20 अप्रैल 2010

जो आँखों में ही रहते है

 होंठो की जुबां ये आंसु कहते है ,
चुप रहते है मगर फिर भी बहते है
इन आंसुओ की किस्मत तो देखो
ये उन के लिए बहते है ,
जो आँखों में ही रहते है |