21 नवंबर 2018

सफेद संगमरमर में ढला ताज :)

सभी साथियों को नमस्कार कुछ दिनों से व्यस्ताएं बहुत बढ़ गई है इन्ही कारणों से ब्लॉग को समय नहीं दे पा रहा हूँ पर ...आज आप सभी के समक्ष पुन: उपस्थित हूँ अपनी नई रचना जिसे मैं करीब २ वर्ष पहले लिखा था के साथ ताज महल पर उपजी है ये कुछ लाइने उम्मीद है आपको पसंद आये.........!!

 ( चित्र गूगल से साभार  )

यमुना नदी के किनारे 
नीले पानी के साथ 
बना है ऐतिहासिक ताजमहल 
कहते है वो निशानी है किसी के प्यार मोहब्बत की  
शायद इसीलिए कई वर्षो से 
खड़ा होकर ताकता रहता है 
मोहब्बत करने वालो को  
मैं देख नहीं पाया हूँ अभी तक ताजमहल 
पर जब भी कहीं 
देखता हूँ ताज की तस्वीर 
महसूस कर लेता हूँ ताज का आकर्षण 
वो संगमरमर से तराशा हुआ 
सफ़ेद ताज खड़ा है पूरी शान के साथ 
और बसा हुआ है हर एक हिंदुस्तानी के दिल में 
जो खींच लाता है 
अपने चाहने वालो को चाहे वो देश के 
किसी कोने में क्यों न हो..... !!

-- संजय भास्कर 

01 नवंबर 2018

वो आकर्षण :)

चित्र - गूगल से साभार


कॉलेज को छोड़े करीब 
नौ साल बीत गये !
मगर आज उसे जब नौ साल बाद 
देखा तो 
देखता ही रह गया !
वो आकर्षण जिसे देख मैं 
हमेशा उसकी और
खिचा चला जाता था !
आज वो पहले से भी ज्यादा 
खूबसूरत लग रही थी 
पर मुझे विश्वास नहीं 
हो रहा था !
की वो मुझे देखते ही 
पहचान लेगी !
पर आज कई सालो बाद 
उसे देखना 
बेहद आत्मीय और आकर्षण लगा 
मेरी आत्मा के सबसे करीब ..............!!

-- संजय भास्कर