13 जून 2015

बूढ़े का घर बनाना :))

चित्र - गूगल से साभार

साठ बरस की उम्र में घर बनाने की सोचना
दुस्साहस तो है, मगर उसने किया

वह एक-एक कर लाया
ईट-पत्थर -रेत लकड़ी
सरिया व सीमेंट

जैसे सामने के पेड़ पर
घर बनती हुई चिड़िया
एक-एक कर लाई
घास -तिनके -कपड़े की चिंदी
सींके या सुतली

बूढ़े और चिड़िया ने नहीं पूछी एक दूसरे की उम्र

घर बनाना दुस्साहस नहीं
किसी भी उम्र में
अगर चिड़िया से मांग सके कोई
थोड़ा सा धीरज
थोड़ा सा उड़ना  !!

लेखक परिचय - ब्रजेश कृष्ण

सभी साथियों को मेरा नमस्कार कुछ दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत को समय नहीं दे पा रहा हूँ ज़िंदगी की भागमभाग से कुछ समय बचाकर आज आप सभी के समक्ष उपस्थित हूँ ...!!

-- संजय भास्कर

31 टिप्‍पणियां:

Tayal meet Kavita sansar ने कहा…

बहुत खूब
सुन्दर रचना के साथ वापसी

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

धैर्य आ ही जाता है बूढ़े होते होते :)

Manoj Kumar ने कहा…

बहुत खूब !सुन्दर रचना !

dj ने कहा…

बहुत खूब बहुत सुन्दर रचना

ज्योति-कलश ने कहा…

sundar prastuti !

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

बच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

बच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

बच्चों के लिए जीते बूढ़े औ परिंदे।

शिवनाथ कुमार ने कहा…

उम्र हार जाती है धैर्य और परिश्रम के आगे
बेहतरीन ,,,,
आभार !!

Himkar Shyam ने कहा…

घर छोटा हो या बड़ा चाहत सिर्फ इतनी रहती है कि अपना एक आशियाना हो... बहुत सुंदर

रचना दीक्षित ने कहा…

जिंदगी की भागम भाग के बाद ही तो इतनी धैर्य वाली प्रस्तुति की प्रेरणा मिली होगी आभार

priyankaabhilaashi ने कहा…

कितना दुर्लभ है न..ऐसा कर पाना.. फ़िर भी करके दिखाना ही आदमी साहस का परिचय है..!! बना रहे ऐसा मानस..

बहुत सुंदर रचना..!!

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बहुत बढ़िया

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आसान नहीं है चिड़िया जैसा हो पाना पर साहस हो तो ६० क्या इंसान मरते दम तक बहुत कुछ कर सकता है ...

बेनामी ने कहा…

सार्थक दुस्साहस - धन्यवाद

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

चिडि़यों से भी सीखा जा सकता है धैर्य और साहस ।
अच्छी कविता ।

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

इस के लिए उत्कट जिजीविषा होनी चाहिए बस और कुछ नहीं ....

कविता रावत ने कहा…

सच चिड़ियों को घरौंदा बनाते देख हर बार प्रेरणा मिलती हैं स्फूर्ति मिलती हैं
बहुत सुन्दर

सविता मिश्रा 'अक्षजा' ने कहा…

बहुत खूब

Blogoratti ने कहा…

Lovely photo.

Harshita Joshi ने कहा…

बहुत ही सुन्दर रचना

Unknown ने कहा…

घर बनाने के लिए उम्र नहीं इच्छा शक्ति की जरूरत होती हैं

Vocal Baba ने कहा…

चिड़ियों सा धीरज और उमंग बहुत मुश्किल है इंसान के लिए। फिर भी असंभव नहीं है।

Madhulika Patel ने कहा…

सुंदर रचना |

Sanju ने कहा…

Very nice post ...
Welcome to my blog on my new post.

कविता रावत ने कहा…

घर बनाना दुस्साहस नहीं
किसी भी उम्र में
अगर चिड़िया से मांग सके कोई
थोड़ा सा धीरज
थोड़ा सा उड़ना !!
..यही तो सीख चाहिए इंसान को
..बहुत सुन्दर प्रस्तुति

प्रभात ने कहा…

प्रेम और साहस का अनूठा परिचय

राज चौहान ने कहा…

उम्र हार जाती है धैर्य और परिश्रम के आगे
बेहतरीन

शुभा ने कहा…

बहुत सुंदर रचना ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत संवेदनशील ... धैर्य ज़रूरी है इस उम्र में .।।

Meena Bhardwaj ने कहा…

घर किसी भी उम्र बने इन्सान का उत्साह‎ देखने लायक होता है .बहुत खूबसूरती से आपने उसे शब्दों में ढाला है .