27 दिसंबर 2010

" ......इक अनाथ का दर्द ........"


मैं अनाथ हूँ तो क्या
मुझे न मिलेगा प्यार कभी
किसी की आँख का तारा
क्या कभी बन पाऊंगा
किसी के घर आँगन में
फूल बन मह्कूंगा कभी
ओ दुनिया वालों
मैं भी तो इक बच्चा हूँ
माना तुम्हारा खून नही हूँ
न ही संस्कार तुम्हारे हैं
फिर भी हर बाल सुलभ
चेष्टाएं तो हैं मेरी भी वही
क्या संस्कार ही बच्चे को
माँ की गोद दिलाते हैं
क्या खून ही बच्चे को
पिता का नाम दिलाता है
क्या हर रिश्ता केवल
खून और संस्कार बनाता है
तुम तो सभ्य समाज के
सभ्य इंसान हो
फिर क्यूँ नही
मेरी पीड़ा समझ पाते हो
मैं भी तरसता हूँ
माँ की लोरी सुनने को
मैं भी मचलना चाहता हूँ
पिता की ऊँगली पकड़
मैं भी चलना चाहता हूँ
क्या दूसरे का बच्चा हूँ
इसीलिए मैं बच्चा नही
यदि खून की ही बात है तो
खुदा ने तो न फर्क किया
फिर क्यूँ तुम फर्क दिखाते हो
लाल रंग है लहू का मेरे भी
फिर भी मुझे न अपनाते हो
अगर खून और संस्कार तुम्हारे हैं
फिर क्यूँ आतंकियों का बोलबाला है
हर ओर देश में देखो
आतंक का ही साम्राज्य है
अब कहो दुनिया के कर्णधारों
क्या वो खून तुम्हारा अपना नही
एक बार मेरी ओर निहारो तो सही
मुझे भी अपना बनाओ तो सही
फिर देखना तुम्हारी परवरिश से
ये फूल भी खिल जाएगा
तुम्हारे ही संस्कारों से
दुनिया को जन्नत बनाएगा
बस इक बार
हाथ बढाओ तो सही
हाथ बढाओ तो सही 
चित्र :- ( गूगल से साभार  )
 
कविता के माध्यम से एक अनाथ के दर्द को बयाँ किया है 
वंदना जी ने इतनी सुन्दरता से लिखा कि मैं अपने ब्लॉग पर ही ले आया 
वंदना जी कि कलम से निकली एक बेहतरीन रचना 
वंदना गुप्ता  जी के ब्लॉग से ये कविता आप तक  पहुंचा रहे है संजय भास्कर
 

92 टिप्‍पणियां:

कडुवासच ने कहा…

... bahut sundar lekhan ... shaandaar prastuti ... aap dono badhaai ke paatra hain ... bahut bahut badhaai !!!

Rahul Singh ने कहा…

आप मनचाही दुआ, हम अनसुनी फरियाद ...

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

bahut badiya lekhan
anaath ki sachchi gaatha

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अधिकार उनका भी है, इस धरा में।

Unknown ने कहा…

बहुत सुन्दर और मार्मिक कविता है

Unknown ने कहा…

सुन्दर रचना.........हम तक पहुचाने के लिए धन्यवाद |

naresh singh ने कहा…

आपका और वंदना जी का आभार इस रचना हेतु |

Unknown ने कहा…

सुंदर रचना.... पढवाने के लिए आभार
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ ॐ जी बहुत बहुत आभार

vandana gupta ने कहा…

शुक्रिया संजय मेरी कविता को अपने ब्लोग पर जगह देने के लिये।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत संवेदनशील अभिव्यक्ति..

उपेन्द्र नाथ ने कहा…

संजय जी वंदना जी की इस कविता को प्रस्तुत करने के लिए आभार ... बहुत ही भावपूर्ण व सुंदर कविता

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत सुन्दर और मार्मिक कविता है| धन्यवाद|

संध्या शर्मा ने कहा…

Sanjayji aapko va Vandanaji aapko bhi itani sunder rachna ke liye dhanywad.. bahut hi achchha prayas hai aapka... congratulations

Unknown ने कहा…

आह बहुत खूबसूरत कविता लिखी मनो दिल निचोड़ कर रख दिया हो.

