24 जनवरी 2011

टीवी पर ठगी का धंधा जोरों पर ........!

 
 
सिनेमा पर तो थोड़ी बहुत लगाम है पर विज्ञापनों के मामले में टीवी बेलगाम है। टीवी को विज्ञापन चाहिएं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि विज्ञापन कैसे हैं। अच्छे या बुरे। समाज के हित में या अहित में। टीवी के मामले में कोई ठोस पॉलिसी नहीं होने की वजह से ही जागो ग्राहक जागो जैसे अभियान के दर्शन आजकल दूरदर्शन पर हो रहे हैं।कभी कभी  टीवी पर समाचार सुनने या फिर नए-पुराने गीत सुनने के लिए आध घंटे का समय मिलता है तो  इस बीच कई चैनल बदलने पड़ते हैं। ज्यादातर चैनलों पर नजर सुरक्षा कवच, कुबेर कुंजी पैक, श्री धन लक्ष्मी यंत्र आदि के बारे में बताया जा रहा होता है। इनके कथित अनेकों लाभ गिनाए जा रहे होते हैं।पढ़ाई में जीरो एक लड़का इनका यंत्र पहनकर अचानक विश्वनाथन आंदन के समान बुद्धि पा जाता है। वह क्लास में प्रथम आता है।बिजनेस में घाटा रूक जाता है और अचानक करोड़ों का फायदा होने लगता है।एक खूबसूरत-सी लड़की की शादी नहीं हो रही होती तो यंत्र पहनकर अचानक उसकी शादी पक्की हो जाती है।बच्चों के चारों तरफ नजर सुरक्षा कवच बन जाता है, जैसा कि अर्जुन के चारों तरफ भगवान श्री कृष्ण जी ने बना दिया था।अचानक तरक्की मिलने लगती है। यंत्र पहनकर बेरोजगारों को रोजगार मिल जाता है। हा-हा।
इन कथित यंत्रों की कीमत सुनकर तो और भी अचंभा होता है। क्योंकि दस से तीस हजार तक इन्हें बेचा जा रहा है। कोई तो खरीदता ही होगा। यदि बिक नहीं रहे होते तो इतने लैंथी विज्ञापन नहीं बनाए जाते और ये कथित चमत्कारी यंत्र औने-पौने दामों में बिक रहे होते। एक बात यह है कि इनमें एक्टर्स को लिया जाता है और अभिनय कराया जाता है। वे बताते हैं कि उन्हें क्या-क्या लाभ हुए। इनके विज्ञानपों में कहानियां भी ऐसी गढ़ी जाती हैं, यदि कोई एक मिनट के लिए भी सुन ले तो पूरा सुनने को मजबूर हो जाता है। कुल मिलाकर लोगों को भ्रमित करके ठगने का धंधा शबाब पर है। यह तो शुक्र है कि मेरे देश की बहुत सी जनसंख्या इस वक्त टीवी के सामने नहीं होती। हालांकि ये विज्ञापन एकाध बार दिन भी दिखाई दे जाते हैं।सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को इस विषय में कुछ सोचना चाहिए और टीवी पर लगाम लगानी चाहिए।