ ....बहुत उम्दा रचना

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

संजय भाई, बहुत ही प्‍यारी कविता है। इसके लिए आपकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।

---------
आपका सुनहरा भविष्‍यफल, सिर्फ आपके लिए।
खूबसूरत क्लियोपेट्रा के बारे में आप क्‍या जानते हैं?

संदीप ने कहा…

bahut sunder abhiyakti!

Suman ने कहा…

bahut sunder rachna..........

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ रेखा श्रीवास्तव जी..
@ इन्द्रनील भट्टाचार्जी जी..
@ प्रियांकाभिलाशी जी..
@ देवेश प्रताप जी..
@ झरोखा पूनम जी..
@ अपनत्व जी..
बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ अर्चना जी..
@ संध्या जी..
@ उपेंदर जी..
@ प्रेरणा जी..
@ मृदुला प्रधान जी..
@ राजकुमार सोनी जी..
...बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ दिव्या जी..
@ एस.एम.मासूम जी..
@ अरविन्द जांगिड जी..
@ पवन रना जी..
@ मीनाक्षी पन्त जी..
@ S.विक्रम जी..
@ महेंद्र वर्मा जी..
बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,

POOJA... ने कहा…

वाह भाई...
बहुत ही सुन्दर रचना... मान की बात, इतने प्यार से... awesome...
तारीफ के लिए शब्द खोजती हूँ फ़िर लिखती हूँ...

albela khatri ने कहा…

aapko 201 badhaaiyan
1 is sundar kavita ke liye aur 200 aapke 200 follw. ke liye

mubaraq ho !

Anita ने कहा…

संजय जी ,आपके मन में अपने माता पिता के लिये जो असीम प्रेम है उस पर मन झुक जाता है ,आप सभी को शुभकामनायें !

रविंद्र "रवी" ने कहा…

आपने माँ की सही परिभाषा लिखी है. माँ भगवान का ही दूसरा रूप होती है.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ रानीविशाल दीदी कोई बात नहीं देर से ही आई पर आई तो सही

.....अनुष्का को प्यार

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ राजवंत राज जी..
@ केवल राम जी..
@ ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ जी..
@ संदीप 'शालीन ' जी..
@ सुमन जी..
बहुत बहुत धन्यवाद आपने ब्लॉग पर आकर माँ की महानता को बयाँ किया
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,

Amit Kumar Sendane ने कहा…

maaa........aage kya kahoon?
bht khusnaseeb hai woh maa jisne sanjay bhaiya jaisa beta paya........
aapse chota hoon isliye ashirwad nahi de sakta par bhagwan se apke liye ashirwad maang toh sakta hoon.....dher sara pyaar meri or se..aur mata ji ko charan sparsh

Shekhar Suman ने कहा…

आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन में शामिल किया गया है... धन्यवाद....
सोमवार बुलेटिन