Unknown ने कहा…

हमें पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए

babanpandey ने कहा…

मर्मस्पर्शी /
बाल समस्या के कारणों को टटोलती एक सुंदर रचना

केवल राम ने कहा…

एक बार मेरी ओर निहारो तो सही
मुझे भी अपना बनाओ तो सही
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
इन पंक्तियों में एक अनाथ अबोध बालक का दर्द बहुत गहराई से अभिव्यक्त हुआ है ....

Sushil Bakliwal ने कहा…

बहुत भावपूर्ण...

केवल राम ने कहा…

मुझे भी अपना बनाओ तो सही
फिर देखना तुम्हारी परवरिश से
ये फूल भी खिल जाएगा
तुम्हारे ही संस्कारों से
दुनिया को जन्नत बनाएगा
xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
आशा का कितना बखूबी चित्र खिंचा है ........और यह वास्तविकता है कि आभावों में जिया हुआ व्यक्ति भी जिन्दगी में नेक काम कर सकता है .....बहुत आभार संजय जी आपका .....बंदना गुप्ता जी आपको शुभकामनायें ...शुक्रिया

डॉ टी एस दराल ने कहा…

मार्मिक रचना ।
सुन्दर प्रस्तुति ।

Arvind Jangid ने कहा…

अत्यंत सुन्दर रचना, बधाई.

S.M.Masoom ने कहा…

किसी की आँख का तारा
क्या कभी बन पाऊंगा
किसी के घर आँगन में
फूल बन मह्कूंगा कभी
..
जितनी तारीफ की जाए कम है

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

आपका और वंदना जी का आभार इस रचना हेतु |

Dorothy ने कहा…

एक अनाथ बच्चे की पीड़ामय संसार की मर्मस्पर्शी एव संवेदनशील प्रस्तुति ने इसे असाधारण बना दिया है. आपका और वंदना जी का आभार इस खूबसूरत रचना के लिए.
सादर,
डोरोथी.

राज भाटिय़ा ने कहा…

एक मार्मिक ओर बहुत अच्छी रचना धन्यवाद

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत सुन्दर शब्दों में सजाया है कविता को |
बधाई
क्रिसमस की हार्दिक शुभ कामनाओं के साथ
आशा

Bharat Bhushan ने कहा…

वंदना जी की कविता पढ़वाने के लिए आभार. एक अनाथ के दर्द को लोगों तक पहुँचाना समाज सेवा है.

Suman ने कहा…

vandana ji ki anya rachnaye bhi maine padhi hai. yeha rachna bhi sunder hai........

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

संजय भाई, शब्‍दों के माध्‍यम से इतनी जीवंत तस्‍वीर कैसे खींच लेते हैं आप। हार्दिक बधाई।

---------
अंधविश्‍वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।

Shekhar Suman ने कहा…

vandana gupta ji ka to kya kehna....

अन्तर सोहिल ने कहा…

आपका धन्यवाद और वंदना जी का हार्दिक आभार इस रचना के लिये

प्रणाम

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ उदय जी..
@ राहुल सिंह जी..
@ संजय कुमार जी..
@ प्रवीण पाण्डेय जी..
@ ॐ जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ नरेश सिह राठौड़ जी..
@ वन्दना जी..
@ कैलाश शर्मा जी..
@ उपेंदर जी..
@ Patali-The-villege जी.
ब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ वन्दना दीदी जी..
आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो आपने मुझे अपनी रचना को दोबारा प्रकाशित करने की इजाजत दी

Unknown ने कहा…

bahut khoobsurt
mahnat safal hui aapki sanjay ji ...
vandan ji khobsurat rchna se roobroo karyawa aapne......

Unknown ने कहा…

Vandana ji bahut hu sunder likhti hai...
aap dono ka bahut aabhaar
or haan deri ke liye sorry.

regards
Preeti

Palak.p ने कहा…

bahut hi sunder rachna. badai swikare

समयचक्र ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना प्रस्तुति..वंदना जी को बधाई

palash ने कहा…

आपके रचना पढते पढते आँसू आ गये ।
इतनी अच्छी रचना कि रुला गयी मुझे ।

ये नन्हे बेबस बच्चे कहते

बिन गलती की ना हमे सजा दो ।

भविष्य नही भगवान नही

बस हमको भी इंसान बना दो ॥

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ संध्या जी..
@ बजरंग जी..
@ बबन पाण्डेय जी..
@ सुशिल बाकलीवाल जी..
@ डॉ टी एस दराल जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ केवल राम जी..
.बहुत आभार आपका
आप का ह्र्दय से बहुत बहुत
धन्यवाद,

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ अरविन्द जांगिड जी..
@ एस.एम.मासूम जी..
@ अरुण रॉय जी.
@ डोरोथी जी..
@ राज भाटिया जी..
@ आशा जी..
@ भूषण जी..

