08 जून 2016

कुछ अधूरी सी कवितायेँ पुरानी डायरी के पन्ने - संजय भास्कर


अक्सर जब कभी मिल जाती है
पुरानी डायरी
तब लगभग हर उस शख्स के चेहरे पर
मुस्कराहट आ जाती है
जिसने कभी इस डायरी में
कुछ सपने संजोये होंगे !                        
डायरी में कैद होते है चंद खुबसूरत लब्ज,
कुछ बीती हुई यादें
कुछ ऐसी पंक्तियाँ
जिनमे में जिक्र होता है
कुछ पुरानी यादों का
हर उन खुबसूरत लम्हों का
तुम्हारी हँसी का
जो कैद होता है
डायरी के उन पन्नो में
ऐसा हर याद का जिक्र जो
समय के साथ धुँधली याद बन गई है !!
और आज नजर गई जब
उस डायरी पर
तब एक लम्हे में जिंदगी जी
लेने का अहसास
मुस्कुराहटें कुछ तस्वीरें
और कुछ अधूरी सी कवितायेँ
और बहुत कुछ बीते कल के बारे में
पुरानी यादों को ताजा कर गया !!

- संजय भास्कर

33 टिप्‍पणियां:

अभिव्यक्ति मेरी ने कहा…

डायरी एक संग्रहालय बीते हुए लम्हों का.। रचना बहुत अच्छी लगी।

Unknown ने कहा…

संग्रहालय से खोज कर लाना अच्छा लगता है , बधाई भास्कर जी

Unknown ने कहा…

bhawuk kar diya sanjay ji...

Sanju ने कहा…

प्रभावपूर्ण रचना...

मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है।

Satish Saxena ने कहा…

बहुत खूब , मंगलकामनाएं आपको.....

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति...

जमशेद आज़मी ने कहा…

बहुत सुंदर।

Malti Mishra ने कहा…

बहुत सुंदर, ऐसी रचना जो हमें भी अपनी डायरी के पन्ने पलटने को विवश कर दे।

कविता रावत ने कहा…

जाने कितनी ही यादें कैद होकर रह जाती हीं डायरी के पन्नों में .. कभी अचानक ही कैदी पर नज़र पड़ जाती है हमारी तो वे आज़ाद होकर सामने होते हैं हमारे और हम खो जाते हैं यादों में ..
बहुत अच्छी रचना

Asha Joglekar ने कहा…

यादें ही संजोयी होतीं हैं डायरी में, और दुबारासे उन गलियों में गुजरने से बहुत खुशी मिलती है।
हर उन खुबसूरत लम्हों का, यहां से हर को हट जाना चाहिये या फिर लम्हों की जगह लम्हा हो। क्षमा चाहती हूँ इस धृष्टता की।

आप मेरे ब्लॉग पर मुद्दत के बाद आये, बहुत अच्छा लगा।

Sadhana Vaid ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना संजय जी ! हर शब्द दाद का हकदार है ! बहुत खूब !

प्रभात ने कहा…

बहुत बढ़िया । अच्छी रचना।

प्रभात ने कहा…

बहुत बढ़िया । अच्छी रचना।

sunaina sharma ने कहा…

खूबसूरत यादों से भरी, कुछ मीठे पल, कुछ ग़मगीन, मेरे जीने का सबूत, मेरी डायरी

Shah Nawaz ने कहा…

सही में, कई पुरानी यादें ताज़ा हो गईं... बेहतरीन लिखा है।

शुभा ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना या कहूँ चित्रण ,पढ़कर जैसे सभी चित्र, यादें जैसे सामने ही आ गए ।

शुभा ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत रचना या कहूँ चित्रण ,पढ़कर जैसे सभी चित्र, यादें जैसे सामने ही आ गए ।

Himkar Shyam ने कहा…

बहुत ख़ूब

Unknown ने कहा…

दारी के पन्ने नहीं ये ज़िंदगी के फलसफे है , उलटते पलटते रहना चाहिए , अच्छी पंक्तियाँ बधाई संजय

Madhulika Patel ने कहा…

पुरानी डायरी हमारी यादों का हाथ पकड़ कर बीते पलों में ले ही जाती है । बहुत सुंदर ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

पुरानी डायरी में दिल के राज होते हैं जो दिल से दिल तक ही रहते हैं ... ऐसे लम्हों में पूरा जीवन बिताया जा सकता है ....

dj ने कहा…

बिल्कुल सही कहा आपने अक्सर जब कभी मिल जाती है
पुरानी डायरीलगभग हर उस शख्स के चेहरे पर
मुस्कराहट आ जाती है
जिसने कभी इस डायरी में
कुछ सपने संजोये होंगे ! और मेरे पास तो इस तरह मुस्कुरातेने के एक नहीं कई बहाने हैंानी कईं पुरानी डायरियाँ है :-) बहुत ही सुंदर रचना डायरी लिखने वाले हर शख्स के मनोभावों का चित्रण करती है

राजीव रंजन गिरि ने कहा…

वाह संजय जी
कई यादें ताजा हो गईं
सुंदर रचना... बधाई

यहाँ भी पधारें
http://rajeevranjangiri.blogspot.in/

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

सच !! अक्सर डायरी के पुराने पन्नों को पढने पर यही होता है |

Unknown ने कहा…

सुंदर अऊर उत्कृष्ठ प्रस्तुति।

Unknown ने कहा…

वाह! बहुत खूब !

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

खूबसुरत भावाभिव्यक्ति

Satish Saxena ने कहा…

यादें ही जीवन है ... मंगलकामनाएं संजय !!

Rashmi B ने कहा…

सुंदर रचना, भास्कर जी..

एक नई दिशा !

आशा बिष्ट ने कहा…

क्या बोले अब ....बहुत कुछ होता है पुराने पन्नो में

आशा बिष्ट ने कहा…

क्या बोले अब ....बहुत कुछ होता है पुराने पन्नो में

Unknown ने कहा…

अक्सर डायरी के पुराने पन्नों को पढने पर यही होता है |

Meena Bhardwaj ने कहा…

खुबसूरत .......,