26 अप्रैल 2010

जिंदगी एक चाहत का सिलसिला है

 जिंदगी एक चाहत का सिलसिला है ,
कोई मिल जाता है तो कोई बिछड़ जाता है  
जिसे मांगते है हम अपनी दुआओं में ,
वो किसी और को बिना मांगे ही मिल जाता है |

.....संजय भास्कर....