आप सबका शुक्रिया जिन्होंने अपने
बेशकीमती विचारों की टिप्पणियां दी
और मेरा और वंदना जी का हौसला बढाया

ज्ञानचंद मर्मज्ञ ने कहा…

संजय जी,
बड़ी संवेदना है इस कविता में ! कविता में उभरते प्रश्न मन को उद्वेलित करते हैं !
हमारी सामाजिक व्यवस्था को तार तार करती हुई यह कविता अपने मर्मस्पर्शी भाव से हृदय को विचलित करती है !
वंदना जी ने बड़ी ही गहराई में डूब कर यह कविता लिखी होगी !
इस कविता को आपने अपने ब्लॉग पर प्रकाशित करके अपने संवेदशील हृदय का परिचय दिया है !
आभार,
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ

Unknown ने कहा…

खून और संस्कार ही रिश्ते नहीं बनाते. यदि ऐसा होता तो हमारे दोस्त नहीं होते.
बहुत शानदार लिखा है. बधाई.
एक अनाथ की व्यथा को शानदार तरीके से पेश किया है.

अनुपमा पाठक ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति!

Kunwar Kusumesh ने कहा…

तुम्हारे ही संस्कारों से
दुनिया को जन्नत बनाएगा
बस इक बार
हाथ बढाओ तो सही
हाथ बढाओ तो सही

अच्छा और सुन्दर चित्रण

arvind ने कहा…

bahut sundar lekhan ... shaandaar prastuti

Prerna ने कहा…

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने!

Alokita Gupta ने कहा…

very touchy

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ सुमन जी..
@ जाकिर अली जी..
@ शेखर सुमन जी..
@ अन्तर सोहिल जी..
@ प्रीती जी..
@ पलक जी..
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

Unknown ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना प्रस्तुति......वंदना जी को बधाई

DR.ASHOK KUMAR ने कहा…

संवेदनशील जज्बातोँ को व्यक्त करती सुन्दर रचना । वन्दना जी और संजय भाई आप दोनोँ का आभार ।

" नज़रेँ मिलाके ना नज़रेँ झुकाओँ....... गजल "

http://vishwaharibsr.blogpost.com

शेखचिल्ली का बाप ने कहा…

बेटा , बहुत सुंदर लिखा है ।
आज आपकी याद आ रही थी सोचा आपकी ख़ैरियत भी ले लूं और अपनी याद भी दिला दूं !

Satish Saxena ने कहा…

बहुत प्यारी रचना ....
वंदना जी और आपको आभार

ManPreet Kaur ने कहा…

shukriya sanjay ji..
nav varsh ki shubhkaamnaye ..

pragya ने कहा…

काश कि हममें से हर कोई एक-एक इन मासूम बच्चों को गोद ले लेता....जनसंख्या कम करना और किसी को माता-पिता देना, दोनों काम एकसाथ हो जाते...

vandana gupta ने कहा…

संजय तुम्हारा और सभी ब्लोगर दोस्तो का हार्दिक धन्यवाद जो कविता को इतना सराहा मगर मुझे लगता है मेरा लेखन तब तक पूर्ण नही है जब तक कि ये संदेश प्रयोग मे ना लाया जाये।

POOJA... ने कहा…

वाह भाई...
वाकई बहुत मार्मिक रचना है...
आपको और वंदना जी को... बधाई...

smshindi By Sonu ने कहा…

NAYA SAAL 2011 CARD 4 U
_________
@(________(@
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please open it

@=======@
/”**I**”/
/ “MISS” /
/ “*U.*” /
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“LOVE”
“*IS*”
”LIFE”
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/ “LIFE” /
/ “*IS*” /
/ “ROSE” /
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“ROSE”
“**IS**”
“beautifl”
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/ “**IS**”/
/ “*YOU*” /
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Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !

