02 मई 2015

वो आकर्षण -- संजय भास्कर

                                                     चित्र - गूगल से साभार
कॉलेज को छोड़े करीब
आठ साल बीत गये !
मगर आज उसे जब 8 साल बाद
देखा तो
देखता ही रह गया !
वो आकर्षण जिसे देख मैं
हमेशा उसकी और
खींचा चला जाता था !
आज वो पहले से भी ज्यादा
खूबसूरत लग रही थी
पर मुझे विश्वास नहीं
हो रहा था !
की वो मुझे देखते ही
पहचान लेगी !
पर आज कई सालो बाद
उसे देखना
बेहद आत्मीय
और आकर्षण लगा
मेरी आत्मा के सबसे करीब !!

( C ) संजय भास्कर

31 टिप्‍पणियां:

कविता रावत ने कहा…

आत्मीय लगाव जीवनभर याद रहता है ...

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर.कुछ यादें हमेशा ताजा रहती हैं.
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नई पोस्ट : तेरे रूप अनेक

Tayal meet Kavita sansar ने कहा…

इस बात को सार्वजनिक रूप से स्पीकार करने के लिये बधाई मित्र

रचना दीक्षित ने कहा…

आत्मीयता यूँ ही नहीं मर जाती है. सुंदर कविता.

Himkar Shyam ने कहा…

मासूम और कोमल भावों से परिपूर्ण कविता, बधाई

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जो यादों में रहता है वो सदा वैसा ही रहता है ... समय बीत जाता है पर आकर्षण वही रहता है तभी वो वैसा ही लगता है जैसा आठ साल पहले ... भावपूर्ण रचना संजय जी ...

सदा ने कहा…

एक रिश्‍ता जो रहा हरदम यादों के साथ .... तो आत्मिक तो होना ही था :)

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुंदर रचना ।

dj ने कहा…

सुन्दर रचना सर।

Asha Joglekar ने कहा…

कुछ लोग हमेशा दिल में बसे होते हैं। और ये दोनों तरफ हो तो बस...कमाल।

Manoj Kumar ने कहा…

Some relation never die......

Very Nice...Post sir ji

Rewa Tibrewal ने कहा…

वाह! मन की डोर से बंधे रिश्ते ऐसे ही होते हैं .....नाजुक ख़याल लिए हुए सुन्दर रचना

dr.sunil k. "Zafar " ने कहा…

अति सूंदर...
जो तार दिल से जुड़े होते हैं वो टूटते नही...

वीरेंद्र सिंह ने कहा…

बहुत बढ़िया। दिल की बात जुवां पर आ गई।

कहकशां खान ने कहा…

दिल से निकले हुए शब्‍दों से सजी हुई रचना।

RK ने कहा…

nice...is it a poem or true story....:)

शिवनाथ कुमार ने कहा…

बीते दिनों में खुद को ढूंढना और फिर पा लेना सदा ही अच्छा लगता है
बहुत सुन्दर रचना संजय जी !

Unknown ने कहा…

दिल से लिखी गयी और दिल पर असर करने वाली रचना , बधाई तो लेनी ही होगी

Launna ने कहा…

Beautifully written ... thank you for dropping by my blog ;-)

Anjali Sengar ने कहा…

Beautiful poem..

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

यादें भी भूल-बिसर जाती हैं।

Shanti Garg ने कहा…

सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...

ज्योति-कलश ने कहा…

ख़ूबसूरत रचना !!

Tayal meet Kavita sansar ने कहा…

कुछ यादे जीवन भर के लिये होती है

Sanju ने कहा…

Very nice post ...
Welcome to my blog on my new post.

JEEWANTIPS ने कहा…

सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका इंतजार...

Madhulika Patel ने कहा…

sunder shabdon me. sunahri yaden. bahut acchi rachana

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

खबसूरत एहसास।

राज चौहान ने कहा…

बीते दिनों में खुद को ढूंढना और फिर पा लेना सदा ही अच्छा लगता है
बहुत सुन्दर रचना संजय जी !

शुभा ने कहा…

बहुत ही अच्छी प्रस्तुति। ।

Meena Bhardwaj ने कहा…

बहुत खूब‎सूरत रचना‎ संजय जी .