23 फ़रवरी 2017

लंबे अंतराल के बाद - कहीं तुम वो तो नहीं

ब्लॉगजगत के सभी साथियों को मेरा नमस्कार काफी दिनों से व्यस्त होने के कारण ब्लॉगजगत से दूर था करीब तीन महीने के पश्चात वापिस आना हो पा रहा है इस बीच कई बार पारिवारिक परेशानियां और स्वास्थ्य में उतार चढाव होते रहे पर एक बार पुनः वापसी के तैयार हूँ  एक लंबे अंतराल के बाद और उम्मीद करता हूँ आप सभी का इस पटल  निरंतर आगमन होगा..... वापसी एक पुरानी कविता से उम्मीद है पसंद आये !!



रोज़ सुबह उठते हुए
अकसर कुछ खो जाता है
कभी अधूरे सपने तो कभी उनका मज़मून.
'क्या देखा था.. कौन-कौन मिले थे'
..प्रश्न थोड़ी-थोड़ी देर में कौंधते हैं.
वैसे ही बचपन में साथ पढ़े
जब चेहरा बदलकर बीस-तीस वर्ष बाद मिलते हैं.
तो कुछ खो सा जाता हूँ...
'कहीं तुम वो तो नहीं', 'तुम्हें कहाँ देखा है' जैसे प्रश्न मन में अनायास घुस आते हैं.

-- संजय भास्कर


22 टिप्‍पणियां:

Rahul... ने कहा…

क्या देखा था ? कौन-कौन मिले थे ?... सवाल उठना लाजिमी है. और इन्हीं सवालों में जिंदगी खप जाती है. अगर नहीं कुछ ख़त्म होता है तो वो है- आत्मीयता।

ब्लॉग बुलेटिन ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "फ़ाइल ट्रांसफर - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

Anita ने कहा…

भावपूर्ण कविता..

Sudha Devrani ने कहा…

सार्थक रचना।

Sudha Devrani ने कहा…

सार्थक रचना।
जब चेहरा बदलकर बीस-तीस वर्ष बाद मिलते हैं.
तो कुछ खो सा जाता हूँ...
वाह!!

sunaina sharma ने कहा…

सही कहा - ज़िन्दगी भी सोने और जागने के बीच में उन प्रश्नों का जवाब ढूंढती कहीं खो जाती है ....मेरे ब्लॉग पर आने के लिए शुक्रिया - आशा करती हूँ की आपकी जो भी परेशानियां हैं कुछ काम हुई होंगी -

Pammi singh'tripti' ने कहा…

. खुबसूरत भावों की प्रस्तुत करती कविता।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ऐसा होना तो बहुत ही स्वाभाविक है ... क्योंकि धुंधली परतों पर चेहरे की नयी परतें जो आ जाती हैं ...
स्वागत है आपका पुनः ...

महेन्‍द्र वर्मा ने कहा…

वाह !! यथार्थ का सुंदर चित्रण ।

VIJAY KUMAR VERMA ने कहा…

वाह
बहुत सुन्दर

Shanti Garg ने कहा…

Bahut bhavpurna....
Mere blog par aapka swagat hai.

Unknown ने कहा…

सुन्दर शब्द रचना
होली की शुभकामनाएं
http://savanxxx.blogspot.in

Unknown ने कहा…

बीस-तीसस वर्ष बाद खुद से यह सवाल कही तुम वो तो नही बहुत बढिया लगा । आपने चार लाइनों में जिन्दगी के हर रंग लिख दिए है ।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...

Sanju ने कहा…

साथॆक प्रस्तुतिकरण......
मेरे ब्लाॅग की नयी पोस्ट पर आपके विचारों की प्रतीक्षा....

शुभा ने कहा…

बहुत सुंदर रचना । वाह!!!

Udan Tashtari ने कहा…

'कहीं तुम वो तो नहीं'...सुन्दर रचना

Sweta sinha ने कहा…

मन के भाव सहजता से शब्दों मे पिरोती सुंदर रचना आपकी👌👌

Vocal Baba ने कहा…

संजय जी बढ़िया लिखा है। और सुनाओ क्या हाल-चाल है?

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर।

Meena Bhardwaj ने कहा…

आप सदैव स्वस्थ व प्रसन्न‎ रहें बहुत सुन्दर लिखते हैं .

बेनामी ने कहा…

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