V Vivek ने कहा…

ur post is nice. apna post continue rakhiye. i like ur post. plz follow me,visit me, & comment me.
http://alahindipoems.blogspot.com/

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

sundar aur marmik kavita.. aapke samajik sarokar ko darshati hui

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

नवबर्ष की शुभ-कामनाओं सहित

संजय कुमार चौरसिया

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

नव वर्ष की शुभकामनाएं।

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

यदि खून की ही बात है तो
खुदा ने तो न फर्क किया
फिर क्यूँ तुम फर्क दिखाते हो
लाल रंग है लहू का मेरे भी
फिर भी मुझे न अपनाते हो

बहुत ही मार्मिक रचना।

आप के और वंदना गुप्ता जी के प्रति आभार।

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ महेन्द्र मिश्र जी..
@ अपर्णा सेन पलाश जी..
@ ज्ञानचंद मर्मज्ञ जी..
@ मलखान सिंह जी..
@ अनुपमा पाठक जी..
@ कुंवर कुसुमेश जी..
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ अरविन्द जी..
@ प्रेरणा जी..
@ अलोकिता जी..
@ अमित जी..
@ मुस्कान जी..
@ डॉ. अशोक जी..
@ शेखचिल्ली जी..
आप सभी का ह्र्दय से बहुत बहुत आभार ! इसी तरह समय समय पर हौसला अफज़ाई करते रहें ! धन्यवाद !

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ सतीश जी..
@ हर्मन जी..
@ प्रज्ञा जी..
@ वंदना जी..
@ पूजा
@ सोनू शर्मा हिंदी
@ विवेक जी..
@ अरुण चन्द्र रॉय जी..
धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ संजय कुमार चौरसिया जी..
@ अजित गुप्ता जी..
@ महेंद्र वर्मा जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए

mark rai ने कहा…

नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं

डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति ने कहा…

नए साल पर हार्दिक शुभकामना .. आपकी पोस्ट बेहद पसंद आई ..आज चर्चामंच पर आपकी यह पोस्ट / रचना मैंने रखी है .. http://charchamanch.uchacharan.blogspot.com.. पुनः नववर्ष पर मेरा हार्दिक अभिनन्दन और मंगलकामनाएं |

Arun sathi ने कहा…

नववर्ष की शुभकामनायें।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

As we move towards a brand NEW START in 2011.

Wishing you & your family a very Happy & Prosperous New Year.
May the year ahead be filled Good Health, Happiness and Peace !!!

रानीविशाल ने कहा…

बेहद मार्मिक अभिव्यक्ति ....आपको और वंदना जी दोनों को ही बहुत धन्यवाद और नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ !!

Suman ने कहा…

naye varsh ki anek shubh kamnaye..........

Satish Chandra Satyarthi ने कहा…

बड़ी दर्द भरी कविता है..
आभार शेयर करने के लिए...
मैं नए वर्ष में कोई संकल्प नहीं लूंगा

amrendra "amar" ने कहा…

Dil ke behad karib se gujri aapki ye rachna

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आपका और वंदना जी का आभार ...

Unknown ने कहा…

वाकई बहुत मार्मिक रचना है...

Unknown ने कहा…

संवेदनशील जज्बातोँ को व्यक्त करती सुन्दर रचना ।
आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ, क्षमा चाहूँगा,

Unknown ने कहा…

bahut khoobsurt
mahnat safal hui aapki sanjay ji ...

Unknown ने कहा…

आपका और वंदना जी का आभार इस खूबसूरत रचना के लिए.
सादर,

Unknown ने कहा…

आह बहुत खूबसूरत कविता लिखी मनो दिल निचोड़ कर रख दिया हो.

Unknown ने कहा…

हमें पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ मार्क रॉय जी..
@ डॉ. नूतन - नीति जी..
@ अरूण साथी जी..
@ गोदियाल जी..
@ रानी विशाल जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ डॉ. नूतन - नीति जी..
.........मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ सुमन जी..
@ सतीश जी..
@ अमरेंदर अक्स जी..
@ दिगम्बर नासवा जी..
@ परवीन जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए

संजय भास्‍कर ने कहा…

@ तिलक जी..
@ करण जी..
मेरी हौसला अफज़ाई के लिए आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया.
वंदना जी को बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए

OM KASHYAP ने कहा…

बहुत खूबसूरत लिखा है आपने!

OM KASHYAP ने कहा…

...बहुत आभार संजय जी आपका .....बंदना गुप्ता जी आपको शुभकामनायें ...शुक्रिया

राज चौहान ने कहा…

एक मार्मिक ओर बहुत अच्छी रचना धन्यवाद

Sandip Yeole ने कहा…

बहुत उत्तम रचना